Kalashtami Vrat 2025 Tithi: कालाष्टमी व्रत की महिमा जानिए कब और कैसे करे पूजा दान

Kalashtami Vrat 2025 Tithi: 20 फरवरी को कालाष्टमी व्रत और भगवान काल भैरव की पूजा करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है।;

Update:2025-02-17 08:57 IST

Kalashatami Vrat 2025 Tithi: कालाष्टमी व्रत सच्चे मन और श्रद्धा से करने पर भगवान काल भैरव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत संकटों को हरने वाला, सुख-समृद्धि देने वाला और जीवन में शांति बनाए रखने वाला माना जाता है। सही विधि से पूजा करने और दान करने से भक्त के सभी कष्ट दूर होते हैं, और उसे आध्यात्मिक और भौतिक जीवन में उन्नति प्राप्त होती है।

कालाष्टमी का विशेष स्थान है। यह व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र और शक्तिशाली स्वरूप, भगवान काल भैरव की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं, नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है, और भगवान काल भैरव की कृपा प्राप्त होती है।

कालाष्टमी की तिथि और शुभ मुहूर्त

फरवरी 2025 में कालाष्टमी व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा।

कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 20 फरवरी को सुबह 9:58 बजे होगा ।

इसका समापन 21 फरवरी को सुबह 11:57 बजे होगा। इसलिए, 20 फरवरी को कालाष्टमी व्रत और भगवान काल भैरव की पूजा करना शुभ माना गया है।

कालाष्टमी की पूजा विधि

सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।मन को शुद्ध और शांत रखते हुए व्रत का संकल्प लें।घर के पूजा स्थल में भगवान काल भैरव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।भगवान का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) एवं गंगाजल से अभिषेक करें।उन्हें इत्र, सफेद फूलों की माला पहनाएं और चंदन का तिलक लगाएं।सरसों के तेल का दीपक जलाएं और धूप-दीप से पूजा करें।भगवान को मिष्ठान्न (हलवा, मिठाई) और फल का भोग अर्पित करें।काल भैरव जी की कृपा प्राप्त करने के लिए ‘काल भैरव अष्टक’ का पाठ करें और भगवान के मंत्रों का जाप करें।अंत में भगवान की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।

कालाष्टमी दान का महत्व 

इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए दान से व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होते हैं, और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।काले कुत्ते को रोटी खिलाना – भगवान काल भैरव के वाहन श्वान (कुत्ता) को रोटी खिलाने से पापों का नाश होता है।गरीबों को भोजन कराना – इससे व्यक्ति को पुण्य मिलता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।जरूरतमंदों को वस्त्र दान करना – यह कष्टों को दूर करता है और जीवन में स्थिरता लाता है।

कालाष्टमी व्रत के नियम

कालाष्टमी के दिन भक्त को कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए, जिससे व्रत का पूरा फल प्राप्त हो सके। व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। मन और वाणी को शुद्ध रखें। भगवान काल भैरव की पूजा, ध्यान और मंत्र जाप करें।

 क्या न करें?- मांस, मदिरा और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन न करें। किसी से विवाद, कटु वचन या नकारात्मक विचारों से दूर रहें। पूजा के समय क्रोध और अहंकार से बचें।।

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