सावन में इस दिन खिलाएं गरीबों को भोजन, घर में समृद्धि के लिए करें पौधारोपण

Update: 2017-07-22 07:24 GMT

लखनऊ: सावन की शिवरात्रि के बाद जो सबसे अधिक महत्व का दिन है वो सावन अमावस्या का होता है। यह अमावस्या हरियाली अमावस्या भी कही जाती है। मान्यता है कि सावन मास की अमावस्या पर किए गए उपाय शुभ फल देते हैं।

अमावस्या पर स्नान, दान, श्राद्ध का विशेष महत्व है।|

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इस दिन पितृों को प्रसन्न करने के लिए गाय के गोबर से बने उपले पर शुद्ध घी व गुड़ मिलाकर धूप देनी चाहिए। घर में जो भी ताजा भोजन बना हो, उससे भी धूप देने से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं। सावन अमावस्या पर भूखे प्राणियों को भोजन कराने का महत्व है। इस दिन आटे की गोलियां मछलियों को खिलाने से परेशानियों का अंत होता है। चीटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाएं।

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हरियाली अमावस्या को पीपल, बरगद, केला, नींबू, तुलसी आदि का पौधारोपण करना शुभ माना जाता है। इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है। पीपल, बरगद, नीम, तुलसी, केला आदि में देवता का वास बताया गया है। इस दिन पीपल के मूल भाग में जल, दूध अर्पित करने से पितृ तृप्त होते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि एक पेड़ दस पुत्रों के समान होता है। अतः हरियाली अमावस्या के दिन एक पौधे का रोपण अवश्य करना चाहिए।

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