करते हैं ऐसे काम तो शनिदेव भी देते है वरदान, नहीं हैं वो केवल क्रूर भगवान
लखनऊ: शनिदेव को सभी ग्रहों में क्रुर देवता माना गया है, जबकि ऐसा नहीं है। शनिदेव न्याय के देवता हैं। एकमात्र शनि ऐसा ग्रह है, जो मनुष्य को ज्योतिषी और मंदिर की ओर ले जाता है। वर्तमान समय में मेष और सिंह राशि पर शनि की ढैया चल रही है। तुला, वृश्चिक और धनु राशि पर शनि की साढेसाती लगी हुई है।
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सहारनपुर स्थित श्री बालाजी धाम के संस्थापक गुरु श्री अतुल जोशी जी महाराज बताते हैं कि वैसे शनि की शांति का उपाय रात्रि के समय किया जाए तो ज्यादा फल प्राप्त होता है। क्योंकि शनि ग्रह का ज्यादा प्रभाव रात्रि में होता है। शनि ग्रह वायु विकार, नसों में विकार, पैरों में दर्द, मान हानि, धन हानि कराता है। यदि शत्रु राशि या 6, 8 , 12वें घर का मालिक शनि देव हैं।
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शनि देव को शांत करने के उपाय
शनि देव का मंत्र का जाप सूर्य उदय से पहले या सूर्यास्त के बाद करना चाहिए। मंत्र है- ऊं शं शनैश्चराय नम:
पीपल का वृक्ष या सभी वृक्ष पर जल और दीपक जलाएं।
शनि शिला पर सरसो का तेल, काले उड़द का दान शनिवार को करना चाहिए।
शुक्रवार की रात्रि में सरसो का तेल लोहे के कटोरे में रखकर अपने बैड के पास रखें, फिर शनिवार को सूर्य उदय से पहले शनि मंदिर में जाकर 108 शनि मंत्र का जाप करके तेल में मुंह देखना चाहिए। इसके बाद इस तेल को शनि मंदिर में दान कर सकते हैं