Ram Naam Ki Mahima: राम नाम की महिमा
Ram Naam Ki Mahima: एक बार राम बोलने का ही फल है कि साधारण व्यक्ति यमलोक से ब्रह्मलोक बैकुंठ लोक, शिवलोक की पावन यात्रा करके हमारे धाम साकेत लोक आ गया
Raam Naam Ki Mahima: आपने बहुत सी कथाओं में सत्संग में सुना होगा कि अगर किसी ने एक बार भी जीवन मे राम का नाम लिया तो उसको मोक्ष मिलता ही है।
लेकिन कैसे?
एक बहुत ही पापी मनुष्य था जिसने कभी राम का नाम नही लिया । मगर एक बार धोखे से उसके मुख से राम का नाम निकल गया।
जब बो मरकर यमराज के पास पहुंचा तो यमराज ने चित्रगुप्त से पूछा इसके कर्म बताओ ताकि इसको स्वर्ग या नरक भेजा जाए तो चित्रगुप्त ने जब लेखा-जोखा चेक किया तो पाप तो लाखों निकले लेकिन राम नाम एक ही बार निकला-तो यमराज बोले इसका क्या पुण्य हुआ ?
चित्रगुप्त बोले एक बार का पुण्य हमको नही पता इस को लेकर ब्रह्मा जी के पास ब्रह्मलोक ले चलो वही बताएंगे। ब्रह्मलोक में पहुंचने पर जब ब्रह्मा जी से पूछा कि एक बार राम बोलने का क्या फल है? ब्रह्मा बोले इसको लेकर विष्णु जी के पास चलो तो विष्णु जी के पास पहुंचने पर भी विष्णु जी बोले भैया मुझे भी पता नही है ? शंकर जी रात दिन राम राम कहते हैं चलो वही बताएंगे । तो वो सब लोग उस को लेकर शंकर जी से मिलने कैलाश पहुंच गए । जब शंकर जी से पूछा तो शंकर जी बोले भैया बहुत कठिन स्थिति है । इसका निर्णय साकेत लोक में भगवान राम ही करेंगे।
सभी लोग साकेत धाम पहुंचे तो सीताराम भगवान बहुत प्रसन्न हुए और बोले हमारे बड़े भाग्य जो ब्रह्मा विष्णु शंकर यमराज चित्रगुप्त सब एक साथ दर्शन देने आये
तो जब आने का कारण पूछा तो सबने उस व्यक्ति को आगे किया और पूछा सरकार इसने एक बार जीवन में राम बोला इसका क्या पुण्य है?
राम भगवान मुस्कराकर बोले ये एक बार राम बोलने का ही फल है कि ये साधारण व्यक्ति यमलोक से ब्रह्मलोक बैकुंठ लोक, शिवलोक की पावन यात्रा करके हमारे धाम साकेत लोक आ गया। आप सब सम्मान सहित इसको लेकर हमारे पास आये अब आप सब जब तक चाहे रुके और ये व्यक्ति अब हमेशा यहीं रहेगा।
इसीलिए तुलसीदास जी ने लिखा है रामचरित्र मानस में-
भाव कुभाव अनघ आलसहूँ।
नाम जपत मंगल दिस दसहुँ।।
( लेखिका प्रख्यात ज्योतिषी हैं ।)