Kartik Amavasya Par Upay: कार्तिक अमावस्या दिन है बहुत खास, इस दिन किये गए देंगे आपको पहचान मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद

Kartik Amavasya Par Upay: कार्तिक अमावस्या के दिन क्या करें और इस दिन का क्या है धार्मिक महत्व जानिए...;

Written By :  Suman Mishra
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Update:2023-11-01 08:00 IST
Kartik Amavasya Par Upay: कार्तिक अमावस्या दिन है बहुत खास, इस दिन  किये गए देंगे आपको पहचान मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद
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Kartik Amavasya Par Upay:  कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को  दिवाली मनाई जाती है। इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। अमावस्या के अँधकार को दियों से जगमगाया जाता है। साल में 12 अमावस्या होती है।इस दिन स्नान-दान का महत्व है। इस दिन पितरों को दान पूजा का महत्व होता है। 12 अमावस्या में दिवाली का दिन जो कार्तिक अमावस्या पर पड़ता है , लक्ष्मी के आगमन और समृदि का दिन है। इस साल 12 नवंबर को अमावस्या है। इस दिन दिवाली का पर्व है।

कार्तिक अमावस्या दिवाली

रौशनी का त्योहार दिवाली अंदर बाहर दोनों तरफ अंधकार मिटाता है। इस दिन हम अध्यात्मिक और समाजिक होकर दीपात्सव मनाते हैं और घर बाहर साफ कर मां लक्ष्मी के आगमन का इंतजार करते हैं। अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला दीपों का उत्सव दीपावली इस साल 2023 में 12 नवंबर को है। दिवाली या दीपावली जो भी कहे मतलब को वातावरण को रौशन करना है। दिवाली को हिंदू, सिक्ख, बौध व जैन धर्म में मनाया जाता है। सनातन धर्म में इस दिन लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन किया जाता है।

हर साल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दीपावली मनाई जाती है। अमावस्या तिथि पर प्रदोष काल में दिवाली पर लक्ष्मी पूजन करने का विधान है। कहते हैं लंका पर विजय पाकर रावण के बाद 14 वर्ष का वनवास पूरा करके श्रीरामजी दिवाली के दिन ही अयोध्या आएं थे। तो पूरी नगरी को रौशन किया गया था।

अमावस्या पर पूजा का शुभ -मुहूर्त

इस बार दिवाली पर अमावस्या तिथि 12 नवंबर को है। उसी दिन निशित काल में भी अमावस्या तिथि रहेगी।  इस दिन दिवाली का शुभ मुहूर्त पूरे दिन होता है। इस दिन से पहले घर के हर कोने को अच्छे से साफ कर लिया जाता है। फिर दिवाली के दिन शाम के बाद शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी का पूजन करते हैं। जानते हैं...

12 नवंबर की शाम 5 बजकर 40 मिनट से लेकर 7 बजकर 36 मिनट तक है।

लक्ष्मी पूजा के लिए शाम 05.39 - रात 07.35 (12 नवंबर 2023), अवधि - 01 घंटा 56 मिनट

इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करने से जीवन में अपार सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी। 13 नवंबर 2023, सोमवार की दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगा

पूजा की अवधि- 01 घंटा 54 मिनट

प्रदोष काल मुहूर्त -शाम 05:29 - रात 08:08

वृषभ लग्न- शाम 05:39 - रात 07:35

महानिशीथ काल-23.38 से 24.30 तक

विशेष सिंह लग्न - प्रात: 12:10 - प्रात: 02:27 (13 नवंबर 2023)

 अमावस्या पर लक्ष्मी पूजन कब करें

मान्यता है कि देवी लक्ष्मी का पूजन प्रदोष काल में किया जाना चाहिए। प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में पूजन करना सर्वोत्तम माना गया है। इस दौरान जब वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ राशि लग्न में उदित हों तब माता लक्ष्मी का पूजन करना सही रहता है। क्योंकि ये चारों राशि स्थिर स्वभाव की होती हैं। और अगर कोई स्थिर लग्न के समय पूजा करें तो माता लक्ष्मी वहां घर में ठहर जाती है। उनकी कृपा बरसती है। इसके अलावा लक्ष्मी पूजन के लिए महानिशीथ काल भी महत्व रखता है। इस काल में मां काली की पूजा का विधान है।

कार्तिक  अमावस्या पर करें ये उपाय

अमावस्या के दिन पेड़-पौधे लगाना बेहद शुभ होता है। कार्तिक अमावस्या के दिन पीपल, बरगद, केला, नींबू, तुलसी और आंवला जैसे पेड़-पौधे लगाने का धार्मिक महत्व है। क्योंकि इन वृक्षों पर देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए इस दिन इन पेड़-पौधों को लगाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित होता है। इसलिए कार्तिक अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करना भी उत्तम माना जाता है।

इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करके इसकी परिक्रमा की जाती है। इस दिन शास्त्रों के अनुसार पूजन करने से विशेष लाभ मिलता है। परेशानियों को दूर करने के लिए इस दिन कई उपाय भी किए जाते हैं। जानते हैं क्या हैं वे उपाय

परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए कार्तिक अमावस्या पर किसी नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं, चीटियों को चीनी या सूखा आटा खिलाएं। सावन माह में चींटियों और मछलियों जैसे जीवों को कुछ खिलाना अच्छा रहता है।

कार्तिक अमावस्या के दिन किसी हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए साथ ही हनुमान जी को सिंदूर का चोला और चमेली का तेल चढ़ाए। ऐसा करने से परेशानियों से मुक्ति मिलती है

कार्तिक अमावस्या की संध्या को घर के ईशान कोण में घी का दीपक प्रज्वलित करें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और दरिद्रता नष्ट होती है। लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए रात में पूजा करते समय थाली में ऊं या स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और उस पर महालक्ष्मी यंत्र रखें।

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