जयपुर:भगवान शिव को भोला भंडारी भी कहते हैं। मान्यता है कि शिव जी को प्रसन्न करने के लिए बहुत सारी चीजों की जरूरत नहीं होती, बल्कि सच्चे मन और भाव से दिया गया एक फूल भी भगवान आशुतोष को प्रसन्न कर सकता है।इस बार महाशिवरात्रि 4 मार्च को मनाई जा रही है। शिवपुराण के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन प्रातः काल उठकर स्नान व नित्यकर्म से निवृत्त होकर भस्मका त्रिपुण्ड तिलक और गले में रुद्राक्ष की माला धारण कर शिवालय में जाना चाहिए और शिवलिंग का विधिपूर्वक पूजन करना चाहिए। उसके बाद महाशिवरात्रि व्रत का संकल्प करना चाहिए। साथ ही इस दिन चार प्रहर के चार मंत्र का जाप करने से महाशिवरात्रि के व्रत का विशेष लाभ मिलता है।
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महाशिवरात्रि के प्रथम प्रहर में संकल्प करके शिवलिंग को दूध से स्नान करवाकर ॐ ओम हीं ईशानाय नम: का जाप करना चाहिए।
द्वितीय प्रहर में शिवलिंग को दधि (दही) से स्नान करवाकर ॐ ओम हीं अधोराय नम: का जाप करें।
तृतीय प्रहर में शिवलिंग को घृत से स्नान करवाकर ॐ ओम हीं वामदेवाय नम: का जाप करें।
चतुर्थ प्रहर में शिवलिंग को मधु (शहद) से स्नान करवाकर ॐ ओम हीं सद्योजाताय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।