Sakat Chauth Upay: सकट चौथ के दिन इन उपायों से बरसेगी गणेश जी कृपा, जानिए संकष्टी चतुर्थी की अमृतमयी व्रत कथा

Sakat Chauth Upay: 29जनवरी को सकट चौथ मनाया जायेगा, इस महिलाएं संतान की लंबी आयु और संतान के लिए व्रत रखेंगी, जानिए इस दिन किये जाने वाले उपाय और कथा

Update:2024-01-25 16:45 IST

Sakat Chauth : माघ महीने में आने वाली सकट चौथ का विशेष महत्व  है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत को सकट के अलावा तिलकुटा चौथ, तिल चौथ ,संकष्टी चतुर्थी लंबोदर चतुर्थी और संकट हरा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है इस व्रत को करने से संतान के जीवन से जुड़ी सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं साथ ही भगवान गणेश की भी असीम कृपा प्राप्त होती है। इस साल सकट चौथ 29 जनवरी को मनाया जायेगा। जानते हैं सकट चौथ की कथा...

सकट चतुर्थी व्रत की कथा

एक पौराणिक कथा- सत्ययुग में महाराज हरिश्चंद्र के नगर में एक कुम्हार रहता था। एक बार उसने बर्तन बनाकर आंवा लगाया, पर आवां पका ही नहीं। बार-बार बर्तन कच्चे रह गए। बार-बार नुकसान होते देख उसने एक तांत्रिक से पूछा, तो उसने कहा कि बलि से ही तुम्हारा काम बनेगा। तब उसने तपस्वी ऋषि शर्मा की मृत्यु से बेसहारा हुए उनके पुत्र की सकट चौथ के दिन बलि दे दी।

उस लड़के की माता ने उस दिन गणेश पूजा की थी। बहुत तलाशने पर जब पुत्र नहीं मिला, तो मां ने भगवान गणेश से प्रार्थना की। सवेरे कुम्हार ने देखा कि वृद्धा का पुत्र तो जीवित था। डर कर कुम्हार ने राजा के सामने अपना पाप स्वीकार किया। राजा ने वृद्धा से इस चमत्कार का रहस्य पूछा, तो उसने गणेश पूजा के विषय में बताया। तब राजा ने सकट चौथ की महिमा को मानते हुए पूरे नगर में गणेश पूजा करने का आदेश दिया। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकट हारिणी माना जाता है।

एक और दूसरी कथा को अनुसार, भगवान गणेश के ऊपर आया सबसे बड़ा संकट इस चौथ के दिन टल गया था। इसलिए ही इसका नाम सकट चौथ पड़ा। धर्मानुसार माँ पार्वती एक बार स्नान करने गयी और स्नान घर के बाहर उन्होंने अपने पुत्र गणेश को खड़ा कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपने पुत्र से कहा की जब तक में स्नान करके बाहर नहीं आ जाऊ, जब तक किसी को भी भीतर आने नहीं देना।

अपनी माँ के आदेश पर गणेश जी वहाँ पहरा देने लगे और उसी समय शिव भगवान, पार्वती जी से मिलने आये, लेकिन भगवान गणेश ने उन्हें वही खड़ा रहने के लिए कहा। इतना कहते ही भगवान शिव को बहुत ही आहत और अपमानित महसूस हुआ। क्रोध में आकर भगवान शिव ने गणेश जी पर त्रिशूल का वार किया, जिससे उनकी गर्दन दूर जा पड़ी।

स्नानघर से जब माता पार्वती बाहर आयी तो उन्होने देखा की गणेश जी की गर्दन कटी पड़ी है। इतना देखते पड़ी और उन्होंने भगवान शिव से कहा की उन्हें गणेश फिर से वापस चाहिए। इस बात पर शिव जी ने एक हाथी का सिर लाकर गणेश जी को लगा दिया और फिर गणेश जी एक नया जीवन मिला। तभी से ही गणेश जी के हाथी की तरह सूंढ होने लगी। इसी दिन से महिलाये कृष्ण पक्ष की चौथ को अपने बच्चो की रक्षा, सुख शांति इत्यादि के लिए सकट चौथ का व्रत करने लगी।

सकट चौथ के दिन करें ये उपाय

 कहा जाता है कि सकट चौथ के दिन पूजा और व्रत करने से सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती हैं और कार्यों में आने वाली बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। इस दिन कुछ उपायों को करने से साधक के जीवन में आ रही सारी बाधा दूर हो जाती है। आइए जानते हैं सकट के दिन किन उपायों को करना चाहिए।

संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन गणेश स्तोत्र का पाठ जरूर करें। इसके साथ गणपति जी की पूजा के समय 'ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः' इस मंत्र का जाप कम से कम 11 माला करें। इस विशेष दिन पर शमी का पत्ता भगवान गणेश को अर्पित करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं।

सकट चौथ पर भगवान गणेश की पूजा करते हुए संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करते हैं। उनका कहना है कि अगर आप ऐसा करेंगे तो आपकी सारी चिंताएं और बाधाएं दूर हो जाएंगी।

सकट चौथ के व्रत के दिन, मंत्र "ओम गं गणपताय नमः" का 108 बार जाप किया जाता है। तब आपकी सभी चिंताएं दूर हो जाएंगी और मनोकामनाएं पूरी होंगी। इस मंत्र को पढ़ने से आपके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए सकट चौथ के दिन पूजा के दौरान गणपति बप्पा के सामने एक श्री यंत्र रखा जाता है और उस पर दो पान के बीज रखे जाते हैं। मंदिर में दर्शन करने के बाद इसे लाल कपड़े में लपेटकर अपनी अलमारी में रख लें। इससे आपके घर में धन-संपत्ति बढ़ती है।

अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए सकट चौथ पर भगवान गणेश के मंदिर जाएं। फिर गरीबों को तिल का दान करें और बच्चों को दवा खिलाएं।

सकट चौथ में भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए तिल और अंगूर के लड्डू बनाएं। इन लड्डू को भगवान गणेश को अर्पित करें। ऐसा करने से आपका दुख दूर हो जाएगा और आपके जीवन में सुख और शांति का आगमन होगा।

सकट पूजा के दिन चांद को जल में दूध और अक्षत मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है।

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