Holika Dahan Timing: होलिका दहन 2024 शुभ मुहूर्त कब है, होलिका दहन का शुभ समय कब रहेगा, जानिए सही तिथि

Holika Kab Jalai Jaegi: 2024 रंगों का त्योहार कब होगा और कब जलाई जाएगी होलिका, जानते हैं इसके बारें में

Update:2024-03-24 17:42 IST

Holika Dahan Kab Hai : होलिका दहन 2024 शुभ मुहूर्त कब है,  : साल 2024 में होली (Holi) इस बार 25 मार्च को मनाई जाएगी। हर साल होली फाल्गुन मास के पूर्णिमा को होलिका दहन के साथ मनाई जाती है।होलिका दहन के अगले दिन रंगोत्सव पूरे देश में उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। मान्यता है कि होलिका की आग बुराई को जलाने का प्रतीक है। इसे छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। इसके अगले दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में रंगवाली होली मनाई जाती है। इसे धुलण्डी भी कहा जाता है।

होली के 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है। मान्यता है कि होलाष्टक लगने के दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। जानते हैं होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और रंगों के त्योहार होली का महत्व...

फाल्गुन माह की पूर्णिमा के अगले दिन मनाई जाती है। साल 2024 में होली 25 मार्च दिन सोमवार को मनाई जाएगी। वहीं होलिका दहन 24 मार्च यानी रविवार को किया जाएगा। होलिका दहन, होली त्यौहार का पहला दिन, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसके अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है जिसे धुलेंडी, धुलंडी और धूलि आदि नामों से भी जाना जाता है।. होली बुराई पर अच्छाई की विजय के उपलक्ष्य में मनाई जाती है।

होलिका दहन 2024 शुभ मुहूर्त(Holika Dahan Shubh Muhurat 2024 )

2024 में होलिका दहन रविवार 24 मार्च को जबकि 25 को होली या धुरेड़ी का त्योहार खेला जाएगा

होलिका दहन तिथि - 24 मार्च 2024

होलिका दहन शुभ मुहूर्त: 11:13 पीएम से 12:27 एएम, मार्च 25

अवधि: 01 घण्टा 14 मिनट्स

भद्रा पूंछ - 06:33 पीएम से 07:53 पीएम

भद्रा मुख - 07:53 पीएम से 10:06 पीएम

प्रदोष के दौरान होलिका दहन भद्रा के साथ

होली - 25 मार्च 2024

होलिका दहन विधि (Holika Dahan Vidhi)

होलिका दहन का तैयारी बसंत पंचमी के दिन से होती हैं। होलिका दहन वाले स्थान पर लकड़ियां, उपले और अन्य जलाने के लिए बसंत पंचमी के दिन से इक्कठा किया जाता है। इसके बाद होलिका दहन के शुभ मुहूर्त पर विधिवत रूप से पूजन करते हुए होलिका में आग लगाई जाती है। फिर होलिका की परिक्रमा करते हुए पूजा सामग्री को होलिका में डाला जाता है। होलिका दहन वाले स्थान पर कुछ दिन पहले एक सूखा पेड़ रखा जाता है। होलिका दहन के दिन उस पर लकड़ियां, घास और गोबर के उपले रखकर आग लगाते हैं। होलिका दहन में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है। होलिका दहन को छोटी होली भी कहा जाता है। इसके अगले दिन एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली का त्योहार मनाया जाता है। होलिका दहन की लपटें बहुत लाभकारी होती है, माना जाता है कि होलिका की पूजा करने से साधक की हर चिंता दूर हो जाती है। होलिक दहन की अग्नि नकारात्मकता का नाश करती है वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो इसकी लपटों से वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं. होलिका पूजा और दहन में परिक्रमा बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. कहते हैं परिक्रमा करते हुए अपनी मनोकामनाए कहने से वो जल्द पूरी हो जाती है। इस तरह बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व होली हमे हर बार सीख देता है कि हम जैसा कर करेंगे वैसा ही ईश्वर की कृपा बरसेगी।

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