जयपुर: जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है, तो यह चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों को रोकती है और उसमें अपनी छाया बनाती है तब चंद्रग्रहण होता। चंद्रग्रहण सदैव पूर्णिमा को ही होता है। इस समय में वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा उत्सर्जित होती है। इस साल का पहला चंद्रग्रहण 21 जनवरी को होने वाला है। यह भारत में दिखाई नहीं देगा, मगर यह अपने नाम के कारण लोगों के बीच चर्चा में है।
चंद्र देव की आराधना करना चाहिए। चंद्र मंत्र 'ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात्' का जप करें।चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद घर में शुद्धता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें।
स्नान के बाद भगवान की मूर्तियों को स्नान कराएं और उनकी पूजा करें।चंद्रग्रहण के बाद जरूरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मणों को अनाज का दान करें।
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जिन जातकों की कुंडली में मांगलिक दोष है, वे इसके निवारण के लिए चंद्रग्रहण के दिन सुंदरकांड का पाठ करें तो इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगें।जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढईया का प्रभाव चल रहा है, वे शनि मंत्र का जाप करें एवं हनुमान चालीसा का पाठ भी अवश्य करें।ग्रहों का अशुभ फल समाप्त करने और विशेष मंत्र सिद्धि के लिए इस दिन नवग्रह, गायत्री एवं महामृत्युंजय आदि शुभ मंत्रों का जाप करें। दुर्गा चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम, श्रीमदभागवत गीता, गजेंद्र मोक्ष आदि का पाठ भी कर सकते हैं।