Phulera Dooj ka mahatava: इन उपायों और प्रसाद से घर में आएगी खुशहाली,फूलैरा दूज पर जरूर आजमाएं

Phulera Dooj ka mahatava: फुलेरा दूज पर शादी-विवाह करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और साथ ही इस दिन किए गए किसी भी मांगलिक कार्य में सफलता मिलती है

Update: 2024-03-12 09:54 GMT

Phulera Dooj ka Mahatava फुलेरा दूज का धार्मिक महत्व: हिंदू धर्म में फुलेरा दूज का विशेष महत्व है। भगवान् कृष्ण के भक्तों के लिए यह दिन बहुत ही खास होता है। इस दिन लोग सारे मांगलिक कार्य बिना किसी मुहूर्त के भी कर सकते हैं क्योंकि यह दिन बहुत शुभ होता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण जब बहुत दिनों तक राधारानी से मिल नहीं पाए तो राधा उनसे रूठ गईं थी। राधा के साथ उनकी सखियां भी कृष्ण से नाराज हो गईं थी। राधा को प्रकृति का प्रतीक मानते हैं। फूल, पेड़, पौधे सब मुरझाने लगे। भगवान कृष्ण तो अंतर्यामी थे। उनको प्रकृति की दशा देखकर के राधा दशा के बारे में पता चल गया । एक दिन भगवान श्रीकृष्ण राधाजी से मिलने बरसाना पहुंच गए

कृष्ण जी से मिलकर राधारानी और गोपियां प्रसन्न हो गईं। चारों ओर फिर से प्रकृति में हरियाली छा गई। श्रीकृष्ण ने एक फूल तोड़कर राधाजी पर फेंक दिया। तब राधारानी ने भी एक फूल तोड़ा और श्रीकृष्ण जी पर फेंक दिया। यह देखकर गोपियां भी फूल तोड़ने लगीं और एक दूसरे पर फूल फेंकने लगीं।

यह दिन नए काम की शुरुआत के लिए बहुत शुभ है। नए काम की शुरुआत इस दिन से कर सकते हैं। इस दिन राधा-कृष्ण को अबीर-गुलाल अर्पित किया जाता है। इस दिन से लोग होली के रंगों की शुरुआत भी करते हैं। यह दिन सभी दोषों से मुक्त माना जाता है। भक्त घरों और मंदिरों दोनों जगह में देवता की मूर्तियों या प्रतिमाओं को सुशोभित करते हैं और सजाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान जो किया जाता है वह भगवान कृष्ण के साथ रंग-बिरंगे फूलों से होली खेलने का होता है। ब्रज क्षेत्र में, इस विशेष दिन पर, देवता के सम्मान में भव्य उत्सव होते हैं।

फुलेरा दूज के दिन का प्रसाद

आज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का श्रद्धा भाव के साथ विधि विधान से पूजन करना चाहिए. पूजन के बाद भगवान को गाय का शुद्ध घी अर्पित करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस उपाय को करने से परिवार में चल रहा क्लेश समाप्त होता है और रिश्तों में प्रेम बढ़ता है.

मान्यताओं के अनुसार मालपुए का भोग भगवान शिव और माता पार्वती का प्रिय भोग माना जाता है. इसलिए फुलेरा दूज वाले दिन संपूर्ण शिव परिवार को मालपुए का भोग लगाना चाहिए. माना जाता है जो साधक भक्त फुलेरा दूज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती को मालपुए का भोग लगाते हैं, उन्हें जीवन की सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है.

मान्यता है कि, फुलेरा दूज वाले दिन भगवान शिव और माता पार्वती को केसर का भोग जरूर लगाना चाहिए ऐसा करने से घर की नेगेटिव एनर्जी दूर होती है. इसके साथ ही साधक के भीतर का भय खत्म होता है और साहस का संचार होता है. इसलिए जो भी लोग डर या भय में जीते हैं और उसको समाप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें फुलेरा दूज के दिन इस उपाय को जरूर करना चाहिए.

फुलेरा दूज के उपाय ( Phulera Dooj Ka Upay)

जो लोग प्रेम विवाह करना चाहते हैं , लेकिन विवाह नहीं हो पाता है तो फुलेरा दूज के दिन अगर राधा-कृष्ण मंदिर में पीले फूल, पीली मिठाई, पीले वस्त्र अर्पित करें तो आसानी से प्रेम-विवाह हो जाता है।

अगर वैवाहिक जीवन में परेशानी है तो फुलेरा दूज के दिन श्रीकृष्ण मंदिर जाएं। अगर वैवाहिक जीवन में ज्यादा परेशानी आ रही हैं या जीवनसाथी के साथ मनमुटाव रहता है तो इन परेशानियों को दूर करने के लिए किसी सादे कागज पर अपनी समस्या लिखकर राधा-कृष्ण के चरणों में अर्पित कर दें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन मधुर रहता है।

अगर किसी वजह से रिश्ता टूट गया है तो फिर से प्रेम और मधुरता लाने के लिए फुलेरा दूज के दिन राधा-कृष्ण की विशेष पूजा करें। राधा-कृष्ण को फूलों की माला अर्पित करें। ऐसे करने से रिश्ता मजबूत होगा।

इसके अलावा इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा में ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। 40 दिनों तक इसे जारी रखेंगे तो जीवनभर सुख-समृद्धि के साथ संबंधों में मधुरता बनी रहेगी।

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