Panchak: जानें किसे कहते है पंचक, कैसा होगा इसका राशियों पर प्रभाव?

Panchak: पंचक को हिंदू पंचांग में एक ऐसा नक्षत्र कहा गया है जिसमें शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। हिंदू ज्योतिष के अनुसार पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है और पंचक को अशुभ नक्षत्रों का योग माना जाता है। नक्षत्रों के योग से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहते हैं।

Written By :  Preeti Mishra
Update: 2022-06-29 08:50 GMT

Panchak 2022( Image credit : Social media)

Panchak: धनिष्ठा का उतरार्ध, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उतरा भाद्रपद व रेवती इन पांच नक्षत्रों ( सैद्धान्तिक रुप से साढेचार) को पंचक कहते है। पंचक का अर्थ ही पांच का समूह है। सरल शब्दों में कहें तो कुम्भ व मीन में जब चन्द्रमा रहते है, तब तक की अवधि को पंचक कहते है। इन्ही को कहीं-कहीं पर धनिष्ठा पंचक भी कहा जाता है।

पंचक को हिंदू पंचांग में एक ऐसा नक्षत्र कहा गया है जिसमें शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। हिंदू ज्योतिष के अनुसार पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है और पंचक को अशुभ नक्षत्रों का योग माना जाता है। नक्षत्रों के योग से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहते हैं।

एक अन्य मत से पंचकों में धनिष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति को अंग दोष होने का विचार किया जाता है। धनिष्ठा नक्षत्र के प्रथम आधे भाग को भी कुछ स्थानों पर शुभ नहीं समझा जाता है। 

महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान 'ट्रस्ट' के अध्यक्ष प्रसिद्द ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय

पांच वर्जित कार्य

पंचक में पांच कार्य करने सर्वथा वर्जित माने जाते है। इसमें दक्षिण दिशा की यात्रा, ईंधन एकत्र करना, शव का अन्तिम संस्कार, घर की छत डालना, चारपाई बनवाना शुभ नहीं माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन नक्षत्र समय में इनमें से कोई भी कार्य करने पर, उक्त कार्य को पांच बार दोहराना पड सकता है।

महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान 'ट्रस्ट' के अध्यक्ष प्रसिद्द ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय बताते है कि ज्योतिष के प्रसिद्ध शास्त्र "राजमार्त्तण्ड" के अनुसार ईंधन एकत्र करने, चारपाई बनाने, छत बनवाने, दक्षिण दिशा की यात्रा करने में घनिष्टा नक्षत्र में इनमें से कोई काम करने पर अग्नि का भय रहता है। शतभिषा नक्षत्र में कलह, पूर्वा भाद्रपद में रोग, उतरा भाद्रपद में जुर्माना, रेवती में धन हानि होती है।

पंचक तिथियां

जुलाई: शनिवार, 16 जुलाई 2022 प्रातः 04:17 बजे से शुरू होकर बुधवार, 20 जुलाई 2022 दोपहर 12:50 बजे तक।

अगस्त: शुक्रवार 12 August 2022 दोपहर 02:49 से मंगलवार 16 August 2022 रात 09:07 तक

सितम्बर: शुक्रवार 09 September 2022 से मंगलवार 13 September 2022 सुबह 06:36 तक

अक्टूबर: बृहस्पतिवार 06 October 2022 सुबह 08:28 से सोमवार 10 October 2022 शाम 04:02 बजे तक

नवंबर: बुधवार 02 November 2022 दोपहर 02:16 से सोमवार 07 November 2022 सुबह 00:04 बजे तक

नवंबर और दिसंबर:  मंगलवार 29 November 2022 शाम 07:51 से रविवार 04 December 2022 सुबह 06:16 बजे तक am

दिसंबर: मंगलवार 27 December 2022 at सुबह 03:31 से शनिवार 31 December 2022 सुबह 11:47 बजे तक

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