Panchak 2025 List In Hindi: जनवरी से दिसंबर तक में कब-कब लगेगा पंचक, यहां देखिये पूरी लिस्ट

Panchak 2025 January To December: जनवरी से दिसंबर तक में कब-कब लगेगा पंचक (panchak date 2025 ): पंचक अशुभ नक्षत्रों का योग है।

Update:2024-07-13 10:45 IST

2025 में पंचक जनवरी से दिसंबर तक में कब-कब लगेगा?

इस साल 2025 में पंचक की शुरुआत 3 जनवरी से हो रही है। इस बार पंचक की शुरुआत शुक्रवार को हो रही है। शास्त्रोनुसार शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है। नाम से ही पता चलता है कि अशुभ दिन से शुरू होने वाला ये पंचक  परेशानी देने वाला होता है। इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए। इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है। ज्योतिष में पंचक अशुभ नक्षत्रों का योग है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार समय-समय पर ग्रहों और नक्षत्रों की चाल की गणना के आधार पर किसी मांगलिक कार्य को करने के लिए समय निर्धारित किया जाता है। इसी को शुभ और अशुभ मुहूर्त कहा जाता है। साल 2025 में जनवरी से दिसंबर तक कब-कब है पंचक का समय जानते हैं।

ज्योतिष में पंचक अशुभ नक्षत्रों का योग है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार समय-समय पर ग्रहों और नक्षत्रों की चाल की गणना के आधार पर किसी मांगलिक कार्य को करने के लिए समय निर्धारित किया जाता है। इसी को शुभ और अशुभ मुहूर्त कहा जाता है। साल 2025 में जनवरी से दिसंबर तक कब-कब है पंचक का समय जानते हैं।

          जनवरी से दिसंबर 2025 में पंचक का समय

जनवरी में पंचक का आरंभ

3  जनवरी 2025, शुक्रवार 10:47AMबजे

पंचक का समापन

7 जनवरी 2025,मंगलवार 17:50 PM बजे- 

फरवरी में पंचक का आरंभ

30 जनवरी 2025, बृहस्पतिवार18:35 PM बजे

पंचक का समापन

3 फरवरी 2025,सोमवार 23:17PM

मार्च पंचक का आरंभ

27 फरवरी 2025, बृहस्पतिवार को 04:37AM बजे

पंचक का समापन

3 मार्च 2025 सोमवार को 06:39AM बजे

मार्च पंचक का आरंभ

मार्च 26, 2025, बुधवार को 03:14PM बजे

पंचक का समापन

मार्च 30, 2025, रविवार को 04:35 PM बजे

अप्रैल में पंचक का आरंभ

23 अप्रैल 2025, बुधवार को 12:31AM बजे

पंचक का समापन

27 अप्रैल 2025, रविवार को 03:39 AM बजे

मई में पंचक का आरंभ

20  मई2025, मंगलवार को 07:35AM बजे 

पंचक का समापन

24 मई 2025, शनिवार को 01:48 PM बजे

जून में पंचक का आरंभ

16 जून 2025, सोमवार को 01:10 PM बजे

जून पंचक का समापन

20 जून 2025, सोमवार को 01:10 PM बजे

जुलाई में पंचक का आरंभ

13 जुलाई 2025, रविवार को 06:53 PM बजे

जुलाई पंचक का समापन

18 जुलाई 2025, शुक्रवार को 03:39 AMबजे

अगस्त में पंचक का आरंभ

10 अगस्त 2025, रविवार को 02:11 AM बजे

अगस्त में पंचक का समापन

14 अगस्त 14, 2025, बृहस्पतिवार को 09:06AM बजे

सिंतबर में पंचक का आरंभ

6 सिंतबर 2025, शनिवार को 11:21AM बजे

सिंतबर पंचक का समापन

10 सिंतबर2025, बुधवार को 04:03 PM बजे

अक्टूबर में पंचक का आरंभ

3 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को 09:27 PM बजे

अक्टूबर पंचक का समापन

8 अक्टूबर 2025, बुधवार को 01:28 AMबजे

नंवबर में पंचक का आरंभ

31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को 06:48AM बजे

नंवबर पंचक का समापन

4 नंवबर 2025, मंगलवार को 12:34 PM बजे

नंवबर पंचक आरम्भ

 27नवम्बर, 2025, बृहस्पतिवार को 02:07 PM बजे

नंवबर पंचक समापन

1 दिसम्बर 2025 सोमवार को 11:18 PMबजे

दिसम्बर में पंचक का आरंभ

24 दिसम्बर 2025, बुधवार को 07:46 PM बजे

दिसम्बर पंचक का समापन

29  दिसम्बर 2025, सोमवार को 07:41AM बजे

पंचक क्या होता है ?

ज्योतिष में पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है। इसे अशुभ नक्षत्रों का योग मानते हैं। नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहते हैं। जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है, तब उस समय को पंचक कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र में पंचक को अशुभ माना गया है। पंचक कितने प्रकार का होता है और इसमें कौन-कौन से काम नहीं करने चाहिए। पंचक के दौरान कुछ विशेष काम करने की मनाही है। इसके अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार समय-समय पर ग्रहों और नक्षत्रों की चाल की गणना के आधार पर किसी मांगलिक कार्य को करने के लिए समय निर्धारित किया जाता है। इसी को शुभ और अशुभ मुहूर्त कहा जाता है। शुभ मुहूर्त में कार्य करने पर उस काम में सफलता की प्राप्ति होती है, जबकि अशुभ मुहूर्त में किया गया कार्य में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न होती है। जब कभी अशुभ नक्षत्र का योग बनता है तब इस योग को पंचक कहा जाता है। ज्योतिष में पंचक को अशुभ माना गया है।

पंचक कब लगता है ?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पांच नक्षत्रों के संयोग को पंचक कहा जाता है। इन पांच नक्षत्रों में घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती हैं। पंचक का स्वामी ग्रह कुंभ और राशि मीन होती है। प्रत्येक माह आने वाले पंचक में इन पांच नक्षत्रों की भी गणना की जाती है।घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद तथा रेवती ये नक्षत्र पर जब चन्द्रमा गोचर करते हैं तो उस काल को पंचक काल कहा जाता है। पंचक निर्माण तभी होता है जब चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि पर गोचर करते हैं।

पंचक के प्रकार

रोग पंचक

रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है। इसके प्रभाव से ये पांच दिन शारीरिक और मानसिक परेशानियों वाले होते हैं। इस पंचक में किसी भी तरह के शुभ काम नहीं करने चाहिए। हर तरह के मांगलिक कार्यों में ये पंचक अशुभ माना गया है।

राज पंचक

सोमवार को शुरू होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है। ये पंचक शुभ माना जाता है। इसके प्रभाव से इन पांच दिनों में सरकारी कामों में सफलता मिलती है। राज पंचक में संपत्ति से जुड़े काम करना भी शुभ रहता है।

अग्नि पंचक

मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है। इन पांच दिनों में कोर्ट कचहरी और विवाद आदि के फैसले, अपना हक प्राप्त करने वाले काम किए जा सकते हैं। इस पंचक में अग्नि का भय होता है। इस पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य, औजार और मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना गया है। इनसे नुकसान हो सकता है।

मृत्यु पंचक

शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है। नाम से ही पता चलता है कि अशुभ दिन से शुरू होने वाला ये पंचक मृत्यु के बराबर परेशानी देने वाला होता है। इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए। इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है।

चोर पंचक

शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है। विद्वानों के अनुसार, इस पंचक में यात्रा करने की मनाही है। इस पंचक में लेन-देन, व्यापार और किसी भी तरह के सौदे भी नहीं करने चाहिए। मना किए गए कार्य करने से धन हानि हो सकती है।

बुधवार और गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक में ऊपर दी गई बातों का पालन करना जरूरी नहीं माना गया है। इन दो दिनों में शुरू होने वाले दिनों में पंचक के पांच कामों के अलावा किसी भी तरह के शुभ काम किए जा सकते हैं।


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