Mokshada Ekadashi 2023: कर्मों के बंधन से मुक्ति देने वाली मोक्षदा एकादशी व्रत कब है, जानिए तिथि, व्रत पारण समय और महत्व

Mokshada Ekadashi 2023:24 एकादशियों में मोक्षदा एकादशी का व्रत सभी व्रतों में उत्तम है। इस दिन व्रत करना चाहिए ।जानते हैं इस साल मोक्षदा एकादशी की तिथि, व्रत पारण समय और महत्व...

Update: 2023-12-14 09:21 GMT

Mokshada Ekadashi 2023: मोक्षदा एकादशी 2023 कब है मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में होता है। इस दिन रखे गए व्रत से मनुष्य समस्त पापों से मुक्त हो जाता है। मोक्ष को प्राप्त करने के लिए इस व्रत को सभी एकादशी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है। इस व्रत को करने से अनंत गुना फल मिलता है। इसलिए इसे पूरे विधि विधान से करना चाहिए और पूरे अनुष्ठानों का पालन करना चाहिए। 

 मोक्षदा एकादशी  मोह को नाश करने वाली एकादशी है। शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि जो व्यक्ति मोक्षदा एकादशी का व्रत करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत से बढ़कर मोक्ष देने वाला दूसरा कोई भी व्रत नहीं है। मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत कर श्री हरि विष्णु का पूजन करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। साथ ही जातक को कर्मों के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद वह मोक्ष को प्राप्त होता है। जानते हैं इस साल मोक्षदा एकादशी की तिथि, व्रत पारण समय और महत्व...

मोक्षदा एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 दिसंबर 2023, शुक्रवार को सुबह 8:16 बजे पर शुरू होगी और समापन 23 दिसंबर 2023 को सुबह 7:11 बजे पर होगा। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत उदयतिथि के अनुसार रखा जाता है। ऐसे में इस बार मोक्षदा एकादशी व्रत 22 दिसंबर 2023, शुक्रवार को किया जाएगा। व्रत पारण अगले दिन यानी 23 दिसंबर 2023, शनिवार को दोपहर 1:22 बजे से 3:25 बजे के बीच किया जा सकता है।

मोक्षदा एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त

मोक्षदा एकादशी तिथि प्रारम्भ : 22 दिसंबर 2023, शुक्रवार को सुबह 8:16 बजे पर शुरू होगी

मोक्षदा एकादशी तिथि समाप्त : 23 दिसंबर 2023 को सुबह 7:11 बजे पर होगा

अभिजीत मुहूर्त - 12:04 PM से 12:46 PM

अमृत काल - 02:34 PM से  04:07 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 05:32 AM से 06:20 AM

विजय मुहूर्त-01:34 PM से 02:17 PM

गोधूलि बेला- 04:57 PM से 05:21 PM

सर्वार्थसिद्धि योग - Dec 21 10:09 PM से Dec 22 09:36 PM 

मोक्षदा एकादशी व्रत पारण समय: 23 दिसंबर 2023, शनिवार को दोपहर 1:22 बजे से 3:25 बजे के बीच किया जा सकता है

मोक्षदा एकादशी  का महत्व

शास्त्रों में मार्गशीर्ष(अगहन) माह को बड़ा ही पावन महीना माना गया है। इस महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा या मौनी एकादशी भी कहा जाता है। मोक्षदा एकादशी व्रत हिंदू धर्म में पड़ने वाले महत्वपूर्ण व्रत-त्योहारों में से एक है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत और पूजा पाठ करता है उसके सभी पाप धुल जाते हैं और पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है।शास्त्रों के अनुसार द्वापर युग में मोक्षदा एकादशी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध के दौरान अपने शिष्य अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। गीता जैसे महान ग्रंथ के प्रादुर्भाव के कारण ही इस दिन को गीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। गीता का ज्ञान हमें दुख, क्रोध, लोभ और अज्ञान के दलदल से बाहर निकलने की प्रेरणा देता है। सत्य, दया, प्रेम और सत्कर्म को अपने जीवन में धारण करने वाला प्राणी ही मोक्ष को प्राप्त कर सकता है।इस दिन मौन रहने का नियम भी धर्म शास्त्रों में बताया गया है।

एकादशी की पूजा विधि

एकादशी तिथि के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर सभी दैनिक कार्यों से निवृत हो जाए. इसके बाद मन में श्री हरि विष्णु का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें. अब पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें. इस दौरान भगवान विष्णु को तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करना न भूलें. इसके बाद आरती कर पूजा संपन्न करें.

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