Bada Mangal 2024: ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल की कब हुई शुरूआत, जानें इस दिन क्यों होता है भंडारों का आयोजन

Bada Mangal 2024: हनुमान जी भगवान राम से पहली बार ज्येष्ठ महीने के मंगलवार के दिन ही मिले थे, इसीलिए ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है।

Report :  Shalini singh
Update:2024-06-04 12:44 IST

Bada Mangal 2024

Bada Mangal 2024: सनातन धर्म में मंगलवार का दिन भगवान हनुमान का दिन माना जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने का अलग ही महत्व होता है। ज्येष्ठ माह में आने वाले सभी मंगलवारों को बड़ा मंगल कहा जाता है और ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल पर लखनऊ में भंडारे की परंपरा दशकों पुरानी है। राम भक्त हनुमान को समर्पित बड़े मंगल की शुरूआत इस वर्ष 28 मई 2024 से हुई है और आज यानी 4 जून को वर्ष का दूसरा बड़ा मंगल है।

हिंदू धर्म के अनुसार, हनुमान जी भगवान राम से पहली बार ज्येष्ठ महीने के मंगलवार के दिन ही मिले थे। इसीलिए ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है। इस दिन बजरंग बली की पूजा की जाती है और भक्तों के लिए जगह-जगह भंडारों का आयोजन होता है। मंदिर में दर्शन पूजन के लिए भी भक्तों का सैलाब उमड़ता है। आइए जानते हैं कि बड़ा मंगल मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई और इस दिन को क्यों मनाया जाता है।

ऐसे हुई बड़े मंगल की शुरूआत

ऐसा कहा जाता है कि अवध के मुगल शासक नवाब मोहम्मद अली शाह के बेटे की तबीयत खराब हो गई थी, जिसकी वजह से उनकी बेगम बेहद दुखी रहती थी। कुछ लोगों ने बेटे की सेहत में सुधार के लिए लखनऊ केअलीगंज स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में जाने और वहां हनुमान जी की पूजा करते हुए मन्नत मांगने की सलाह दी। उन्होंने ऐसा किया और इसके बाद उनके बेटे की तबीयत में सुधार हुआ और वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गया। इसके बाद नवाब और उनकी पत्नी ने अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर की मरम्मत करवाई और पूरे लखनऊ में गुड़ और प्रसाद बांटा। तब से ही बड़े मंगल की शुरुआत हुई और ज्येष्ठ महीने के हर मंगलवार को जगह-जगह भंडारे का आयोजन होने लगा।


इस साल बड़ा मंगल कब

इस वर्ष हिंदू कैलेंडर के तीसरे महीने यानी ज्येष्ठ का पहला बड़ा मंगल 28 मई को शुरू हुआ और 2024 में कुल चार बड़े मंगल पड़ेंगे। उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में बड़ा मंगल बहुत उत्साह से मनाया जाता है। भक्त जन मंदिरों के साथ ही चौक-चौराहों और गली-मोहल्लों में भी भंडारा कराते हैं।


हलवा-पूरी, आलू-कचौरी, छोला-चवाल, कढ़ी चावल से लेकर जूस और आइसक्रीम तक भंडारे में कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन प्रसाद के रूप में बांटे जाते हैं। ऐसी मान्यता है की बजरंग बली की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

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