Maha Shivaratri 2024: ऐसे करें राशि के अनुसार महाशिवरात्रि की पूजा, मिलेगा अतिशीघ्र फल
Maha Shivaratri Horoscope Sign: महाशिवरात्रि आने वाली है इस दिन भगवान शिव की विशेष कृपा के लिए राशि के अनुसार पूजा करने से जल्दी इच्छा पूरी होती है।
Maha Shivratri Horoscope Sign: महा शिवरात्रि एक महापर्व है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन शिव का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाई जाती है। इस बार यह पर्व 08 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा। महा शिवरात्रि एक हिंदू त्योहार है जो भगवान शिव का सम्मान करता है। इसे 'शिव की रात' भी कहा जाता है और यह अधिकांश भारतीय राज्यों में मनाया जाता है। हर साल, यह त्योहार फाल्गुन महीने की अमावस्या की 14वीं कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ता है, जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मार्च और फरवरी के महीनों से मेल खाता है।यह दिन शिव और शक्ति के मिलन का दिन है, क्योंकि माना जाता है कि इसी तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती की विवाह हुआ था। इस दिन राशि अनुसार उपाय करेंगे तो उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होगी।
महा शिवरात्रि राशि के अनुसार पूजामेष- इस दिन रक्तपुष्प से पूजन करें और अभिषेक शहद से करें। 'ॐ नम: शिवाय' का जप करें।
वृषभ- इस दिन श्वेत पुष्प और दुग्ध से पूजन-अभिषेक करें। महामृत्युंजय का मंत्र जपें।
मिथुन- इस दिन अर्क, धतूरा और दुग्ध से पूजन-अभिषेक करें। शिव चालीसा पढ़ें।
कर्क- इस दिन श्वेत कमल, पुष्प और दुग्ध से पूजन-अभिषेक करें। शिवाष्टक पढ़ें।
सिंह- इस दिन रक्त पुष्प और पंचामृत से पूजन-अभिषेक करें। शिव महिम्न स्त्रोत पढ़ें।
कन्या- इस दिन हरित पुष्प, भांग और सुगंधित तेल से पूजन-अभिषेक करें। शिव पुराण में वर्णित कथा का वाचन करें।
तुला- इस दिन श्वेत पुष्प तथा दुग्ध धारा से पूजन-अभिषेक करें। महाकाल सहस्त्रनाम पढ़ें।
वृश्चिक- इस दिन रक्त पुष्प तथा सरसों तेल से पूजन-अभिषेक करें। शिव जी के 108 नामों का स्मरण करें।
धनु- इस दिन पीले पुष्प और सरसों तेल से पूजन-अभिषेक करें। 12 ज्योतिर्लिंगों का स्मरण करें।
मकर- इस दिन नीले-काले पुष्प तथा गंगाजल से पूजन-अभिषेक करें। शिव पंचाक्षर मंत्र का जप करें।
कुंभ- इस दिन जामुनिया-नीले पुष्प औरजल से पूजन-अभिषेक करें। शिव षडाक्षर मंत्र का 11 बार स्मरण करें।
मीन- इस दिन पीले पुष्प और मीठे जल से पूजन-अभिषेक करें। रावण रचित शिव तांडव का पाठ करें।
खासतौर पर ध्यान दें, पूजन में पहले ध्यान, आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, पंचामृत स्नान, शुद्धोदक जल स्नान, वस्त्र, यज्ञोपवीत, उपवस्त्र, चंदन, अक्षत, पुष्प, पुष्प माला, धूप-दीप, नैवेद्य नीराजन, पुष्पांजलि,परिक्रमा, क्षमा-प्रार्थना इत्यादि मूल मंत्र का प्रयोग करें।