Sawan Me Puja Kaise Kare: आने वाला है सावन का महीना, इन बातों का रखकर ख्याल करें पूजा, वरना शिवजी हो जायेंगे नाराज

Sawan Me Shiv Ki Puja Kaise Kare: सावन माह में भगवान शिव की कृपा पाने के लिए भगवान शिव की विधि से पूजा करने से उनकी कृपा बरसती है, जानते हैं सावन में कैसे अहतियात बरतकर शिव कृपा पाए

Update: 2024-07-16 04:30 GMT

Sawan Me Shiv Ki Puja Kaise Kare: 22 जुलाई से सावन शुरु हो रहा है।। सावन का हर दिन देवों के देव महादेव के लिए है। इन दिनों में भोले भंडारी (Bhole Bhandari) की सेवा करने से न सिर्फ वो खुश होते हैं बल्कि माता पार्वती और भगवान गणेश के साथ-साथ पूरा शिव परिवार खुश होता है। इसलिए पूरे माह में लोग आराध्य शिवजी की पूरे विधि-विधान से पूजा आराधना करते हैं। रुद्राभिषेक करते हैं। ताकी शिव परिवार की कृपा बरसती रहें।

सावन माह में व्रत और पूजा करने से श‍िव जी अपने भक्‍तों पर बहुत जल्‍द खुश होते हैं। वे भक्‍तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। व्रत और पूजा करने वालों के जीवन से दुख, रोग, क्‍लेश व आर्थि‍क तंगी दूर होती है। कुवांरी कन्‍याओं द्वारा इस माह व्रत व शि‍व पूजन कि‍ए जाने से उनका व‍िवाह हो जाता है। इतना ही नहीं उन्‍हें भोलेनाथ (Bholenath) जैसा मनचाहा वर म‍िलता है।

सावन में हर दिन सुबह स्‍नान आद‍ि करने के बाद मंद‍िर जाएं या घर पर ही विधि-विधान से श‍िव जी की पूजा करें। सबसे पहले भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल और दूध से स्‍नान कराएं। इसके बाद उन पर चंदन, चावल, भांग, सुपाड़ी, बिल्वपत्र और धतूरा चढ़ाएं। भोग लगाने के बाद आख‍िरी में श‍िव जी की व‍िध‍िव‍िधान से आरती करें।

सावन में ऐसे पाएं शिव कृपा

सावन में हर दिन खासकर सोमवार को सुबह उठकर स्नान करके भगवान शंकर के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल या पवित्र जल चढ़ाएं। सोमवार के दिन शिवजी को खास तौर पर चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र, धतूरा या आंकड़े के फूल चढ़ाएं। ये सभी चीजें भगवान शिव की प्रिय हैं। इन्हें चढ़ाने पर भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते है। सोमवार के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसा करने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होती हैं।

सावन माह में भूलकर भी शिव पर न चढ़ाएं

मान्यता है कि शिवजी को सफेद रंग के फूल पसंद होते हैं, पर वहीं केतकी का फूल सफेद होने के बावजूद शिवजी की पूजा में नहीं प्रयोग होता है। इसलिए इसे ना चढ़ायें।

साथ ही कभी भी बासी या मुरझाए हुए फूल भगवान शिव को अर्पित न करें क्योंकि इससे शिवजी क्रोधित हो सकते हैं और आपको उनके क्रोध का भागी बनना पड़ सकता है।

भगवान शिव की पूजा में शंख से जल अर्पित करने का विधान भी नहीं , इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए।इसके अलावा भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग भी वर्जित माना गया है।

शिव पूजा में तिल का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि मान्यता है कि तिल भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता है, ऐसे में तिल भगवान विष्णु को तो अर्पित किया जाता है पर शिव जी को नहीं चढ़या जाता।

शिव जी की पूजा में अगर आप चावल चढ़ाते हैं तो इस बात विशेष ध्यान रखें कि वे चावल खंडित यानि टूटे हुए नहीं होने चाहिए।हल्दी और कुमकुम उत्पत्ति के प्रतीक माने गए हैं, ऐसे में इनका प्रयोग भी शिव जी के पूजन में नहीं होना चाहिए।

शिव जी को आप नारियल तो चढ़ा सकते हैं, पर नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए

शिव जी को कभी भी हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि हल्दी को स्त्री से संबंधित माना गया है और शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है ऐसे में शिव जी की पूजा में हल्दी का उपयोग करने से पूजा का फल नहीं मिलता है। इसी वजह से शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है।ये भी मान्यता है कि हल्दी की तासीर गर्म होने के कारण इसे शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित माना जाता है 

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