Niti Niyam: स्त्रियों को किसका पैर चाहिए छूना

Niti Niyam: मंत्रदान का अर्थ मार्ग बतलाना ही है, कान फूँकना नहीं।

Newstrack :  Network
Update:2024-03-19 16:47 IST

Niti Niyam

Niti Niyam: एक बात से तो बहुत ही सावधान रहना चाहिए। हिंदू-स्त्रियों के लिए पुरुष-जाति में दो ही ऐसे गुरु हो सकते हैं, जिनके चरण-स्पर्श करने का उन्हें अधिकार है, एक विवाहित पति और दूसरे समस्त विश्व के पति ईश्वरों के भी ईश्वर—परमेश्वर। इन दो को छोड़कर वे सन्मार्ग की शिक्षा तो किसी भी योग्यतम चरित्रवान् वैराग्य संपन्न पुरुष से ले सकती हैं; परंतु किसी के चरण-स्पर्श करने या किसी से कान में मंत्र फूँकवाने की उन्हें आवश्यकता नहीं है, चाहे कोई वास्तविक महात्मा या महापुरुष ही क्यों न हो। चरण-स्पर्श करने या मंत्र ग्रहण करने से बढ़कर लाभ सच्चे महापुरुष की शास्त्र सम्मत निर्दोष आज्ञा के पालन से ही हो जायगा। इसमें किंचित् भी संदेह नहीं। सच्चे महापुरुष की आज्ञा निर्दोष ही होगी और सच्चा महापुरुष भी उसी को समझना चाहिए जिसकी आज्ञा विषयों में फँसाने वाली और पापमयी न हो। मंत्रदान का अर्थ मार्ग बतलाना ही है, कान फूँकना नहीं।


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