Hariyali Amavasya 2021: सावन में हरियाली अमावस्या कब है, जानिए इस दिन बन रहे कौन से दो चमत्कारी योग
Hariyali Amavasya 2021: सावन हरियाली अमावस्या के दिन पवित्र नदी, तालाब और सरोवर में स्नान का बहुत महत्व है। साल की 12 अमावस्या की तरह ही इस दिन जल पितरों को तर्पण और पिंड दान किया जाता है।
हरियाली अमावस्या ( 8 अगस्त ) कब हैं
सावन माह 25 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस माह का हर दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसमें अमावस्या भी शामिल है। इस साल सावन की हरियाली अमावस्या 8 अगस्त रविवार के दिन है। सावन मास की अमावस्या और पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्व होता है। सावन में पड़ने की वजह से इस अमावस्या को श्रावणी अमावस्या कहते हैं। सावन में हर तरफ हरियाली छा जाती है, इसलिए इसे हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। सावन के माह में प्रकृति की हर चीज बारिश में नहा कर एक दम नई प्रतीत होती है।
हरियाली अमावस्या सावन शिवरात्रि के दूसरे दिन पड़ती है। हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षों का पूजन और वृक्षारोपण करने का बहुत महत्व होता है। अमावस्या की तरह श्रावणी अमावस्या पर भी पितरों की शांति के लिए पिंडदान और दान-धर्म करने का महत्व है।
हरियाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त
अमावस्या के दिन अच्छे योग और मुहूर्त में शिव की पूजा की जाए तो शुभ फल मिलता है। इस दिन वृक्षरोपण और उनमें जल सींचने का महत्व है। इस दिन व्यातीपात और वरियान योग साथ में पुष्य नक्षत्र रहेगा।
• अमावस्या की तिथि शुरू: 07 अगस्त 07:11 PM
• अमावस्या की तिथि समाप्त :08 अगस्त 07:20 PM तक
• ब्रह्म मुहूर्त : 04.26 AM, से 05.32 AM,
• अमृत काल : नहीं है
• अभिजीत मुहूर्त :12.06 PMसे 12.58 PM
• हरियाली अमावस्या के दिन दो खास योग
• सर्वार्थसिद्धि योग - 08 अगस्त 06:04 AM से 08 अगस्त 09:19 AM (पुष्य नक्षत्र)
• रवि पुष्य योग - 08 अगस्त 06:04 AM से 08 अगस्त 09:19 AM (पुष्य)
सावन हरियाली अमावस्या के दिन नदी, तालाब और सरोवर में स्नान का बहुत महत्व है।साल की 12 अमावस्या की तरह ही इस दिन जल पितरों को तर्पण और पिंड दान किया जाता है।इस दिन पितरों के नाम पर दान का महत्व है। वट वृक्ष , पीपल ,केला और नींबू का पौधा लगाने से पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। साथ ही शिव भगवान के साथ हनुमान जी की भी पूजा करना जरुरी होता है।