Jai Shree Ram: राम भक्त तुम राम समाना
Jai Shree Ram: शंकर सुवन केसरी नंदन करहु अनुग्रह हे दुखभंजन
।।जयसियाराम।।
गावै संत सुनावै बानी
तुम्हारे गुन बहुभाँति बखानी
महके प्राण दुसह दुख सहके
हिया हिले जस पंछी चहके।।21।।
राम भक्त तुम राम समाना
शंकर स्वयं लगावे ध्याना
शंकर सुवन केसरी नंदन
करहु अनुग्रह हे दुखभंजन।।22।।
हे अतुलित बल धाम विधाता
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता
कलियुग कल्प कृपा करु स्वामी
हे कपिकिंकर अंतर्यामी।।23।।
हे सुख दायक दया प्रदाता
दास रामके सुनहु ये बाता
जापर कृपा तुम्हारी होई
भागे भूत नही दुख कोई।।24।।
विनय शील अवतार समाना
तुमसे बचे लखन के प्राना
राम मुद्रिका सिया पठावा
शुभ आशीष सिया से पावा।।25।।
हे बजरंगबली रिपुनाशी
बज्रदेह बलधर अविनाशी
दानव दुष्ट दहन करि आवै
जय हनुमान ज्ञान गुन गावै।।26।।
प्रनवउँ नाथ करू तोरि ध्याना
कृपा करो मोपर हनुमाना
महाबीर के चरण धरू मैं
रावरि इच्छा सदा करू मैं।।27।।
मंगल दिवस अमंगल जारो
संकट काल सदा ही टारो
हे बजरंगबली गुरु ज्ञानी
रावरि कृपा सदा हम जानी।।28।।
जीवन जनित रोग सब नासे
जीव जनम करुणाकर आसे
सिया तनय हनुमान गोसाईं
रावरि कृपा से सबही पाई।। 29।।
आवत ज्ञान मिटे अज्ञाना
कृपा होहि तब बने सुजाना
रोग मिटे भव बंधन सगरी
रावरि कृपा भरी मम गगरी।।30।।
।।श्री सीताराम नाम महाराज की जय।।