Ravivar Ko Kaise Kare Surya Dev Ki Puja: रविवार को कैसे करें सूर्य देव की पूजा,
Ravivar Ko Kaise Kare Surya Dev Ki Puja: रविवार को कैसे करें सूर्य देव की पूजा: सूर्य को जल अर्पित करते समय जो छींटे हमारे बदन पर गिरते हैं वो सूर्य की किरणों से प्रभावित होती है और उस जल में कई शारीरिक परेशानियों को खत्म करने की क्षमता होती है। ऐसा करने से शरीर निरोग और मन शांत रहता है।
Ravivar Ko Kaise Kare Surya Dev Ki Puja: (रविवार को कैसे करें सूर्य देव की पूजा) समस्त ब्रह्मांड को प्रकाशित करने वाले भगवान भास्कर न सिर्फ सम्पूर्ण संसार के कर्ताधर्ता है बल्कि नवग्रहों के अधिपति भी माने जाते हैं। सूर्य देव एक ऐसे देव हैं जिनके दर्शन के बिना किसी के भी दिन का आरंभ नहीं होता है। रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है। भगवान सूर्य का दिन होने के कारण रविवार को भगवान सूर्य का उपासना बेहद ही पुण्यकारक माना जाता है। सूर्यदेव को हिरण्यगर्भ भी कहा जाता है। हिरण्यगर्भ यानी जिसके गर्भ में ही सुनहरे रंग की आभा है। इनकी कृपा दृष्टि प्राप्त करने के लिए रविवार के दिन सूर्य भगवान का विधिवत पूजा पाठ करके जल चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान सूर्य की कृपा हमारे परिवार पर बनी रहती है। उदयगामी सूर्य को प्रणाम करना प्रगति की निशानी है। इसीलिए सुबह-सुबह स्नान करके उगते सूर्य को देखना चाहिए। इससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके लिए एक तांबे के लोटे में जल लें और उसमें सिंदूर, अक्षत, लाल फूल डाल लें। अब सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके दोनों हाथों को ऊपर करके धीरे धीरे अर्पित करें।
रविवार के दिन करें सूर्य की पूजा
रविवार के दिन भगवान सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिए ताकि सूर्यदेव हमें अपनी तरह तेज और सकारात्मक शक्ति प्रदान करें।सूर्यदेव की पूजा के लिए सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें। इसके पश्चात् उगते हुए सूर्य का दर्शन करते हुए उन्हें ॐ घृणि सूर्याय नम: कहते हुए जल अर्पित करें। सूर्य को दिए जाने वाले जल में लाल रोली, लाल फूल मिलाकर जल दें।
सूर्य पूजन के लिए तांबे की थाली और तांबे के लोटे का उपयोग करें। लाल चंदन और लाल फूल की व्यवस्था रखें। एक दीपक लें। लोटे में जल लेकर उसमें एक चुटकी लाल चंदन का पाउडर और लाल फूल भी डाल लें। थाली में दीपक और लोटा रख लें। ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जप करते हुए सूर्य को प्रणाम करें। लोटे से सूर्य देवता को जल चढ़ाएं। सूर्य मंत्र का जप करते रहे। अर्घ्य समर्पित करते समय नजरें लोटे के जल की धारा की ओर रखें। जल की धारा में सूर्य का प्रतिबिम्ब एक बिन्दु के रूप में जल की धारा में दिखाई देगा।
सूर्य को अर्घ्य समर्पित करते समय दोनों भुजाओं को इतना ऊपर उठाएं कि जल की धारा में सूर्य का प्रतिबिंब दिखाई दे। सूर्य देव की आरती करें। सात प्रदक्षिणा करें व हाथ जोड़कर प्रणाम करें।
उगते हुए सूर्य को प्रणाम करने से उसका दर्शन करने से हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हमारी दिनचर्या नियमित बनती है। कारोबार में सफलता प्राप्त होती है। इसके लिए प्रातः काल उठकर सूर्यदेव को नमन करना चाहिए।
रविवार को रवि की पूजा करने के लाभ
सूर्यदेव की पूजा करने से व्यक्ति को सभी कठिनाइयों से मुक्ति मिल जाती है। प्रतिदिन सूर्यदेव की पूजा करने से व्यक्ति निडर और बलवान बनता है। सूर्य पूजा व्यक्ति को परोपकारी बनाती है। व्यक्ति प्रतिदिन सूर्य पूजा करता है वह विद्वान, बुद्धिमान और मधुरभाषी होता है।प्रतिदिन सूर्यदेव की पूजा करने से अहंकार, क्रोध, लोभ, कपट और बुरे विचारों का नाश होता है। इस तरह सूर्य को जीवन, स्वास्थ्य और शक्ति के देवता के रूप में मान्यता हैं। मान्यता के अनुसार सूर्यदेव की साधना से न सिर्फ सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, बल्कि आरोग्य भी प्राप्त होता है।
सूर्य को आत्मा और पिता का कारक माना गया है। सूर्य को नियमित अर्घ्य देने से आत्मा शुद्ध रहती है, पिता से सुख और सहयोग प्राप्त होता है।
नौकरी में तरक्की और प्रभाव के लिए सूर्य देव को नियमित तौर पर जल अर्पित करना चाहिए।
सूर्य की पूजा करने और अर्घ्य देने से व्यक्ति में आंख और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं होने की आशंका कम हो जाती है।
जो लोग राजनीति में हैं, उनको नियमित सूर्य वंदना और अर्घ्य देना चाहिए. इससे प्रभाव बढ़ता है।
सूर्य की पूजा और अर्घ्य देने से कुंडली में इस ग्रह से जुड़े दोष धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं।
शास्त्रों में मान्यता है कि सूर्य को जल अर्पित करते समय जो छींटे हमारे बदन पर गिरते हैं वो सूर्य की किरणों से प्रभावित होती है और उस जल में कई शारीरिक परेशानियों को खत्म करने की क्षमता होती है। ऐसा करने से शरीर निरोग और मन शांत रहता है।