Pitra Visarjan 2022: रविवार को है पितृविसर्जन, पितरो की प्रसन्नता के लिए ये कार्य है जरुरी

Pitra Visarjan 2022: पंडित राकेश पाण्डेय के मुताबिक़ इस वर्ष अमावस्या तिथि पूरे दिन व रात्रि 3:24 तक रहेगी । गौरतलब है कि जिस व्यक्ति की मृत्यु तिथि ज्ञात न हो उन्हें अमावस्या तिथि पर ही श्राद्ध करना चाहिए।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2022-09-23 10:33 IST

Pitru paksha( Image credit: Newstrack)

Pitru Paksh 2022: इस वर्ष पितृविसर्जन सर्वपैत्री, श्राद्ध की अमावस्या 25 सितम्बर रविवार को है। रविवार को पितृविसर्जन मर पितरों की प्रसन्नता के लिए कुछ कार्य बेहद जरुरी है। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय के अनुसार 'मध्याह्ने श्राद्धम् कारयेत' अतः मध्याह्न काल में ही श्राद्ध क्रिया करना चाहिए।

पंडित राकेश पाण्डेय के मुताबिक़ इस वर्ष अमावस्या तिथि पूरे दिन व रात्रि 3:24 तक रहेगी । गौरतलब है कि जिस व्यक्ति की मृत्यु तिथि ज्ञात न हो उन्हें अमावस्या तिथि पर ही श्राद्ध करना चाहिए। 

ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय

ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय के अनुसार पितृ दोष शान्ति हेतु निम्न उपाय करना बेहद जरुरी है :

- त्रिपिण्डी श्राद्ध करें ।

- गीता का पाठ,रूद्राष्ट्राध्यायी के पुरुष सूक्त,रुद्र सूक्त ब्रह्म सूक्त आदि का पाठ भी करना चाहिए ।

- पीपल के वृक्ष के मूल में भगवान विष्णु का पूजन कर गाय का दूध चढ़ावें।

- पितृ श्राप से मुक्ति हेतु उस दिन पीपल एक पौधा भी अवश्य ही लगाना चाहिए ।।

ज्योतिषाचार्य राकेश पाण्डेय बताते है कि श्राद्ध चिन्तामणि के अनुसार किसी मृत आत्मा का तीन वर्षो तक श्राद्ध कर्म नहीं करने पर जीवात्मा का प्रवेश प्रेत योनि में हो जाता है। जो तमोगुणी रजोगुणी एवं सतोगुणी होती है। पृथ्वी पर रहने वाली आत्माएं तमोगुणी होती हैं। अत: इनकी मुक्ति अवश्य करनी चाहिए ।

पितृविसर्जन के दिन पितृ लोक से आये हुयें पितरो की विदाई होती है उस दिन तीन या छः ब्राह्मणों को मध्याहन के समय घी में बने हुये पुआ,गोदूग्ध में बने खीर आदि सुस्वादुकर भोजन से संतृप्त कर उन्हें वस्त्र दक्षिणा आदि देकर विदा करें एवं सायं काल घी का दीपक जलाकर पितृ लोक गमन मार्ग को आलोकित करने की परिकल्पना करें ! जिससे पितृ संतुष्ट होकर अपने वंश के उत्थान की कामना करते हुये स्वलोक गमन करेगें।

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