Kartik Maas-2023 Date and Time: कार्तिक स्नान कब से शुरू है? जानिए इस मास की महिमा और इसमें कौन सा कार्य करें और कौन सा नहीं...

Kartik Maas-2023 Date and Time: कार्तिक का महीना हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। पूरे कार्तिक मास में स्नान, दान और भगवत पूजन किया जाता है, जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने उन्हें अक्षय फल देने वाला महीनाहै, जानते हैं कब से कब तक है....

Update: 2023-10-11 01:15 GMT

Kartik Maas 2023 Kab se Lag Raha Hai: कार्तिक मास कब से लग रहा है, कार्तिक मास में 29 अक्टूबर से शुरू हो रहा है और 27 नवंबर को खत्म हो रहा है। इस पवित्र मास का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस मास में समस्त देवताओं की पूजा का विधान है। साथ ही सूर्योदय से पहले उठकर कार्तिक मास में पीपल आंवला, सूर्य और तुलसी की पूजा की जाती है।कार्तिक मास में सुबह सुबह स्नान और सूर्योदय से पहले दीपदान का महत्व है। इस माह में पवित्र नदियों में ब्रह्ममुहूर्त में स्नान का बहुत अधिक महत्व होता हैं। इसी मास से चातुर्मास का समापन होता है। इस माह की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु चार माह की निंद्रा के बाद उठते हैं और उसके बाद मांगलिक कार्य शुरू होते हैं।

कार्तिक मास का महत्व

कहते हैं कि कार्तिक मास में व्रत व तप का विशेष महत्व है। उसके अनुसार, जो मनुष्य कार्तिक मास में व्रत व तप करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों में कहा है कि भगवान नारायण ने ब्रह्मा को, ब्रह्मा ने नारद को और नारद ने महाराज पृथु को कार्तिक मास के सर्वगुण संपन्न माहात्म्य के संदर्भ में बताया है। इस बार 29 अक्टूबर 2023 से कार्तिक माह शुरू हो रहा है।

यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आठवां मास कार्तिक मास है जो पापों के नाश का मास और मुक्ति का मार्ग दिखाने वाला है, यह भगवान विष्णु को अति प्रिय है। कार्तिक मास की शुरुआत के साथ ही धार्मिक कामों की महत्ता बढ़ जाती है। पुराणों में भी कार्तिक मास की चर्चा मासोत्तम मास के रूप में है। कार्तिक मास के समान कोई दूसरा मास नहीं है और सतयुग के समान कोई युग नहीं है। वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगा के समान कोई तीर्थ नदी नहीं है। इसी तरह सभी देवताओं में भगवान विष्णु,तीर्थों में बद्रीनारायण को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इसलिए इस पवित्र मास का महत्व बढ़ जाता है।

भगवान विष्णु के प्रिय महीनों में से एक कार्तिक का महीना हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। पूरे कार्तिक मास में स्नान, दान और भगवत पूजन किया जाता है, जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने उन्हें अक्षय फल देने वाला महीना बताया है। कार्तिक मास की महिमा का वर्णन करते हुए स्वयं भगवान ब्रह्मा कहते हैं कि कार्तिक मास सभी मासों में श्रेष्ठ है और कार्तिक मासों में, भगवान विष्णु देवताओं में तथा नारायण तीर्थ (बद्रिकाश्रम) तीर्थों में श्रेष्ठ हैं।

'न कार्तिकसमो मासो न कृतेन सामं युगं, न वेदं सदृशं शास्त्रं न तीर्थ गंगाय समं' अर्थात् कार्तिक के समान कोई मास नहीं, सतयुग के समान कोई युग नहीं, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं। इस मास से देव तत्व प्रबल हो जाता है। इस महीने में भगवान विष्णु के साथ तुलसी की पूजा करना फलदायी माना गया है। इसके अलावा इस मास में गंगा स्नान, दीपदान, यज्ञ, दान आदि करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। इस पूरे महीने में दिवाली, छठ पूजा, धनतेरस, तुलसी विवाह, वैकुंठ चतुर्दशी, देव दिवाली कार्तिक पूर्णिमा जैसे त्योहार मनाए जाते हैं।

कार्तिक मास में तुलसी दीप दान का महत्व 

कार्तिक माह में दीप दान और दान भी करना जरूरी होता है। इस मास के अक्षय नवमी, तुलसी विवाह, एकादशी और कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। इस मास पवित्र नदियों में, मंदिरों में आंवला के पेड़ के नीचे दीप दान किया जाता है। जो शरद पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक होता है। इससे घर में धन आता हैं। कार्तिक में मां लक्ष्मी को दीप जलाकर जीवन के अंधकार को दूर कर प्रकाश देने की कामना की जाती है।इस मास दिवाली, दूज, छठ, देव दीपावली और पूर्णिमा जैसे कई पर्व आते है। 

कार्तिक में तुलसी की पूजा की जाती हैं और तुलसी के पत्ते खाये जाते हैं। इससे शरीर निरोग बनता हैं। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके सूर्य देवता एवम तुलसी के पौधे को जल चढ़ाया जाता हैं। कार्तिक में तुलसी के पौधे का दान दिया जाता हैं। इन दिनों में तुलसी दान, अन्न दान, गाय दान एवम आँवले के पौधे के दान का महत्व सर्वाधिक बताया जाता हैं ।कार्तिक में पशुओं को भी हरा चारा खिलाने का महत्व होता हैं।घर में सत्यनारायण भगवान की कथा करवायें

कार्तिक मास के कौन कौन से त्योहार है

01 बुधवार,नवंबर 2023 - करवा चौथ, वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी

05 रविवार,नवंबर 2023 - अहोई अष्टमी, राधा कुण्ड स्नान

09 बृहस्पतिवार, नवंबर 2023 - गोवत्स द्वादशी, रमा एकादशी

10 शुक्रवार, नवंबर 2023 - धनतेरस, प्रदोष व्रत

11 शनिवार, नवंबर 2023 - काली चौदस

12 रविवार, नवंबर2023 - लक्ष्मी पूजा, नरक चतुर्दशी, दीवाली

13 सोमवार, नवंबर 2023 - दर्श अमावस्या, अन्वाधान, कार्तिक अमावस्या

14 मंगलवार, नवंबर  2023 - गोवर्धन पूजा, द्यूत क्रीडा, भैया दूज, इष्टि, चन्द्र दर्शन

17 शुक्रवार, नवंबर 2023 - वृश्चिक संक्रान्ति

18 शनिवार, नवंबर 2023 - लाभ पञ्चमी

19 रविवार, नवंबर 2023 - भानु सप्तमी, छठ पूजा

20 सोमवार, नवंबर 2023 - गोपाष्टमी

21 मंगलवार, नवंबर  2023 - अक्षय नवमी

22 बुधवार, नवंबर  2023 - कंस वध

23 बृहस्पतिवार, नवंबर  2023 - भीष्म पञ्चक प्रारम्भ, देवुत्थान एकादशी

24 शुक्रवार, नवंबर 2023 - तुलसी विवाह, प्रदोष व्रत

25 शनिवार, नवंबर 2023 - वैकुण्ठ चतुर्दशी, विश्वेश्वर व्रत

26 रविवार, नवंबर 2023 - मणिकर्णिका स्नान, देव दीवाली

27 सोमवार, नवंबर  2023 - कार्तिक पूर्णिमा, अन्वाधान

कार्तिक माह में कुछ काम की मनाही है

भूमि पर सोना कार्तिक मास का महत्वपूर्ण काम है। भूमि पर सोने से मन में सात्विकता का भाव आता है। इस महीने में केवल एक बार नरक चतुर्दशी (कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी) के दिन ही शरीर पर तेल लगाना चाहिए। अन्य दिनों में तेल लगाना वर्जित है। इस मास में ब्रह्मचर्य का पालन अति आवश्यक है। इसका पालन नहीं करने पर पति-पत्नी को दोष लगता है और इसके अशुभ फल भी प्राप्त होते हैं।

कार्तिक मास का व्रत करने वालों को चाहिए कि वह तपस्वियों के समान व्यवहार करें अर्थात कम बोले, किसी की निंदा या विवाद न करें, मन पर संयम रखें आदि।कार्तिक महीने में द्विदलन अर्थात उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई आदि नहीं खाना चाहिए।

पूरे माह मांस, मदिरा आदि व्यसन का त्याग किया जाता हैं। कई लोग प्याज, लहसुन, बैंगन आदि का सेवन भी निषेध मानते हैं।इस मास दूसरों की चुगली न करें और झगड़ा से बचें।

कार्तिक माह में काम कौन सा करें

कार्तिक मास में सुबह सुबह मेन दरवाजे पर पानी से धोये और दीप दान करें। इस मास में बेटी, बहन और ब्रह्मण को दान दे। कार्तिक मास में जो लोग संकल्प लेकर हर दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर किसी तीर्थ स्थान, किसी नदी या तालाब पर जाकर स्नान करते हैं या घर में ही गंगाजल युक्त जल से स्नान करते हुए भगवान का ध्यान करते हैं, उस पर भगवान की कृपा अपार होती है। स्नान के बाद पहले भगवान विष्णु और बाद में सूर्य भगवान को अर्घ्य देना चाहिए,फिर पितरों को याद करना चाहिए।

स्नान के बाद नए और साफ कपड़े पहने और भगवान विष्णु जी का धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प और मौसम के फलों के साथ विधिवत सच्चे मन से पूजन करें, भगवान को मस्तक झुकाकर बारंबार प्रणाम करते हुए किसी भी गलती के लिए क्षमा याचना करें।

कार्तिक मास की कथा स्वयं सुनें और दूसरों को भी सुनाएं। कुछ लोग कार्तिक मास में व्रत करने का भी संकल्प करते हैं और केवल फलाहार पर रहते हैं जबकि कुछ लोग पूरा मास एक समय भोजन करके कार्तिक मास के नियम का पालन करते हैं। इस मास में श्रीमद्भागवत कथा, श्री रामायण, श्रीमद्भगवदगीता, श्री विष्णुसहस्रनाम आदि स्रोत्रों का पाठ करना उत्तम है।धर्म शास्त्रों के अनुसार,कार्तिक मास में सबसे पहला काम दीपदान करना बताया गया है। इस महीने में नदी, पोखर, तालाब आदि में दीपदान किया जाता है। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है। इस महीने में तुलसी पूजन करने और सेवन करने का विशेष महत्व है। वैसे तो हर मास में तुलसी का सेवन व आराधना करना श्रेयस्कर होता है, तुलसी पूजा का महत्व कई गुना माना गया है।

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