2019 हमारे देश के लिए कैसा रहेगा जानने से पहले यह समझना जरूरी है कि हमारा राष्ट्र 14/15 अगस्त 1947 को मध्यरात्रि को स्वतंत्र हुआ। कर्क राशि एवं वृष लग्न का भारत, त्रिकोण में राहु की उपस्थिति, उसे मजबूत लोकतंत्र का स्वरूप प्रदान करती है। तृतीय भाव में सूर्य, शुक्र सहित पाँच ग्रहों की उपस्थिति भारत को अपने पड़ोसी देशों के मध्य नेतृत्व की क्षमता प्रदान करती है। अष्टमेष गुरू का षष्ठम् भाव में उपस्थिति शत्रु देशों के ऊपर विजय प्राप्त करने का सुयोग है। वहीं वृश्चिक राशि का केतु, विभिन्न प्रकार के षड़यंन्त्रों का शिकार बनाता है।
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ज्योतिर्विद एवं वास्तुविद पं. देवेन्द्र भट्ट (गुरुजी) के अनुसार वर्ष 2019 का समय धनधान्य के लिहाज से अच्छा रहेगा। व्यापार वाणिज्य एवं विदेश व्यापार में वृद्धि होगी।
समुद्र पार देशों के साथ भारत का व्यापार उसके पक्ष में रहेगा। धर्म-दर्शन, विज्ञान गणित एवं प्रद्यौगिकी के क्षेत्र में नए आविष्कारों को बल मिलेगा।
भारी उद्योगों की तुलना में लघु कुटीर उद्योगों में सुधार की स्थिति रहेगी। भूमि -आवास क्षेत्र में गुणात्मक सुधार आयेगा। युवाओं में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
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श्री भट्ट के अनुसार सूर्य-शनि की धनु राशि में एवं गोचर वश अष्टम् स्थान पर होने के कारण प्राकृतिक आपदा एवं मौसम परिवर्तन (आकस्मिक) के कारण धन-जन का बेहद नुकसान दिख रहा है।
लग्नेश शुक्र की चंद्रमा के साथ युति, राजनैतिक अस्थिरता की ओर संकेत कर रही है। वर्ष 2019 के प्रथमार्ध में देश के राजनैतिक अस्थिरता एवं कटुता का वातावरण रहेगा।
ज्योतिर्विद के अनुसार 2019 में संसद एवं विधानसभाओं में सदन की कार्यवाही ठीक ढंग से नहीं चल सकेगी। इसके पश्चात द्वितीयार्ध में अस्थिरता का वातावरण दूर होगा। शासन-प्रशासन, कानून व्यवस्था दुरूस्त होगी एवं भ्रष्टाचार हित कार्यों में बल मिलेगा।