Makar Sankranti 2023: मकर सक्रांति इस दिन मनाई जायेगी, जानें राशियों पर कैसा पड़ेगा इसका प्रभाव
Makar Sankranti 2023 Date and Time: मकर संक्रांति का त्योहार, जिसे संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है, सूर्य देव भगवान सूर्य का सम्मान करता है और सूर्य के मकर राशि (राशि चक्र चिह्न) में प्रवेश का स्मरण करता है।
Makar Sankranti 2023 Date and Time: मकर संक्रांति भारत में बहुत भव्यता के साथ मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है और हिंदुओं के लिए बहुत महत्व रखता है। शास्त्रों में इसे तप, पूजा, दान और त्याग के लिए शुभ माना गया है। मकर संक्रांति का त्योहार, जिसे संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है, सूर्य देव भगवान सूर्य का सम्मान करता है और सूर्य के मकर राशि (राशि चक्र चिह्न) में प्रवेश का स्मरण करता है। यह फसल के मौसम की शुरुआत का संकेत देता है जब लोग ताजी फसलों की पूजा करते हैं और खुशी से उन्हें बांटते हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति को तमिलनाडु में पोंगल, पूर्वी उत्तर प्रदेश में खिचड़ी, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण और हरियाणा और पंजाब में माघी के रूप में मनाया जाता है।
मकर संक्रांति का इन राशियों पर असर
हालाँकि मकर संक्राति पर्व के डेट को लेकर लोगों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई हुई। अगर आप भी मकर संक्राति को लेकर 14 जनवरी या 15 जनवरी के डेट पर अटके हुए हैं। तो जानिये महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान"ट्रस्ट" के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय जी से कि कब मकर संक्रांति मनाना शुभ है। ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय के अनुसार 15 जनवरी 2023 को ही मकर संक्रांति मनाया जाएगा। मकर संक्रान्ति पुण्यकाल इस वर्ष पौष शुक्ल अष्टमी दिनांक 15 जनवरी रविवार को इस दिन चित्रा नक्षत्र व धृति नामक योग है।।
महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान"ट्रस्ट" के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय
ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय के मुताबिक़ 14 जनवरी शनिवार को रात्रि 02:53 मिनट पर सूर्य मकर राशि पर प्रवेश करेंगे,चूंकि धर्मसिंधु के अनुसार सूर्यास्त के पश्चात किसी भी समय मकर संक्रान्ति लगे तो उसका पुण्यकाल दूसरे दिन मध्याह्न काल तक रहता है,अतः मकर संक्रान्ति जिसे लोग भाषा मे खिचड़ी कहते है ,पुण्यकाल 15 जनवरी रविवार को मनाया जाएगा।
संक्रान्ति किसे कहा जाता है
ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय ने बताया कि मेषादि 12 राशियों में सूर्य के परिवर्तन काल को संक्रान्ति कहा जाता है,अतः किसी भी संक्रान्ति के समय स्नान,दान,जप,यज्ञ का विशेष महत्व है । पृथ्वी के मकर राशि में प्रवेश को 'मकर संक्रान्ति 'कहते है सूर्य का मकर रेखा से उत्तरी कर्क रेखा कि ओर जाना ' उत्तरायण,तथा कर्क रेखा से दक्षिणी रेखा की ओर जाना" दक्षिणायन"कहते है। उत्तरायण में दिन बड़ें हो जाते है। प्रकाश बढ़ जाता है। रातें दिन कीअपेक्षा छोटी होने लगती है। दक्षिणायन में इसके ठीक विपरीत होता है ।
दान का है विशेष महत्त्व
ज्योतिष संस्थान"ट्रस्ट" के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय जी के मुताबिक़ शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण की अवधि देवताओं का दिन तथा दक्षिणायन की रात्रि है। वैदिक काल में उत्तरायण को" देवयान " तथा दक्षिणायन को" पितृयान "कहा जाता है। मकर संक्रान्ति के दिन यज्ञ में दिए गए द्रव्य को ग्रहण करने के लिए देवता पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। इसी मार्ग से पुण्यात्मायें शरीर छोड़कर स्वर्गादि लोकों में प्रवेश करतीं है। इसलिए यह आलोक का अवसर माना जाता है। धर्मशास्त्रों के कथनानुसार इस दिन पुण्य,दान,जप तथा धार्मिक अनुष्ठानों का अत्यन्त महत्व है ।इस अवसर पर किया गया दान पुनर्जन्म होने पर सौ गुना होकर प्राप्त होता है।
तिल का विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय जी के अनुसार इस पर्व पर तिल का विशेष महत्व है। तिल खाना,तथा तिल बाँटना इस पर्व की प्रधानता है। शीत के निवारण के लिए तिल,तेल तथा तूल का महत्व है। तिल मिश्रित जल से स्नान,तिल-उबटन,तिल-हवन,तिल-भोजन तथा तिल-दान सभी कार्य पापनाशक है इसलिए इस दिन तिल,गुड तथा चीनी मिले लड्डू खाने और दान देने का विशेष महत्व है।" मकर संक्रान्ति" से एक दिन पूर्व हिमाञ्चल , हरियाणा तथा पंजाब में यह त्योहार" लोहड़ी " के रूप में मनाया जाता है ॥
उत्तर प्रदेश में यह मकर संक्रान्ति ( खिचड़ी ) के रूप में मनाया जाता है।इस दिन खिचड़ी खाने और खिचड़ी -तिल के दान का विशेष महत्व है ।इस अवसर पर गंगा सागर में बहुत बड़ा मेला लगता है ।मकर संक्रान्ति का पर्व श्रद्धा पूर्वक मनाने से सामाजिक एकता और अनन्त पुण्य फल की प्राप्ति होती है।।
मकर संक्रांति का क्या असर पड़ेगा राशियों पर :
ज्योतिषाचार्य राकेश पाण्डेय बताते है कि मकर संक्रांति का सभी राशियों पर गहरा प्रभाव पड़ने वाला है। ज्योतिषाचार्य राकेश पाण्डेय के अनुसार मकर राशि पर सूर्य का प्रवेश दिनांक 14 -01-2023 शनिवार को रात्रि 02:53 पर हो रहा है।
उस समय वृश्चिक लग्न भोग करेगी अतः वृश्चिक राशि वालों के लिए यह संक्रान्ति अत्यंत लाभकारी होगी ।
मकर व कुम्भ राशि वालों के रुके हुए कार्य त्वरित होने लगेंगे।
मेष व वृश्चिक राशि के लोगो को भूमि का सुख प्राप्त हो सकता है।
वृष व तुला राशि के लोगो को वाहन व भवन का योग ।
मिथुन व कन्या राशि के लोगो के लिए धन लाभ ।
कर्क राशि के लोगो के लिए व्यापार में लाभ व रुके हुए कार्य होंगे ।
सिंह राशि के लोगो के लिए वाहन सुख की प्राप्ति व राजनैतिक लाभ ।
धनु व मीन राशि के लोगो के लिए पद व प्रतिष्ठा की प्राप्ति।