Jyeshtha Purnima 2021: पापों का नाश व मुक्ति का खोलता मार्ग, जानिए कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत

Jyeshtha Purnima Vrat 2021 इस दिन व्रत कर वट की पूजा और परिक्रमा करने से पति की लंबी आयु और मुक्ति की प्राप्ति होती है।

Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update: 2021-05-28 05:46 GMT

सांकेतिक तस्वीर( सौ. से सोशल मीडिया)

 ज्येष्ठ पूर्णिमा 2021 में कब है?

ज्येष्ठ माह ( Jyeshth Purnima 2021) में आने वाली पूर्णिमा का धर्मानुसार बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन को वट पूर्णिमा भी कहते हैं। इस बार यह पर्व 24-25 जून को है। धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन दान-पुण्य व व्रत से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है।

साथ ही इस दिन दान करने से पितरों का भी भला होता है और उन्हें मुक्ति मिलती है। इसलिए इस दिन ख़ास तौर पर महिलाओं को व्रत कर विशेष रूप से भगवान शंकर व भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिये।

भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन तीर्थ स्नान, दान और व्रत करने का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत पूजा करने से से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और उन्हें मुक्ति की प्राप्ति होती है। महिलाएं पूर्णिमा के दिन भगवान शंकर और भगवान विष्णु की पूजा पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके पति की लंबी उम्र की कामना से वट वृक्ष यानी बरगद की पूजा और व्रत करती हैं। वट पूर्णिमा का व्रत वट सावित्री के व्रत की तरह ही रखा जाता है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का शुभ मुहूर्त (( Jyeshth Purnima 2021 Shubh Muhurat)

  • वट सावित्री पूर्णिमा: 24-25 जून
  • पूर्णिमा तिथि शुरू : 24 जून,2021 को 03.34PM से 03.34 से
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त:  25 जून,2020 को00.11 AM तक

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का महत्व

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन हिंदू धर्मावलंबी गंगा जल लेकर अमरनाथ यात्रा के लिये निकलते हैं। जब धरती पर प्रचंड गर्मी रहती है और कई नदी व तालाब सूख जाते हैं या उनका जल स्तर कम हो जाता है। इसलिए इस महीने में जल का महत्व अन्य महीनों की तुलना में ज्यादा रहता है।इसीलिए ऋषि-मुनियों ने ज्येष्ठ माह में आने वाले इन त्योहारों जैसे- गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी के माध्यम से संदेश दिया है कि जल के महत्व को पहचानें और इसका सदुपयोग करें।

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