Rakshabandhan 2022 Shubh Muhoort: गलती से भी इस समय न बांधे राखी, इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया
Raksha Bandhan 2022 Shubh Muhoort: इस साल 2022 में रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा।
Raksha Bandhan 2022 Shubh Muhoort: भाई-बहनों के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन बस कुछ ही दिनों में आने वाला है। रक्षाबंधन का पावन त्योहार सावन के पवित्र महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें शुभ लगन में अपने प्यारे भाईयों की कलाई में प्रेम का सूत्र बांधती हैं और भगवान से उनकी लंबी उम्र और जीवन में तरक्की करने की कामना करती हैं। इस साल 2022 में रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा। लेकिन रक्षाबंधन को लेकर कई ज्योतिषाचार्य का कहना है कि इस साल रक्षा बंधन पर भद्रा लग रहे हैं या भद्रा का साया है। जोकि अशुभ लगन माना जाता है।
रक्षाबंधन का त्योहार (Raksha Bandhan 2022) इस साल 11 अगस्त को मनाया जाएगा है। इस दिन बहनें खूब धूमधाम से भाईयों की कलाई में राखी बांधेंगी और शुभ लगन में अपने भाई की लंभी उम्र की कामना करेंगी।और भाई बहन को गिफ्ट देकर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं।
पर इस बार रक्षा बंधन को लेकर ज्योतिष का कहना है कि रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा। ऐसे में कभी भी भद्रा लगन में कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए। तो इसलिए भद्रा के दौरान राखी भी नहीं बांधनी चाहिए।
रक्षाबंधन को भद्रा का समय (Bhadra time for Rakshabandhan)
11 अगस्त को मनाया जाने वाला रक्षाबंधन के त्योहार पर भद्रा की बुरी नजर बनी हुई है।
रक्षाबंधन 11 अगस्त को भद्रा पुंछ 11 अगस्त को शाम 5 बजकर 17 मिनट से शुरू होगा और 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
फिर इसके बाद 11 अगस्त को ही भद्रा मुख शाम 6 बजकर 18 मिनट से शुरू होगा और रात 8 बजे तक रहेगा।
आखिर में 11 अगस्त को भद्राकाल पूर्ण रूप से रात 8 बजकर 51 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।
ऐसे में इन समयावधि के दौरान अपने भाईयों की कलाई पर राखी बिल्कुल न बांधें।
इस दौरान भाई की कलाई पर राखी बांधने से बचें।
रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (
Rakshabandhan Shubh Muhoort)11 अगस्त रक्षाबंधन को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-
सुबह 11 बजकर 37 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त
दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से 03 बजकर 07 मिनट तक विजय मुहूर्त
इन शुभ मुहूर्त के दौरान आप अपने भाई की कलाई में राखी बांध सकती हैं।
आखिर भद्रा में राखी क्यों नहीं बांधी जाती (Why is Rakhi not tied in Bhadra?)
ऐसा कहा जाता है कि रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल के दौरान कोई भी शुभ कार्य या राखी नहीं बांधनी चाहिए। इस किस्से पर एक पौराणिक कथा इस प्रकार है कि लंकापति रावण की बहन ने भद्राकाल में ही उनकी कलाई पर राखी बांधी थी। जिसके एक साल के अंदर ही रावण का विनाश हो गया था।
ये भी कहा जाता है कि भद्रा शनिदेव की बहन थी। वहीं भद्रा को ब्रह्मा जी से यह श्राप मिला था कि जो भी भद्रा में शुभ या मांगलिक काम करेगा, उसको दुष्परिणाम मिलेगा।