Hastrekha Se Jane Kaha Hoga Niwas: जानें कब कहां और कैसा होगा आपका आशियाना, हाथ की रेखाएँ बताएंगी क्या होगा आपका खुद का घर
Hastrekha Se Jane Kaha Hoga Niwas :हाथ की रेखा से जाने कब और कहां होगा आपका निवास जानिए क्या आपके जीवन में है घर का योग
Hastrekha Se Jane Kaha Hoga Niwas: हर इंसान का सपना होता है कि वो जीवन में आगे बढ़ें, सफल रहे और उसके पास गाड़ी बंगला हो, लेकिन ज्यादातर लोगों के पास अपना आशियाना नहीं रहता है। उम्रभर मेहनत करने के बाद भी लोग अपने लिए घर बनाने में चूक जाते है। लेकिन कुछ लोगों को छत नसीब हो जाता है, ये सब हाथ की रेखाओं में होता है, जानते है कि हाथ की रेखा से आपका मकान कहां होगा।
हस्त रेखा बताती है कहां होगा आपका मकान
जिन लोगों के हाथ के अंगूठे और तर्जनी के बीच की दूरी कम होती है, उनका घर छोटा रहता है. वहीं इन लोगों का खुद का घर होगा इसकी संभावना भी कम ही होती है. किराए के घर में ही इनका जीवन बीत जाता है।
मंगल पर्वत का ऊंचा होना जातक को अपने घर का सुख जरूर देता है। मंगल ग्रह भूमि का कारक होता है। यदि मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करने वाले मंगल पर्वत पर मछली या शंख जैसे शुभ चिह्न हों तो ऐसे व्यक्ति के पास काफी पैसा और जमीन होती है।
यदि मस्तिष्क रेखा अतं में द्वि-शाखाकार हो और शनि की अंगुली लंबी हो तो मकान का दरवाजा कम आबादी की ओर होता है। हाथ कठोर और निम्न स्तर का हो, अंगूठा कम खुलता हो तथा मस्तिष्क रेखा दोषपूर्ण हो तो निवास स्थान छोटा और गंदी जगह पर होता है। मस्तिष्क रेखा या उसकी शाखा चंद्रमा पर जाती हो तो मकान किसी जलाशय, कुए, बावडी, तालाब या नहर के पास होता है।
जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा दोनों ही मोटी हों तो निवास स्थान के पास जानवरों के बाड़े के कारण गंदगी होती है । यदि जीवन रेखा गोलाकार हो और उसमें त्रिभुज भी हो तथा मस्तिष्क रेखा शाखान्वित हो, हाथ कोमल हो तो मकान सुंदर एवं बड़े आकार का होता है ।
यदि मस्तिष्क रेखा मंगल या चंद्रमा पर जाती हो तो ये पैतृक घर में ही निवास करते हैं । यदि मस्तिष्क रेखा ज्यादा हो तो पहले पैतृक घर में, फिर दूसरे घर में निवास करते हैं ।यदि मस्तिष्क रेखा अतं में द्विशाखाकार हो और शनि की अंगुली लंबी हो तो मकान का दरवाजा कम आबादी की ओर होता है । हाथ कठोर और निम्न स्तर का हो, अंगूठा कम खुलता हो तथा मस्तिष्क रेखा दोषपूर्ण हो तो निवास स्थान छोटा तथा गंदी जगह पर होता है ।
जब मस्तिष्क रेखा या उसकी शाखा चंद्रमा पर जाती हो तो मकान किसी जलाशय (कुआं, बावडी, तालाब या नहर) के पास होता है । जीवन रेखा में त्रिकोण हो और एक से अधिक भाग्य रेखाएं हों तो ऐसे व्यक्ति खुले-स्थान में मकान, बंगला, फ्लैट आदि बनाते हैं ।
जब एक से अधिक भाग्य रेखाएं हों, जीवन रेखा में त्रिकोण हो तथा शनि की अंगुली लंबी हो तो ऐसे व्यक्तियों के मकान में पार्क या बगीचा होता है । एक से अधिक भाग्य रेखायें हों, जीवन रेखा में त्रिकोण हो तथा मुख्य भाग्य रेखा चन्द्र पर्वत से निकली हो तो मकान या बंगले में कोई जलाशय (स्वीमिगं पुल) या नहाने का हौज होती है ।
जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा दोनों ही दोषपूर्ण हो, अंगुलियां मोंटी हों और अंगूठा कम खुलता हो तो इनके घर के पास गंदगी होती है और पड़ोसी भी अच्छे नहीं होते है ।जब हाथ पतला, काला, कठोर, ऊबड़- खाबड हो, अगूंठा छोटा और अंगुलियां मोटी हों तो ऐसे व्यक्तियों का निवास स्थान गंदी जगह पर होता है । रहने की जगह तंग-गलियों में होती है और पड़ौसी भी अच्छे नहीं होते ।।
हाथ की रेखा से जाने बंगला होगा या फ्लैट
मस्तिष्क रेखा या उसकी शाखा चंद्रमा पर जाती हो तो मकान किसी तलाब के पास होता है । जीवन रेखा में त्रिकोण हो और एक से अधिक भाग्य रेखाएं हों तो ऐसे व्यक्ति खुले-स्थान में मकान, बंगला, फ्लैट आदि बनाते हैं ।
एक से अधिक भाग्य रेखाएं हों, जीवन रेखा में त्रिकोण हो तथा शनि की अंगुली लंबी हो तो ऐसे व्यक्तियों के मकान में पार्क या बगीचा होता है । एक से अधिक भाग्य रेखायें हों, जीवन रेखा में त्रिकोण हो तथा मुख्य भाग्य रेखा चन्द्र पर्वत से निकली हो तो मकान या बंगले में कोई जलाशय (स्वीमिगं पुल) या नहाने का हौज होती है ।
जिस आयु में भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा के किसी त्रिकोण से निकलती हो, उसी आयु में मकान या संपत्ति बनाते हैं या पुरानी संपत्ति में फेरबदल या विस्तार करते हैं ।मोटी भाग्य रेखा वालों का मकान किसी पेड़ के नीचे या बड़े मकान की छाया में अथवा गली में होता है । जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा का जोड़ लंबा, जीवन रेखा टूटी हुई और मस्तिष्क रेखा दोषपूर्ण हो तो निवास स्थान के पास वातावरण गंदा होता है ।।
यदि मस्तिष्क रेखा जब चंद्रमा पर जाती हो, भाग्य रेखा भी चंद्रमा से निकलती हो तो निवास स्थान समुद्र या झील या नदी के किनारे होती है । अंगुलियां छोटी और पतली हों, जीवन रेखा गोलाकार हो, मस्तिष्क रेखा अच्छी हो तो ऐसे व्यक्ति अच्छा मकान स्वयं से बना लेते हैं ।
जीवन रेखा जिस आयु तक दाषेपूर्ण होती है उस आयु तक व्यक्ति को रहने के मकान की कमी रहता है । जीवन रेखा गोलाकार हो और मस्तिष्क रेखा एक से अधिक हो तो मकान स्वतंत्र खुली जगह में सुंदर और सुविधाओं से युक्त होता है ।
हथेली में भाग्य रेखा, जीवन रेखा, सूर्य रेखा मिलकर त्रिकोण की आकृति बनाएं तो ऐसे लोग कम उम्र में अपना घर बना लेते हैं. ये लोग अपनी मेहनत से जिंदगी में बड़ा मुकाम पाते हैं। ये लोग भविष्य में बड़े बंगले में रहने का सुख भी पा लेते हैं।
यदि हथेली में चंद्र पर्वत या शनि पर्वत से रेखाएं निकलकर भाग्य रेखा और जीवन रेखा तक जाएं तो ऐसे लोगों के पास अक्सर फ्लैट होता है. इन लोगों को अपनी ससुराल से भी भूमि लाभ मिलता है।