Holika Dahan Shubh Muhurat: होलिका दहन आज, जानें- सही समय और शुभ मुहूर्त

Holika Dahan Shubh Muhurat: होली (Holi) इस बार 8 मार्च को मनाई जाएगी। हर साल होली फाल्गुन मास के पूर्णिमा को होलिका दहन के साथ मनाई जाती है। मतलब ये कि होली से एक दिन पहले पूर्णिमा को होलिका जलाई जाती है।

Update: 2023-03-07 13:49 GMT

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Holika Dahan Shubh Muhurat: होली कब है, साल 2023 में होली (HOli) इस बार 8 मार्च को मनाई जाएगी। हर साल होली फाल्गुन मास के पूर्णिमा को होलिका दहन के साथ मनाई जाती है। मतलब ये कि होली से एक दिन पहले पूर्णिमा को होलिका जलाई जाती है।उसके दूसरे दिन होली जलाई जाती है। होलिका की आग बुराई को जलाने का प्रतीक है। इसे छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। इसके अगले दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में रंगवाली होली मनाई जाती है। इसे धुलण्डी भी कहा जाता है।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त (Holika Dahan Time)

फाल्गुन मास 2023 की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 6 मार्च को शाम से होगा। इसके कारण प्रदोष व्यापिनी व्रत की पूर्णिमा का मान रहेगा और पूर्णिमा तिथि 7 मार्च को संध्याकाल तक रहेगा, उदया तिथि को माननेवाले 7 मार्च को पूर्णिमा तिथि मान रहे हैं, भद्रा के बारे में बात करें तो भद्रा काल 6 मार्च 2023 को शाम 4 . 48 मिनट से 7 मार्च 2023 को सुबह 14 मिनट तक रहेगा। ऐसे में 7 मार्च को भद्रा का साया समाप्त होने के बाद इसी दिन होलिका दहन किया जायेगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 7 मार्च 2023 को शाम 6 .24 मिनट से रात 8. 51 मिनट तक है।

होलिका दहन 2023 तिथि, समय, शुभ मुहूर्त, भद्रा,फाल्गुन पूर्णिमा प्रारंभ, समाप्त 

  • होलिका दहन मंगलवार, 7 मार्च 2023 को
  • होलिका दहन मुहूर्त - 06:24 शाम से 08:51 रात तक
  • कुल अवधि - 02 घंटे 27 मिनट
  • भद्रा पुंछा - 12:43 AM से 02:01 AM
  • भद्रा मुख - 02 बजकर 01 मिनट से 04 बजकर 11 मिनट तक
  • उदय व्यापिनी पूर्णिमा के बिना प्रदोष के दौरान होलिका दहन
  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 06 मार्च 2023 को शाम 04:17 बजे
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त - 07 मार्च 2023 को शाम 06:09 बजे
  • इस साल 7 मार्च को होलिका दहन होलिका दहन के लिए मुहूर्त रात्रि तीन से 4:30 बजे शुभ व 4:30 से 6 बजे तक अमृत में रहेगा। होलिका दहन अति शुभ रहेगा।

 होली 8 मार्च गुलाल-अबीर

8 मार्च 2023 को रंगों की होली खेली जाएगी। होलिका दहन सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में किया जाता है। फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 6 मार्च 2023 को शाम 04.17 मिनट पर शुरू होगी, जिसका समापन 7 मार्च 2023 को शाम 06 . 09 मिनट पर होगा।

होलिका दहन विधि-सामग्री (Holika Dahan Vidhi Aur Samagri)

एक लोटा जल, गाय के गोबर से बनी माला, अक्षत, गन्ध, पुष्प, माला, रोली, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, गेंहू की बालियां से  होलिका दहन  किया जाता है। लकड़ियां, उपले और अन्य जलाने के लिए बसंत पंचमी के दिन से इक्कठा किया जाता है। इसके बाद होलिका दहन के शुभ मुहूर्त पर विधिवत रूप से पूजन करते हुए होलिका में आग लगाई जाती है। फिर होलिका की परिक्रमा करते हुए पूजा सामग्री को होलिका में डाला जाता है। होलिका दहन वाले स्थान पर कुछ दिन पहले एक सूखा पेड़ रखा जाता है। होलिका दहन के दिन उस पर लकड़ियां, घास और गोबर के उपले रखकर आग लगाते हैं। होलिका दहन में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है। होलिका दहन को छोटी होली भी कहा जाता है। इसके अगले दिन एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली का त्योहार मनाया जाता है। होलिका दहन की लपटें बहुत लाभकारी होती है, माना जाता है कि होलिका की पूजा करने से साधक की हर चिंता दूर हो जाती है। होलिक दहन की अग्नि नकारात्मकता का नाश करती है वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो इसकी लपटों से वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं. होलिका पूजा और दहन में परिक्रमा बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. कहते हैं परिक्रमा करते हुए अपनी मनोकामनाए कहने से वो जल्द पूरी हो जाती है। इस तरह बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व होली हमे हर बार सीख देता है कि हम जैसा कर करेंगे वैसा ही ईश्वर की कृपा बरसेगी।

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