Navratri 2022 Kanya Pujan: जानें किस उम्र की कन्या का पूजन करने से मिलता है कौन सा लाभ, अष्टमी-नवमी शुभ मुहूर्त

Navratri 2022 Kanya Pujan: नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। दरअसल नवरात्रि की अष्टमी और नवमी पर 9 कन्याओं के पूजन से देवी मां दुर्गा बेहद प्रसन्न होती हैं।

Written By :  Anupma Raj
Update:2022-10-01 10:39 IST

Kanya Pujan (Image: Social Media)

Navratri 2022 Kanya pujan: नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। दरअसल नवरात्रि की अष्टमी और नवमी पर 9 कन्याओं के पूजन से देवी मां दुर्गा बेहद प्रसन्न होती हैं। बता दे शास्त्रों के अनुसार आयु के अनुसार कन्या पूजन किया जाए तो इससे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि किस उम्र की कन्या का पूजन करने से मिलता है कौन सा लाभ: 

जानें किस उम्र की कन्या में कौन सी देवी

2 वर्ष की कन्या

दरअसल दो वर्ष की कन्या को मां कुंआरी का स्वरूप माना जाता है। इनकी पूजा करने से धन से जुड़े संकट दूर हो जाती हैं और धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

3 वर्ष की कन्या

बता दे तीन साल की कन्या को देवी त्रिमूर्ति का स्वरूप मानते हैं। मां के इस स्वरूप का आराधना करने से धन, धान्य और जीवन में सकारात्मकता आती है.

4 वर्ष की कन्या

चार वर्ष की कन्या की देवी कल्याणी का स्वरूप माना जाता है। इनकी पूजा करने से परिवार के सदस्यों का कल्याण होता है और जीवन सुखमय बनता है।

5 वर्ष की कन्या

दरअसल पांच साल की कन्या देवी रोहिणी का रूवरूप मानी जाती है। मां के इस स्वरूप का पूजा करने से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है और परिवार के सदस्य सेहतमंद रहते हैं।

6 वर्ष की कन्या

दरअसल छह साल की कन्या का मां कालिका के रूप में पूजा किया जाता है। मां का यह स्वरूप देवी शक्ति और विजय का प्रतीक हैं और इनकी पूजा करने से शक्ति और विजय की प्राप्ति होती है। 

7 वर्ष की कन्या

बता दे 7 साल की बालिका को मां चंडिका का रूप समझा जाता है और उनका विधिपूर्वक पूजन करते हैं। दरअसल यह देवी का उग्र स्वरूप है और इनकी पूजा करने से विजय, धन, ऐश्वर्य सबकुछ प्राप्त होता है।

8 वर्ष की कन्या

बता दे आठ साल की कन्या देवी शांभवी का स्वरूप होती है। मां के इस स्वरूप का पूजन करने से कोर्ट कचहरी या वाद विवाद से जुड़े मामलों की सफलता प्राप्त होती है।

9 वर्ष की कन्या

दरअसल नौ वर्ष की कन्या को साक्षत् मां दुर्गा का स्वरूप मानकर पूजन किया जाता है। दरअसल इस कन्या का पूजन करने से शत्रु पराजित होते हैं और सफलता प्राप्त होती है। साथ ही पुराने कार्य भी बनते हैं।

10 वर्ष की कन्या

दरअसल 10 साल की बच्ची को देवी सुभद्रा का स्वरूप माना जाता है। बता दे कि मां की इस स्वरूप का पूजा करने से व्यक्ति की समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और कष्ट दूर होते हैं। 

कन्या पूजन 2022 की अष्टमी मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त: 12.04 PM से 12.51 PM

विजय मुहूर्त: 02.27 PM से 03.14 PM

गोधूलि मुहूर्त: 06.13 PM से 06.37 PM

कन्या पूजन 2022 की नवमी मुहूर्त 

अभिजित मुहूर्त: 11.52 PM से 12.39 PM

गोधूलि मुहूर्त: 05.58 PM से 06.22 PM

अमृत मुहूर्त: 04.52 PM से 06.22 PM



Tags:    

Similar News