Maha Shivratri Jalabhishek: शिवलिंग पर जलाभिषेक कब करें, जानिए इस दिन दान का महत्व

Maha Shivratri Jalabhishek Time: महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना और शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का अत्यंत महत्व है, जो प्रसन्नता में वृद्धि करता है और भक्तों को उनके आशीर्वाद से लाभान्वित करता है। जानते है कब होगा जलाभिषेक

Update:2024-03-01 18:26 IST

Maha Shivratri Jalabhishek Time

Maha Shivratri Jalabhishek: सनातन धर्म में भगवान शिव की महिमा का गुणगान अत्यंत महत्वपूर्ण है। भगवान शिव को विभिन्न रूपों में पूजा जाता है और उनके विविध अवतारों का उल्लेख धर्मग्रंथों में मिलता है। शास्त्रों के अनुसार, शिवजी के कुल 19 अवतारों का जिक्र है, जिनमें वीरभद्र अवतार को पहला माना गया है। इन अवतारों में वीरभद्र, पिप्पलाद, नंदी, भैरव, अश्वत्थामा, शरभ, गृहपति, ऋषि दुर्वासा, हनुमान, वृषभ, यतिनाथ, कृष्णदर्शन, अवधूत, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, किरात, ब्रह्मचारी, सुनटनतर्क, और यक्ष अवतार शामिल हैं।

महाशिवरात्रि के दिन, शिव भक्त गण अपनी भक्ति में शिवालयों में जमकर पूजा करते हैं। इस अद्वितीय उत्सव के अवसर पर, शिवलिंग पर जलाभिषेक के साथ ही पुष्प, वेलपत्र, मदार, धतूरा, भांग और शिव को प्रिय दूध, दही, घी, शक्कर, गन्ने का रस आर्पित किया जाता है। यह परंपरा शिव के भक्तों के द्वारा समर्पित होती है और उनकी श्रद्धा का प्रतीक है। इस उत्सव के माध्यम से भक्त अपने मन, वचन, और कर्म को भगवान शिव के चरणों में समर्पित करते हैं और उनकी कृपा और आशीर्वाद की कामना करते हैं।

महाशिवरात्रि का जल कब कब चढ़ेगा 

पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 8 मार्च को संध्याकाल 09 बजकर 57 मिनट पर होगी। इसका समापन अगले दिन 09 मार्च को संध्याकाल 06 बजकर 17 मिनट पर होगा। शिव जी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए उदया तिथि देखना जरूर नहीं होता है। ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 8 मार्च 2024 को रखा जाएगा।

शिव का जलाभिषेक निशीथ काल पूजा मुहूर्त :11:46 PM से 12:37 AM

शिव का जलाभिषेक अभिजीत मुहूर्त - 12:18 PM – 01:03 PM

शिव का जलाभिषेक अमृत काल –12:02 PM – 01:27 PM

शिव का जलाभिषेक ब्रह्म मुहूर्त –- 05:25 AM – 06:13 AM

शिव का जलाभिषेक विजय मुहूर्त- 05:42 PM से 06:06 PM

शिव का जलाभिषेक गोधूलि बेला- 05:48 PM से 06:12 PM

शिव का जलाभिषेकनिशिता काल-11:46 PM से 12:37 AM, 

व्रत का पारणा मुहूर्त :9 मार्च  की सुबह 06:57 बजे से दोपहर 3:33 बजे तक

महाशिवरात्रि के दिन चंद्रमा मकर राशि में विराजमान होंगे। इस दिन श्रवण नक्षत्र और शिव योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्ध योग भी बनेगा। इन चार अति शुभ संयोग के कारण महाशिवरात्रि की पूजा शिव भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और सभी मनोकामनाएं पूरी करने वाली होगी।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती शादी के बंधन में बंधे थे और इसीलिए हर महीने मासिक शिवरात्रि और साल में एकबार महाशिवरात्रि मनाई जाती है।

महाशिवरात्रि पर दान करें 

 महाशिवरात्रि की पूजा करने पर महादेव (Lord Shiva) भक्तों पर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखते हैं। जानिए इस दिन किन चीजों को दान में देना शुभ होता है जिससे महादेव प्रसन्न होकर भक्तों को सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं।

महाशिवरात्रि के मौके पर दूध और दूध से बनी चीजों का दान किया जा सकता है। इस दिन देवों के देव महादेव का दूध से अभिषेक करना भी अत्यधिक शुभ माना जाता है।

 महाशिवरात्रि के शुभ मौके पर अपनी श्रद्धानुसार गरीबों को कपड़ों का दान) दिया जा सकता है। कहते हैं जरूरतमंदों को कपड़ों का दान देने पर घर में खुशियों का आगमन होता है।

महाशिवरात्रि पर नंदी को हरा चारा खिराया जा सकता है। इस दिन महादेव के साथ-साथ नंदी की पूजा भी की जाती है।

Tags:    

Similar News