Ramcharit Manas: राम जी कृपा बिन नहीं होय भव सागर पार

Ramcharit Manas: यह भेद असत्य है, तथापि वह भगवान के भजन बिना करोड़ों उपाय करने पर भी नहीं जा सकता

Update:2024-06-03 17:18 IST

Social Media Photo

मुधा भेद जद्यपि कृत्य माया।

बिनु हरि जाइ न कोटि उपाया।।

अभिमानी जीव माया के बस में है। और वह तीनों गुणों की खान माया ईश्वर के बस में है। जीव परतंत्र है , भगवान स्वतंत्र हैं। जीव अनेक है, श्रीपति भगवान एक हैं।यद्यपि मायाका किया हुआ यह भेद असत्य है, तथापि वह भगवान के भजन बिना करोड़ों उपाय करने पर भी नहीं जा सकता।यह जगत जो हमें भेदा-भेद रूप में भास रहा है, इसका कारण माया ही है। यद्यपि यह नानारूप जगत का भेद जो माया कृत है, मुधा अर्थात झूठा है , क्योंकि संपूर्ण जगत एक भगवदरूप ही है। फिर भी भगवान की कृपा के बिना यह नाना दर्शन कभी जा नहीं सकता।

रामचंद्र के भजन बिनु , जो चह पद निर्मान।

ग्यानवंत अपि सो नर पसु बिनु पूंछ बिषान।।

श्री रामजी के भजन द्वारा, उनकी कृपा से ही यह द्वंद दुख: हट सकता है; अन्यथा कोई चाहे ज्ञानवान भी क्यों न हो, बिना रामजी के भजन के अपने पुरुषार्थ पर भवसागर पार करने का दावा करने वाला बिना सीग- पूँछ का पशु ही है।

Tags:    

Similar News