Lucknow Chhath Puja 2022: आज से नहाय खाय से शुरू होगा छठ महापर्व, जानें संध्या और उषा अर्घ्य का समय और पूजा विधि
Lucknow Chhath Puja 2022: 4 दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर से नहाय खाय के साथ हो रहा है। छठ महापर्व पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है।
Lucknow Chhath Puja 2022 Date Time and Muhurat: 4 दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर से नहाय खाय के साथ हो रहा है। छठ महापर्व पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। छठ महापर्व को लेकर लखनऊ में भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। लखनऊ में लोग छठ पूजा को लेकर तैयारियां कर रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं संध्या और उषा अर्घ्य का समय और पूजा विधि के बारे में:
छठ पूजा शुभ मुहूर्त और समय (Chhath Puja Shubh Muhurat and Time)
छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय (Nahay-Khay)
नहाय-खाय 2022: 28 अक्टूबर (शुक्रवार)
शुभ मुहूर्त: प्रात:काल-देर रात 01 बजकर 30 मिनट
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06 बजकर 30 मिनट-सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक
रवि योग: सुबह 10 बजकर 42 मिनट-अगली सुबह 06 बजकर 31 मिनट तक
छठ पूजा का दूसरा दिन लोहंडा & खरना (Lohanda and Kharna)
लोहंडा और खरना 2022: 29 अक्टूबर (शनिवार)
शुभ मुहूर्त: रवि योग: सुबह 06 बजकर 31 मिनट- सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक
सुकर्मा योग: रात 10 बजकर 23 मिनट-अगली सुबह तक
छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य 2022 (Sandhya Arghya 2022)
छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 2022: 30 अक्टूबर (रविवार) सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 38 मिनट पर
शुभ मुहूर्त: सुकर्मा योग: प्रात: काल-शाम 07 बजकर 16 मिनट तक
धृति योग: शाम 07 बजकर 16 मिनट-अगली सुबह तक
रवि योग: सुबह 07:26 बजे-अगले दिन सुबह 05:48 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06:31 बजे-सुबह 07:26 बजे तक
छठ पूजा का चौथा दिन प्रात: अर्घ्य या उषा अर्घ्य 2022 (Usha Arghya 2022)
छठ पूजा का प्रात: अर्घ्य 2022: 31 अक्टूबर (सोमवार) सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 32 मिनट पर
शुभ मुहूर्त: सर्वार्थ सिद्धि योग: प्रात: 05:48 बजे- सुबह 06:32 बजे तक
त्रिपुष्कर योग: प्रात: 05:48 बजे-सुबह 06:32 बजे तक
छठ पूजा की पूजा विधि (Chhath Puja ki Puja Vidhi)
छठ पूजा में संतान के स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घायु के लिए पूरे 36 घंटे का निर्जला उपवास किया जाता है, जिसे महिलाओं के साथ ही पुरुष भी छठ पूजा के व्रत को रखते हैं।
छठ पूजा के दिन सुबह यानी ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान आदि से निवृत होकर छठ व्रत का संकल्प लें। बता दे कि इस क्रम में सूर्य देव और छठी मैया का ध्यान करें।
इस दौरान व्रती को छठ पूजा के दिन अन्न ग्रहण करना नहीं होता है। बता दे कि संभव हो तो निर्जला व्रत रखकर उसका विधिवत पालन जरूर करें।
दरअसल छठ पूजा के पहले दिन संध्याकाली अर्घ्य होता है, जिसमें डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। बता दे कि ऐसे में इस दिन सूर्यास्त से थोड़ा पहले छठ घाट पर पहुंचे और वहां स्नान करने के बाद अस्ताचलगामी सूर्य को पूरी निष्ठा के साथ अर्घ्य दें।
छठ पूजा के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बांस, पीतल की टोकरी या सूप का उपयोग किया जाता है, ऐसे में बांस या पीतल की टोकरी का इस्तेमाल करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें।
दरअसल छठ पूजा में जिन टोकरियों या सूपों का इस्तेमाल किया जाता है, उनमें फल, फूल, गन्ने, पकवान इत्यादि समेत पूरी पूजन सामग्रियों को अच्छी प्रकार रखें। बता दे कि इसके साथ ही सूप या टोकरी पर सिंदूर लगाएं।
दरअसल सूर्य देव को अर्घ्य देते वक्त टोकरी में सभी पूजन सामग्रियों का होना बेहद जरूरी होता है, ऐसे में इस बात का बेहद विशेष ध्यान रखें।
दरअसल इसके साथ ही पूरे दिन और रात भर निर्जला व्रत रखकर अगले दिन सुबह उगते हुए सूर्य को जल अर्पित करें, साथ ही सूर्य देव को अर्घ्य निवेदित करने के साथ ही मन ही मन उनसे अपनी मनेकामना कहें।
छठ पूजा की थाली में इन चीज़ों का होना बेहद है जरूरी
दरअसल छठ पूजा के लिए कुछ सामग्रियों की विशेष आवश्यकता होती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इन पूजन सामग्रियों के बिना छठ पर्व पूरा नहीं होता है। इसलिए छठ पूजा की पूजन सामग्रियों में बांस की टोकरी, सूप, नारियल, पत्ते लगे गन्ने, अक्षत, सिंदूर, धूप, दीप, थाली, लोटा, नए वस्त्र, नारियल पानी भरा, अदरक का हरा पौधा, मौसम के अनुकूल फल, कलश (मिट्टी या पीतल का), कुमकुम, पान, सुपारी जरूर रखें।