इस दिन स्नान दान के साथ खिचड़ी व तिल का भी है महत्व, जानिए शुभ मुहूर्त

Update: 2019-01-12 00:41 GMT

जयपुर:इस साल मकर संक्रांति खास संयोग की वजह से खास है। मकर संक्रांति के योग इस बार 2 दिन बन रहे है। इस बार मकर संक्रांति पर सर्वार्थसिद्धि योग बना है। सूर्य साल 2019 के मकर संक्रांति की रात्रि (14 जनवरी 2019) 8:08 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जो 15 जनवरी (मंगलवार) दोपहर 12 बजे तक तक मकर राशि में रहेंगे।इसलिए 15 जनवरी (मंगलवार) 2019 को दोपहर 12 बजे से पूर्व ही स्नान-दान का शुभ मुहूर्त है।

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मुहूर्त पुण्य काल- 07:19 से 12:30, पुण्यकाल की कुल अवधि- 5 घंटे 11 मिनट ,संक्रांति आरंभ- 14 जनवरी 2019 (सोमवार) रात्रि 20:05 से,मकर संक्रांति महापुण्यकाल शुभ मुहूर्त- 07:19 से 09:02 ,महापुण्य काल की कुल अवधि- 1 घंटा 43 मिनट ।

खिचड़ी मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने, खाने और दान करने का विधान होता है। इसी वजह से इसे कई जगहों पर खिचड़ी भी कहा जाता है। मान्यता है कि चावल को चंद्रमा का प्रतीक मानते हैं, काली उड़द की दाल को शनि का और हरी सब्जियां बुध का प्रतीकहैं। कहते हैं मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने से कुंडली में ग्रहों की स्थिती मजबूत होती है। इसलिए इस मौके पर चावल, काली दाल, नमक, हल्दी, मटर और सब्जियां डालकर खिचड़ी बनाई जाती है।

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परंपरा मकर संक्रांति को खिचड़ी बनने की परंपरा को शुरू करने वाले बाबा गोरखनाथ थे। मान्यता है कि खिलजी के आक्रमण के समय योगियों को खिलजी से संघर्ष के कारण भोजन बनाने का समय नहीं मिल पाता था। इस वजह से योगी अक्सर भूखे रह जाते थे और कमजोर हो रहे थे।योगियों की बिगड़ती हालत को देख बाबा गोरखनाथ ने दाल, चावल और सब्जी को एक साथ पकाने की सलाह दी। यह व्यंजन पौष्टिक होने के साथ-साथ स्वादिष्ट था। इससे शरीर को तुरंत उर्जा भी मिलती थी। नाथ योगियों को यह व्यंजन काफी पसंद आया। बाबा गोरखनाथ ने इस व्यंजन का नाम खिचड़ी रखा। झटपट तैयार होने वाली खिचड़ी से नाथ योगियों की भोजन की परेशानी का समाधान हो गया और इसके साथ ही वे खिलजी के आतंक को दूर करने में भी सफल हुए। खिलजी से मुक्ति मिलने के कारण गोरखपुर में मकर संक्रांति को विजय दर्शन पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन गोरखनाथ के मंदिर के पास खिचड़ी मेला आरंभ होता है। कई दिनों तक चलने वाले इस मेले में बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है और इसे भी प्रसाद रूप में वितरित किया जाता है।

मकर संक्रांति के दिन केवल गोरखपुर नहीं देश के कई इलाकों में खिचड़ी बनाने की पंरपरा है। साथ दिन कई जगहों पर चुड़ा दही खाने की परंपरा है। खासकर बिहार व झारखंड के कई जगहों पर यह नियम है। इस दिन तिल के लड्डू व तिल दान किए जाते है।

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