Purnima 2025 Date and Time: 2025 में 12 पूर्णिमा की तिथि कब-कब है, जानिए पूरी लिस्ट और महत्व

Purnima 2025 Date and Time: आने वाले साल 2025 में कब-कब होगा पूर्णिमा,जानिए पूरी लिस्ट..

Update:2024-11-22 08:30 IST

Purnima Kab Hai पूर्णिमा कब है 2025

हर माह पूर्णिमा तिथि होती है। जो शुक्ल पक्ष में पड़ती है। पूर्णिमा के दिन देवताओं को और अमावस्या के दिन पितरों के नाम पर पूजा और दान किया जाता है।  शुक्ल पक्ष में 15 वीं तिथि पूर्णिमा होती है और कृष्ण पक्ष में 30 वीं तिथि होती है अमावस्या। हर साल की तरह आने वाले साल 2025 में 12 पूर्णिमा की तिथि कब-कब पड़ रही हैं जानते हैं..

इसमें फाल्गुन पूर्णिमा ,बौद्ध पूर्णिमा,गुरु पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा भी शामिल है। इन तिथियों पर वेद व्यास, गौतम बुद्ध जैसे महात्माओं का जन्म भी हुआ है।पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी के करीब होता है, जिससे ज्वार-भाटे का स्तर बढ़ जाता है। यह हमारे मन और शरीर पर भी प्रभाव डालता है। यही कारण है कि इस दिन ध्यान और सकारात्मक गतिविधियों पर जोर दिया जाता है।

साल 2025 12 पूर्णिमा में कब-कब है...

जनवरी में पूर्णिमा कब है 2025

2025 जनवरी में पौष माह की पूर्णिमा

13 जनवरी दिन सोमवार

पूर्णिमा तिथि का आरंभ-प्रारम्भ - 05:03 AM, जनवरी 13 जनवरी से

पूर्णिमा तिथि का समापन-03:56 AM 14 जनवरी तक

फरवरी में पूर्णिमा कब है 2025

2025 फरवरी में माघ माह की पूर्णिमा

12 फरवरी दिन बुधवार

पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 06:55 PM 11 फरवरी से

पूर्णिमा तिथि का समापन-07:22 PM 12फरवरी तक

मार्च में पूर्णिमा कब है 2025

2025 मार्च में फाल्गुन माह की पूर्णिमा

14 मार्च दिन शुक्रवार

पूर्णिमा तिथि का आरंभ-10:35 AM 13 मार्च से

पूर्णिमा तिथि का समापन-12:23PM 14 मार्च तक

अप्रैल में पूर्णिमा कब है 2025

2025 अप्रैल में चैत्र माह की पूर्णिमा

13 अप्रैल दिन शुक्रवार

पूर्णिमा तिथि का आरंभ-03:21 AM 12 अप्रैल से

पूर्णिमा तिथि का समापन- 05:51AM 13 अप्रैल तक

मई में पूर्णिमा कब है 2025

2025 मई में वैशाख माह की पूर्णिमा

12 मई दिन सोमवार

पूर्णिमा तिथि का आरंभ-08:01 Pm, 11मई से

पूर्णिमा तिथि का समापन-10:2 PM, 12 मई तक

जून में पूर्णिमा कब है 2025

2025 जून में ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा

11 जून दिन बुधवार

पूर्णिमा तिथि का आरंभ-11:35 AM, जून 10

पूर्णिमा तिथि का समापन- 01:13 PMजून 11 तक

जुलाई में पूर्णिमा कब है 2025

2025 जुलाई में आषाढ़ माह की पूर्णिमा

10 जुलाई दिन बृहस्पतिवार

पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 01:36AM10 जुलाई

पूर्णिमा तिथि का समापन-02:06AM 11 जुलाई तक

अगस्त में पूर्णिमा कब है 2025

2025 अगस्त में सावन माह की पूर्णिमा

12 अगस्त दिन , शनिवार
पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 02:12 PM 08अगस्त से

पूर्णिमा तिथि का समापन-01:24 PM, अगस्त 09 अगस्त तक

सितंबर में पूर्णिमा कब है 2025

2025 सितंबर में भादो माह की पूर्णिमा

7 सितंबर दिनरविवार 

पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 01:41 AM , सितम्बर 07  से

पूर्णिमा तिथि का समापन-11:38PM 07 सितम्बर तक

अक्टूबर में पूर्णिमा कब है 2025

2025 अक्टूबर में आश्विन माह की पूर्णिमा

7 अक्टूबर दिन मंगलवार

पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 12:23 PM  06 अक्टूबर से

पूर्णिमा तिथि का समापन-09:16 AM 07 अक्टूबर तक

नवम्बर में पूर्णिमा कब है 2025

2025 नवंबर में कार्तिक माह की पूर्णिमा

5 नवंबर दिन बुधवार

पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 10:36 PM, 04 नवंबर से

पूर्णिमा तिथि का समापन- 106:48 PM  05 नवंबर तक

दिसंबर में पूर्णिमा कब है 2025

2025 दिसंबर में मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा

5 दिसंबर दिन गुरुवार

पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 08:37 AM 04 दिसंबर से

पूर्णिमा तिथि का समापन- 04:43 AM 05 दिसंबर तक

पूर्णिमा का महत्व

पूर्णिमा तिथि का अपना महत्व है।  इस दिन को शुभ और पवित्र मानते  है। लोग स्नान, दान और पूजा-पाठ करते हैं। पूर्णिमा पर व्रत रखने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। कई देवी-देवताओं की आराधना इस दिन विशेष रूप से की जाती है, जैसे सत्यनारायण भगवान की कथा और पूजा। यह आध्यात्मिक गुरुओं के सम्मान में मनाया जाता है।  इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, और धन दान करना पुण्यदायी होता है।चंद्रमा की ऊर्जा मन और शरीर पर गहरा प्रभाव डालती है। योग और ध्यान से इस ऊर्जा को संतुलित किया जा सकता है।
चंद्रमा का पूर्ण रूप मन की शांति और मानसिक संतुलन का प्रतीक है।

शरद पूर्णिमा: इस दिन चंद्रमा की किरणें औषधीय गुणों से युक्त मानी जाती हैं। खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने की परंपरा है।

कार्तिक पूर्णिमा: इसे देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दीपदान का विशेष महत्व है।

गुरु पूर्णिमा: यह गुरु-शिष्य परंपरा का प्रतीक पर्व है।

बुद्ध पूर्णिमा: बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए यह दिन विशेष रूप से पवित्र है।

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