Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर रविवार से प्रारम्भ, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
Shardiya Navratri 2023: कलश स्थापना मुहूर्त सूर्योदय से लेकर पूरे दिन कभी भी किया जा सकता है। विशेष अभिजीत मुहूर्त दिवा 11:36 से 12:24 तक है। इस वर्ष नवरात्र पूरे नौ दिनों का है।
Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि आश्विन शुक्ल प्रतिपदा रविवार 15 अक्टूबर से आरम्भ हो रहा है। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय बताते है कि आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि पूरे दिन व मध्यरात्रि 11:52 मिनट तक है व चित्रा नक्षत्र सायं 06:43 तक है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र नौ दिनों का है। रविवार से प्रारम्भ होकर सोमवार 23 अक्टूबर को पूर्णाहूति होगी।
कलश स्थापना मुहूर्त
कलश स्थापना मुहूर्त सूर्योदय से लेकर पूरे दिन कभी भी किया जा सकता है। विशेष अभिजीत मुहूर्त दिवा 11:36 से 12:24 तक है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष नवरात्र पूरे नौ दिनों का है। सम्पूर्ण मानव जाति को चाहिए की माँ भगवती का ध्यान कर "जयन्ती मङ्गला काली भद्र काली कपालिनी,दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते" मन्त्र का मानसिक जप करते रहें है व दुर्गा सप्तशती का निष्ठा पूर्वक नित्य पाठ करें। जिससे सम्पूर्ण जनमानस का कल्याण हो।
पंडित राकेश पांडेय ने बताया कि कलश स्थापना के पश्चात माँ भगवती का पूजन षोडशोपचार वा पञ्चोपचार कर दुर्गासप्तशती का पाठ,नवार्ण मन्त्र का जप करें। प्रत्येक सनातन धर्मियों को चाहिए की इस दिन मंगल ध्वज आदि से घर को सुसज्जित करें।
शारदीय नवरात्रि 2023: महत्व
शारदीय नवरात्रि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। यह पूरे देश में बहुत ही भव्यता के साथ मनाया जाने वाला है। ये दिन देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा के लिए समर्पित हैं। नवरात्रि अलग-अलग शहरों में अपने रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार अलग-अलग तरीकों से मनाई जाती है। दुर्गा पूजा बहुत उत्साह के साथ मनाई जाती है और यह कोलकाता, पश्चिम बंगाल, बिहार और त्रिपुरा का सबसे प्रसिद्ध त्योहार है। नवरात्रि गरबा गुजरात में भी प्रसिद्ध है और बड़ी भव्यता के साथ मनाया जाता है। वे नवरात्रि के इन नौ दिनों के दौरान गरबा नृत्य का आयोजन करते हैं और देवी दुर्गा की पूजा करते हैं। वहीँ उत्तर भारत में नवरात्रि के अवसर पर जगह-जगह रामलीला का आयोजन किया जाता है।