Mohini Ekadashi 2021: कब है, महत्व, पूजा विधि व जानिए क्या करें- क्या न करें

Mohini Ekadashi 2021: मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए किन नियमों का पालन करना चाहिए, किसका नहीं।

Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update: 2021-05-20 06:07 GMT

सांकेतिक तस्वीर ( सौ.से सोशल मीडिया)

Mohini Ekadashi 2021: कहते हैं एकादशी का व्रत समस्त कामनाओं को पूरा करने वाला होता है। हर माह में दो एकादशी पड़ती है । एक शुक्ल पक्ष की एकादश को दूसरी कृष्ण पक्ष की एकादश को होती है। वैसे तो सारी एकादशी की तिथियों का अपना महत्व है। लेकिन इनमें वैशाख माह की मोहिनी एकादशी बहुत खास है। इस दिन किए गए नियमों के पालन से भगवान विष्णु की कृपा बरसती है।इस बार मोहिनी एकादशी 23 मई को है।

इस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया था। इस दिन व्रत-उपवास करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और भगवान विष्णु सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसलिए दिन कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। जानते है कि मोहिनी एकादशी के दिन क्या करें क्या नहीं। उससे पहले मोहिनी एकादशी की विधि भी जानते हैं....


  • एकादशी की पूजा विधि

मोहिना एकादशी के दिन सुबह स्नान कर मंदिर की साफ-सफाई के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए। इस पूजा में फूल फल, अक्षत तुलसी के पत्ते और मोर पंख जरूर रखना चाहिए। गंगाजल से घर और मंदिर को शुद्ध करना चाहिए। इस दिन घर के मंदिर में दीपक जलाकर मंत्र ध्यान और कथा सुनकर भगवान विष्णु की पूजा करना चाहिए। इससे बैकुंड की प्राप्ति होती है।

  • मोहिनी एकादशी के दिन क्या करें

निर्जला: इस दिन भगवान विष्णु का ध्यान कर निर्जला व्रत या फलाहार करना चाहिए। पीला वस्त्र धारण करना चाहिए। व्रत के दिन स्वस्थ रहना चाहिए। मन में किसी तरह की हीन भावना नहीं आनी चाहिए।

संतान के लिए: अगर निसंतान है तो संतान की कामना के लिए इस भगवान विष्णु के बालरूप की पूजा माखन मिश्री से करनी चाहिए । इससे बुद्धिमान और निरोगी संतान की प्राप्ति होती है।


विवाह के लिए: जिन लोगों की शादी में विलंब हो रहा है। उन लोगों को इस दिन व्रत का संकल्प लेकर पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। पीले फूलों से ही भगवान विष्णु की पूजा करें और तुलसी , केसर दही-मक्खन अर्पित करना चाहिए। सुहाग की सामग्री इस दिन दान करना चाहिए । इससे विवाह जल्दी हो जाती है और जीवनसाथी बुद्धिमान और समृद्ध होता है।

जागरण : एकादशी की रात्रि भगवान श्रीहरि का भजन-कीर्तन करना चाहिए। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें और किसी जरूरतमंद को दान दें।


  • न करें ये काम

चावल : मोहिनी एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। कहते हैं कि चावल महर्षि मेधा के रक्त और मांस बना है। इस दिन चावल खाने से विष्णु भगवान नाराज होते हैं।

जुआ: जो लोग एकादशी व्रत करते हैं उन्हें लॉटरी -जुआ नहीं खेलना चाहिए।

अपमान-झूठ : इस दिन लोगों को बड़ों का अपमान नहीं करना चाहिए और ना झूठ न क्रोध करना चाहिए।

सोना वर्जित: इस दिन रात में सोना वर्जित है और सुबह जल्दी उठना अनिवार्य है।

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