Janmashtami 2022: असमंजस की स्थिति हुई दूर 19 अगस्त को है जन्माष्टमी का व्रत

Janmashtami 2022: महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान “ट्रस्ट” के ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय आपके अंदर चल रहे इस उधेड़बुन का सटीक और सही जवाब दे रहे हैं। तो आइये जानते हैं उनसे कि जन्माष्टमी का पावन पर्व किस दिन है।

Written By :  Preeti Mishra
Update: 2022-08-17 02:51 GMT

krishna janmastami (Image credit: social media)

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Janmashtami 2022 Date and Time: हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी प्रत्येक साल भाद्रपद मास (भादो) के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक़ भादो मास के कृष्ण पक्ष के रोहिणी नक्षत्र में अष्टमी तिथि को भगवान् श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के जेल में हुआ था। पूरे विश्व में फैले भगवान कृष्ण के भक्त जन्माष्टमी के त्यौहार को बड़े धूम-धाम और हर्षोउल्लास के साथ मानाते हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के बाल गोपाल रूप की पूजा की जाती है। धार्मिक पुराणों की माने तो भगवान श्री कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था इसलिए जन्माष्टमी पूजा भी मध्यरात्रि में ही की जाती है। हर साल जन्माष्टमी का पर्व 2 दिन पड़ता है। इस वर्ष भी लोगों के बीच जन्माष्टमी के सही डेट को लेकर असमंजस की स्थिति है कि जन्माष्टमी 18 अगस्त को है या 19 अगस्त को या 20 अगस्त को।

महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान "ट्रस्ट" के ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय आपके अंदर चल रहे इस उधेड़बुन का सटीक और सही जवाब दे रहे हैं। तो आइये जानते हैं उनसे कि जन्माष्टमी का पावन पर्व किस दिन है


                                                                             ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय

किस तारीख को मनाये जन्माष्टमी

ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस वर्ष यह व्रत शुक्रवार को अष्टमी तिथि एवं रोहिणी नक्षत्र का योग एक साथ न मिलने के कारण अर्धरात्रि व्यापिनी अष्टमी तिथि में 19 अगस्त शुक्रवार को जन्माष्टमी का व्रत व जन्मोत्सव मनाया जायेगा ।इसी दिन सबके लिए एक ही दिन एक ही साथ जन्मोत्सव मनाया जायेगा।।

शुभ मुहूर्त :

बता दें कि पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस वर्ष भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि शुक्रवार को पूरे दिन सम्पूर्ण तिथि भोगकर रही है जो रात्रि 1:06 मिनट तक रहेगी । साथ ही साथ रोहिणी नक्षत्र मतावलम्बी कतिपय विशिष्ट वैष्णवजन शनिवार 20 अगस्त को व्रत रखेंगे।

किस दिन रखें व्रत

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत व जन्मोत्सव गृहस्थ जन 19 अगस्त शुक्रवार को ही अष्टमी तिथि पूरे दिन मिलने के कारण शुक्रवार को ही व्रत रहेंगे व रात्रि में जन्मोत्सव मनाएंगे।।

ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय के अनुसार पूजन विधि-पूरे दिन भर व्रत करते हुए सायं काल भगवान श्रीकृष्ण की झाँकी सजाकर श्री कृष्ण का बाल स्वरूप मूर्ति पालने में रखकर मध्यरात्रि के पहले गौरी गणेश,वरुण का आवाहन व पूजन करते हुए मध्यरात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के साथ आवाहन करके षोडशोपचार पूजन करके पंजीरी व शुद्ध खोए का भोग लगाकर तुलसी पत्र प्रसाद में डाल देवें तत्पश्चात आरती करें श्रीकृष्ण का ध्यान स्तुति कर रात्रि जागरण करना चाहिए ।।

ध्यान रहे बाल गोपाल को जब भोग लगाएं तो उसमें तुलसी जरूर डालना चाहिए। अगर आप जन्माष्टमी का व्रत कर रहे तो रात 12 बजे तक अन्न का सेवन नहीं करें। इसके अलावा जन्माष्टमी के दिन गाय की पूजा और सेवा करना बड़ा ही शुभ माना जाता है।

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