Raksha Bandhan 2022: रक्षा बंधन के दिन रहेगा भद्रा काल, इस समय ना बांधे राखी

Raksha Bandhan 2022: गुरुवार 11 अगस्त और शुक्रवार 12 अगस्त दोनों दिनों में से किस दिन रक्षाबंधन मनाना शुभ रहेगा ? ज्योतिषों की मानें तो रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल (Bhadra Kaal) भी रहेगा। जिस दौरान राखी बांधना अशुभ होता है।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2022-07-25 16:30 IST

Raksha Bandhan Bhadra (Image: Social Media)

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Raksha Bandhan 2022: हिन्दू धर्म में सावन मास का विशेष महत्त्व बताया गया है। बता दें सावन माह के शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा के दिन ही रक्षाबंधन का भी त्यौहार मनाया जाता है। भाई -बहन के प्यार का प्रतीक माने जाने वाले इस त्यौहार को लोग बहुत ही धूमधाम के साथ मनाते हैं। इस दिन बहन अपने भाई के हाथों में कलाई बांध कर भगवान से उसके लंबी आयु और सुख -समृद्धि की कामना करती है।

इस बार रक्षाबंधन के त्यौहार की तारीख को लेकर लोगों में थोड़ा असमंजस की स्थिति है। गुरुवार 11 अगस्त और शुक्रवार 12 अगस्त दोनों दिनों में से किस दिन रक्षाबंधन मनाना शुभ रहेगा ? इसको लेकर ज्योतिषों की भी राय अलग -अलग है। ज्योतिषों की मानें तो रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल (Bhadra Kaal) भी रहेगा। जिस दौरान राखी बांधना अशुभ होता है।

रक्षाबंधन भद्रा काल

रक्षाबंधन का त्यौहार 11 अगस्त को शाम 05 बजकर 17 मिनट से लेकर रात्रि 08 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। बता दें कि भद्रा काल को हिंदू धर्म में अशुभ समय बताया गया है। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार लंकापति रावण की बहन ने भद्राकाल में ही अपने भाई के कलाई में राखी बांधी थी, जिससे एक वर्ष के भीतर ही रावण का विनाश हो गया था। इसलिए हिन्दू धर्म शास्त्रियों के मुताबिक़ इस समय राखी बांधने से बचना बेहद जरुरी है।

आपको बता दें कि रक्षाबंधन के त्यौहार को लेकर लोगों के बीच कन्यफ्यूज बना हुआ है। कुछ ज्योतिष 11 अगस्त को बता रहे हैं तो कुछ 12 अगस्त को ऐसे में राखी बांधने के शुभ मुहूर्त और दिन के बारे में आपके असमंजस को दूर कर रहे हैं महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान"ट्रस्ट" के ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय।


                                                                                             ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय

ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय के अनुसार श्रावण शुक्ल पूर्णिमा इस वर्ष 11 अगस्त गुरुवार को प्रात:09:36 से शुक्रवार 12 अगस्त को प्रात: 07:16 तक है। भद्रा पूर्णिमा गुरुवार के दिन रात्रि 08:25 बजे तक है। शास्त्रों के अनुसार भद्रा काल में रक्षाबन्धन का पुनीत पर्व वर्जित माना जाता है। जैसे …"भद्रायाम् द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा"भद्रा में श्रावणी (उपाकर्म रक्षाबन्धन)व होलिका दहन नही होता चाहे वो कही की भी भद्रा हो अतः 11 अगस्त गुरुवार को रात्रि 08:26 के बाद आवश्यक होने पर या शुक्रवार 12 अगस्त को उदया तिथि में प्रातः 07:16 तक रक्षाबन्धन का पुनीत पर्व मनाया जाना बेहद शुभ होगा। रक्षाबंधन का पुनीत पर्व श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाएगा।

शुभ मुहर्त :

- उदया तिथि के अनुसार शुक्रवार 12अगस्त को प्रातः07:16 बजे तक उत्तम मुहूर्त है।

इस दिन बहनों को चाहिए कि वह भाई को रक्षासूत्र बांधते समय भगवान गणेश का ध्यान कर उनसे अपने भाई के मंगल की कामना करें। ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय बताते है कि श्रावणी ( रक्षाबंधन ) का त्यौहार सनातन धर्मियों के लिए वर्ष का प्रथम त्यौहार माना गया है। इस दिन कुल पुरोहित अपने यजमान को तथा बहनें अपने भाई को रक्षा बांध व तिलक लगाकर चिरंजीवी व सर्वत्र विजयी होने की कामना करते/ करती हैं।

रक्षा बांधने समय जरूर पढ़े ये मन्त्र

रक्षा बांधने का एक मन्त्र सर्व प्रचलित है"येन बद्धो बली राजा दान वेंद्रो महा बल: तेन त्वां प्रति बद्धनामि रक्षे माचल माचल"। उल्लेखनीय है कि इसी मन्त्र से प्राचीन काल में द्रोपदी ने श्री कृष्ण को व देव गुरु वृहस्पति ने इन्द्र को रक्षा बांधी थी। इसी दिन श्रावणी का उपाकर्म ब्राह्मणों द्वारा किया जाता है।जिसमें वेद पाठी ब्राह्मण शुक्ल यजुर्वेद के मंत्रों द्वारा यज्ञोपवित की शुद्धि व प्रतिष्ठा करते हैं।जिससे वह यज्ञोपवीत पूरे वर्ष भर तेज व ज्ञान प्रदान करता है।

रक्षा बांधने का विशेष समय

शुक्रवार को प्रातः 05:30 से 07:16 बजे पूर्णिमा तिथि तक ।

धनिष्ठा नक्षत्र पूरे दिन है सौभाग्य योग मिल रहा है ।

इस प्रकार रक्षाबन्धन उपरोक्त समय में ही बांधकर पुनीत पर्व मनाएं।

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