जयपुर:महाशिवरात्रि के दिन जो भी शिव की पूजा करता है वो खुद की सदगति का मा्ग प्रशस्त करता है। शिव को प्रसन्न करने के लिए यह सबसे उत्तम दिन है। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। साल 2018 में महाशिव रात्रि 14 फरवरी (बुधवार) को मनाई जाएगी। वहीं महाशिवरात्रि प्रदोष 13 फरवरी (मंगलवार) को पड़ रही है।
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प्रदोष महाशिवरात्रि को शिव के महान रात्रि के रूप में जाना जाता है। पुराणों के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही सृष्टि का आरंभ हुआ था। मान्यता ऐसी भी है कि इस दिन भगवान शिव का विवाह पार्वती के साथ हुआ था। साल की सभी शिवरात्रि में महाशिवरात्रि सबसे महत्व का होता है। महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव ने कालकूट नामक विष को अपने कंठ में रख लिया था। महाशिवरात्रि के दिन समुद्र मंथन के समय निकले कालकूट नाम के विष को अपने कंठ में धारण करने के कारण ही शिव नीलकंठ कहलाए।
इस बार महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी यानि 13 फरवरी (मंगलवार) की मध्य रात्रि से ही शुरू है। महाशिवरात्रि का यह शुभ मुहूर्त फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी यानि 14 फरवरी (बुधवार) तक रहेगा। शिव के पूजन का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी (बुधवार) को सुबह 07:30 से लेकर दोपहर 2:30 तक रहेगा।
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महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसलिए इस दिन भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखने का विधान है। इस दिन सुबह उठकर स्नान कर शिवलिंग पर जलाभिषेक करना चाहिए। महाशिवरात्रि के दिन शिव को अभिषेक करने का भी विधान है। शिव के अभिषेक में दूध, गुलाब जल, चंदन, दही, शहद, चीनी और पानी जैसी विभिन्न सामग्रियों का प्रयोग करना चाहिए। इस दिन शिव के प्रिय चीज बेलपत्र अवश्य ही चढ़ाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन शिव को बेलपत्र चढ़ाने से शिव अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। महाशिरात्रि के दिन शिव के प्रिय चीज धतूरे को भी चढ़ाना चाहिए। धतुरा शिव को बहुत प्रिय है। शिव पुराण के अनुसार शिव का अभिषेक गंगाजल या दूध से करना चाहिए। शिव का अभिषेक करने से शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। शिव के अभिषेक में दूध के साथ शहद का भी प्रयोग करना चाहिए। भगवान शिव को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय है। इसलिए अभिषेक में बेलपत्र शामिल करना चाहिए। ऐसा माना जाता है बेलपत्र को चढ़ाने से आत्मा की शुद्धि होती है। इस दिन भगवान शिव को ऋतु फल भी अर्पित करना चाहिए। ऋतु फल के अर्पण से आयु लम्बी होती है। इस दिन शिव को अभिषेक में पान का पत्ता अर्पित कर उत्तम माना गया है। शिव को पान का पत्ता अर्पित करने से संसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। शिव को उनकी पूजा में धूप, दीप आदि का प्रयोग करना कष्टों को दूर करने वाला माना गया है।