Karwa Chauth 2021: साल 2021 में कब है करवा चौथ, जानिए शुभ-मुहूर्त और चंद्रोदय का समय

Karwa Chauth 2021: करवा चौथ चंद्रोदय के समय सुहागिनें उगते हुये चाँद को छलनी में घी का दिये के साथ अर्घ्य देकर अपने पति का चेहरा देखती है और पति के हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ती है।

Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update:2021-10-24 06:30 IST

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

 करवा चौथ कब है? 

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार मनाते हैं।इस साल 24 अक्टूबर को करवा चौथ है। पति की लंबी आयु के लिए विवाहित महिलाएं के लिये करवा चौथ का त्योहार हैं। इस दिन विवाहित महिलाएं पूरे दिन उपवास रखती हैं जो जल्दी सुबह सूर्योदय के साथ शुरू होता है और देर रात को चन्द्रोदय के बाद खत्म होता है।

इस माता करवा के साथ गणेश जी की पूजा की जाती है और चंद्र दर्शन किया जाता है। सदियों से इस पारंपरिक त्योहार पर राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश के कुछ हरियाणा और पंजाब की महिलाएँ सरगी के साथ व्रत की शुरुआत करती है और सोलह श्रृंगार करती है।

करवा चौथ 2021 24 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा। करवा चौथ मूर्हूत वह सटीक समय होता है जिसके भीतर ही पूजा करनी होती है। 24 अक्टूबर को करवा चौथ पूजा के लिए पूरी अवधि 1 घंटे और 17 मिनट है।

करवा चौथ पूजा-शुभ-मुहूर्त

करवा चौथ का आरंभ

24 अक्टूबर करवा चौथ पूजा का समय शाम 5:43 pm पर शुरू 

शाम 6:59 pm पर करवा चौथ पूजा करने का समय खत्म होगा ।

 करवा चौथ पूजा  की अवधि- 1 घंटे 7 मिनट

करवा चौथ  2021 को चंद्रोदय का समय- शाम 8:07 pm ।

नक्षत्र-   रोहिणी

अमृत काल मुहूर्त - 09:25 PM से 11:13 PM

अभिजीत मुहूर्त 11:19 AM से 12:05 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:20 AM, 25 अक्टूबर से 05:11 AM, 25 अक्टूबर

वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी, करवा चौथ, रोहिणी व्रत

करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का समय- शाम 8:07 pm

 करवा चौथ के दिन  महिलाएं पति की लम्बी उम्र के लिये पूरे दिन (निर्जल) व्रत रखती हैं। शाम को चंद्रोदय के समय उगते हुये पूरे चाँद को छलनी में घी का दिया रखकर देखती है और चन्द्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति के हाथों से पानी पीती है।

करवा चौथ व्रत तभी पूरा माना जाता है जब महिला करवा चौथ का त्यौहार बहुत खुशी के साथ हर साल महिलाओं द्वारा कृष्ण पक्ष में पूरे दिन व्रत रखकर कार्तिक के महीने की चतुर्थी पर मनाया जाता है। इस दिन सुहागिने अपने पति के कल्याण और लंबे जीवन के लिए भगवान गणेश की पूजा करती हैं। 

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