Putrada Ekadashi Upay: 21 जनवरी का दिन है बहुत खास, इस दिन इन कामों को करके बन सकते हैं पुत्रवान-धनवान, जानिए कैसे

Putrada Ekadashi Upay: पुत्रदा एकादशी इस साल 2024 में जनवरी के 21 तारीख को है, जानते हैं इस दिन व्रत करने से क्या फल मिलता है,

Update:2024-01-18 12:30 IST

Putrada Ekadashi Upayपुत्रदा एकादशी उपाय : 2024 जनवरी माह में पुत्रदा एकादशी पौष के शुक्ल पक्ष में 21  जनवरी को है। पौष मास में पुत्रदा एकादशी बुदधिमान और दीर्घायु संतान के लिए करते हैं। इस दिन सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा और व्रत की जाती है। वैसे तो सारी एकादशियों का अपना महत्व है, लेकिन बैकुंठ या पुत्रदा एकादशी का अपना महत्व है। इस साल 2023 में पुत्रदा एकादशी 2 जनवरी को पड़ेगी।

पुत्रदा एकादशी के दिन संतान की लंबी आयु और संतान प्राप्ति की कामना करने वाली महिलाएं पुत्रदा एकादशी के व्रत को करती हैं। पुत्रदा एकादशी को साल में दो बार आती है। साल की पहली पुत्रदा एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी या पौष शुक्ल पुत्रदा एकादशी कहते हैं। यह एकादशी दिसंबर या जनवरी महीने में आती है। दूसरी पुत्रदा एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी कहते हैं। यह जुलाई या अगस्त के महीने में आती है।

पुत्रदा एकादशी पर संतान प्राप्ति के लिए करें ये उपाय

सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद पति-पत्नी एक साथ भगवान श्री कृष्ण की उपासना करें। बाल गोपाल को लाल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करें।

पति-पत्नी संतान गोपाल मंत्र का जाप करें।

मंत्र का जाप करने और पूजा खत्म होने के बाद प्रसाद ग्रहण करें।

जरूरतमंदों को दान दक्षिणा दें और भोजन कराएं।

पुत्रदा एकादशी किसने किया था व्रत

धर्मानुसार किसी समय भद्रावती नगर में राजा सुकेतु का राज्य था। उसकी पत्नी का नाम शैव्या था। संतान नहीं होने की वजह से दोनों पति-पत्नी दुःखी रहते थे। एक दिन राजा और रानी मंत्री को राजपाठ सौंपकर वन को चले गये। इस दौरान उनके मन में आत्महत्या करने का विचार आया लेकिन उसी समय राजा को यह बोध हुआ कि आत्महत्या से बढ़कर कोई पाप नहीं है। अचानक उन्हें वेद पाठ के स्वर सुनाई दिये और वे उसी दिशा में बढ़ते चलें। साधुओं के पास पहुंचने पर उन्हें पौष पुत्रदा एकादशी के महत्व का पता चला। इसके बाद दोनों पति-पत्नी ने पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत किया और इसके प्रभाव से उन्हें संतान की प्राप्ति हुई। इसके बाद से ही पौष पुत्रदा एकादशी का महत्व बढ़ने लगा। वे दंपती जो निःसंतान हैं उन्हें श्रद्धा पूर्वक पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए।

पौष पुत्रदा एकादशी पूजन विधि

पौष पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। व्रत रखने से एक दिन पहले भक्तों को सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। इसके अलावा व्रती महिला या पुरुष को संयमित और ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिए। आगले दिन व्रत शुरू करने के लिए सुबह उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें, और भगवान विष्णु का ध्यान करें। गंगाजल, तुलसीदल, फूल, पंचामृत से भगवान विष्णु की पूजा करें। पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने वाली महिला या पुरुष निर्जला व्रत करें। यदि आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो शाम को दीपक जलाने के बाद फलाहार कर सकते हैं। व्रत के अगले दिन द्वादशी पर किसी ब्राह्मण व्यक्ति या किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं, और दान दक्षिणा दें। उसके बाद ही व्रत का पारण करें। पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने वालों को व्रत से पहले दशमी के दिन एक समय सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। संयमित और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। पौष पुत्रदा एकादशी के दिन ओम नमो भगवते वासुदेवाय, विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम, विष्णु अष्टोत्रम का मंत्र का जाप करेंगे तो अच्छा रहेगा। साथ में संतान गोपाल मंत्र का जाप करें । इसके लिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम का पाठ करें। व्रत के दिन अनाज या चावल के सेवन से बचना चाहिए।

पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त

पौष शुक्ल एकादशी तिथि की शुरुआत 20 जनवरी 2024 को शाम 07.27 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन 21 जनवरी 2023 सायं 07 .28 मिनट पर होगा। एकादशी का व्रत हमेशा सूर्योदय से प्रारम्भ होता है, इसीलिए उदयातिथि के अनुसार 21 जनवरी को पौष पुत्रदा एकादशी व्रत रखा जाएगा।

विष्णु पूजन का समय - प्रातः 08 .34 मिनट से दोपहर 12 .32 मिनट तक

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पारण का समय- 22 जनवरी प्रातः 07 .14 मिनट से प्रातः 09.21 मिनट पर

एकादशी तिथि शुरू 20 जनवरी 2024 को शाम 07.27 मिनट

एकादशी तिथि समाप्त -21 जनवरी 2023 सायं 07 .28 मिनट

पौष पुत्रदा एकादशी पारणा मुहूर्त :07:12 से 09:25 तक 22, जनवरी को अवधि :2 घंटे 6 मिनट

पुत्रदा एकादशी का शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त 11:48 AM से 12:31 PM

अमृत काल मुहूर्त 12:34 AM, जनवरी 22 से 02:13 AM, जनवरी 22

ब्रह्म मुहूर्त -04:59 AM से 05:52 AM

द्विपुष्कर योग 03:52 AM, जनवरी 22 से 06:45 AM, जनवरी 22

पुत्रदा एकादशी के दिन दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, जिन्हें बहुत ही शुभ माना जा रहा है, बता दें कि इस दिन 5 सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, ब्रह्म योग, शुक्ल योग और त्रिग्रही योग का संयोग बन रहा है। जो इस तरह है..

सर्वार्थ सिद्धि योग - प्रात: 03.09 - सुबह 07.14 (21 जनवरी 2024)

ब्रह्म योग - 21 जनवरी सुबह 10:02 से लेकर 22 जनवरी सुबह 08:47 बजे तक रहेगा.

शुक्ल योग - 20 जनवरी रात 07.26 बजे से शुरू होकर 21 जनवरी रात 07.26 बजे तक रहेगा.

अमृत सिद्धि योग - प्रात: 03.09 बजे से सुबह 07.14 (21 जनवरी 2024)

त्रिग्रही योग - बता दें कि इस दिन धनु राशि में तीन ग्रह बुध, मंगल और शुक्र ग्रह विराजमान रहेंगे. इससे त्रिग्रही योग का निर्माण हो रहा है. ऐसे में इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की खास कृपा रहने वाली है.  

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