Ram Navami 2025: रामनवमी की तारीख को लेकर न हो कनफ्यूज,यहां जानिए सही तारीख, पूजा विधि और मुहूर्त

Ram Navami 2025 : त्रेतायुग में चैत्र शुक्ल नवमी को अयोध्या नरेश दशरथ के घर श्रीराम का जन्म हुआ। यह दिन रामनवमी के रूप में भक्तों द्वारा हर्षोल्लास से मनाया जाता है।;

Update:2025-03-30 11:09 IST

Ram Navami 2025 रामनवमी कब है: श्रीराम धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे। त्रेतायुग में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अयोध्या नरेश राजा दशरथ के घर उनका जन्म हुआ था। तभी से इस दिन को राम जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

इस वर्ष भी रामनवमी का शुभ त्योहार 6 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा। सनातन धर्म में यह तिथि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्म का उत्सव है, जो अयोध्या में अवतरित हुए थे। उनके भक्त इस पावन अवसर को भक्ति, श्रद्धा और धूमधाम से मनाते हैं।

रामनवमी क्यों मनाई जाती है

कहा गया है कि त्रेता युग में रामनवमी के दिन मर्यादा पुरुषोत्म राम का जन्म हुआ था। रघुकुल शिरोमणि महाराज दशरथ और महारानी कौशल्या के आंगन में दिन के 12 बजे श्रीरामजी की किलकारी गुजी थी।जिसे देखकर सब विस्मित हो गए थे। उस वक्त उनके सौंदर्य और तेज को देखकर किसी के नेत्र तृप्त नहीं हो रहे थे। श्रीराम के जन्मोत्सव को देखकर देवलोक भी अवध के सामने फीका लग रहा था। देवता, ऋषि, किन्नर, चारण सभी जन्मोत्सव में शामिल होकर आनंद उठा रहे थे। उसी समय से हर साल चैत्र शुक्ल नवमी को राम जन्मोत्सव मनाया जाता हैं । इस दिन को ही रामनवमी कहते है।


2025 में राम नवमी कब है शुभ मुहूर्त काल

2025 में रामनवमी 6 अप्रैल, को मनाई जाएगी। यह शुभ दिन हर साल चैत्र नवरात्रि के नौवें और आखिरी दिन है। भगवान राम का जन्मोत्सव मध्याह्न काल के दौरान आता है जिसे दिन के हिंदू विभाजन के अनुसार मध्याह्न के बराबर माना जाता है।भगवान राम का जन्म नवमी को दोपहर में हुआ था इसलिए इस दिन दोपहर में पूजा का विधान है

राम नवमी मुहूर्त 2025

राम नवमी - 6 अप्रैल 2024

राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त - सुबह 11:10 बजे से दोपहर 01:43 बजे तक

अवधि – 02 घंटे 33 मिनट

राम नवमी मध्याह्न क्षण - 12:27 अपराह्न

नवमी तिथि आरंभ-5 अप्रैल को शाम 7 . 26 मिनट पर शुरू होगी

नवमी तिथि समाप्त- 6 अप्रैल को शाम 7. 22 मिनट पर समाप्त

 रामनवमी के दिन रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग पूरे दिन रहेगा

रामनवमी पूजन विधि

रामनवमी हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन पूजन, दान और पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। साथ ही, इस दिन नए घर, दुकान या प्रतिष्ठान में प्रवेश करना भी शुभ माना जाता है।

रामनवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और भगवान श्रीराम की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं। फिर मूर्ति पर कुमकुम, हल्दी और चंदन का तिलक लगाएं। भगवान राम को खीर या मेवे का भोग अर्पित करें। पूजा के दौरान रामरक्षास्त्रोत, राम मंत्र और सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें। इस दिन कुंवारी कन्याओं को भोजन कराना अत्यंत पुण्यदायी होता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही, नजदीकी राम मंदिर में दीप जलाकर प्रसाद चढ़ाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

रामनवमी का व्रत विशेष रूप से महिलाओं द्वारा किया जाता है। इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं को प्रातः स्नान कर घर की शुद्धि करनी चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। एक लकड़ी के चौकोर टुकड़े पर स्वस्तिक बनाकर उस पर जल से भरा गिलास और चांदी का छल्ला रखना चाहिए, जिसे गणेशजी का प्रतीक माना जाता है। व्रत कथा सुनते समय गेहूं या बाजरे के दाने हाथ में रखना शुभ होता है। पूजा समाप्त होने पर परिवार की सबसे छोटी महिला सभी के माथे पर तिलक लगाए, जिससे सुख-समृद्धि बनी रहती है।

रामनवमी का यह पावन पर्व हमें श्रीराम के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा देता है और जीवन में शुभता एवं सफलता प्रदान करता है।

दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News