Mouni Amavasya 2024: बहुत खास है इस बार मौनी अमावस्या, जानिए इस दिन की महिमा और स्नान-दान का समय

Mouni Amavasya 2024: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। मान्यता है कि अमावस्या के दिन ही शनिदेव का जन्म हुआ था। माघ माह में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या कहते हैं।

Update:2024-02-09 08:30 IST

Mauni Amavasya 2024 (Pic: Social Media)

Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या के दिन का विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या की तिथि  इस साल यह 9 फरवरी को है। मौनी शब्द का अर्थ है मौन रहना। इस दिन लोग मौन व्रत का पालन करते हैं, जो आत्म-प्राप्ति पर केंद्रित है।मौनी अमावस्‍या तिथि का आरंभ 9 फरवरी को सुबह 8 . 2 मिनट पर होगा और यह 10 फरवरी को सुबह 4 .28 मिनट तक रहेगी। इसलिए मौनी अमावस्‍या का स्‍नान और दान 9 फरवरी को होगा।

मौनी अमावस्‍या में स्नान का समय

मौनी अमावस्‍या के दिन सबसे शुभ माना जाने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 .5 मिनट से लेकर रात को 11.29 मिनट पर समाप्‍त होगा। इस शुभ योग में मौनी अमावस्‍या का व्रत करने से आपको धन की प्राप्ति होती है और आपके पूर्वज प्रसन्‍न होकर आपको जीवन में सफल और संपन्‍न होने का आशीर्वाद देते हैं।

स्नान-दान समय - सुबह 08.02 - सुबह 11.15

श्राद्ध कर्म - सुबह 11.00 - दोपहर 03.21 

मौनी अमावस्या के नियम

मौनी अमावस्या के  दिन लोग मन को शांत करने और आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाने के लिए बोलने से परहेज करते हैं। इस दिन फिल्म, संगीत और मनोरंजन के अन्य साधनों जैसे बाहरी विकर्षणों से बचने की सलाह दी जाती है।इस दिन विलासिता प्रदान करने वाली गतिविधियों में शामिल होने से बचना चाहिए।इस अवसर पर नकारात्मक विचारों और भावनाओं से दूर रहना चाहिए।इस दिन लोग भगवान के साथ अपना संबंध गहरा करने के लिए ध्यान, प्रार्थना और अन्य धार्मिक गतिविधियां करते हैं।मौनी अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को दान देना, वंचितों की मदद करना और निस्वार्थ कार्य करना शुभ माना जाता है।इस दौरान पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से शरीर और आत्मा शुद्ध हो जाती है।इस शुभ दिन पर पवित्र ग्रंथ और आध्यात्मिक साहित्य पढ़ने से दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है।मौनी अमावस्या का व्रत करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

माँ गंगा का पूजन मंत्र

"ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिणी नारायणी नमो नमः।"

गंगा, यमुने, गोदावरी, सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी दग्ध अस्मिन् सन्निधिं कुरु।

गंगा वारि मनोहरि मुरारिचरणच्युतम्। त्रिपुरारिशिराश्चरि पापहरि पुनतु मां''।

मौनी अमावस्‍या पर गंगा में स्‍नान और मौन रहकर साधना करना सर्वश्रेष्‍ठबताया गया है। इस दिन लोग मौन व्रत करते हैं। इस दिन गंगा में स्‍नान करने से आपके सभी पाप धुल जाते हैं और आपको कई गुना पुण्‍य मिलता है। इस दिन मंदिरों और धार्मिक स्‍थलों में हवन पूजन के कार्यक्रम किए जाते हैं।मौनी अमावस्या के दिन सुबह स्नान नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए। गरीब व भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं। अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करें।इस दिन झूठ ना बोले। किसी को कष्ट ना पहुंचाएं। मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करके व्रत समापन करने से मुनि पद की प्राप्ति होती है। इस दिन मौन व्रत रखकर मन को संयम में रखने का विधान है। इससे व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है।


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