Sawan Ki Shivaratri 2022: सावन की शिवरात्रि का जलाभिषेक कब है?, जानिए शुभ मुहूर्त, नक्षत्र-योग और महत्व

Sawan ki Shivratri 2022 ka Jalabhishek Kab hai:सावन की शिवरात्रि के दिन सुबह स्नान के पश्चात साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए।कहते हैं कि सावन की शिवरात्रि को जो भी व्यक्ति सच्चे मन से दुध, दही, फल-फूल, धतूरे से शिव की पूजा करते हैं, उनके हर कष्ट भोलेभंडारी की कृपा से दूर होती है।

Update: 2022-07-26 01:30 GMT

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Sawan Ki Shivaratri 2022

सावन की शिवरात्रि का जलाभिषेक कब है?

शिव सावन और शिवरात्रि की तिथि का गहरा संबंध है। ये सब भगवान शंकर को अतिप्रिय है। इस दिन सच्चे मन से और भक्ति भाव से शिव की पूजा की जाये तो भगवान शिव अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि कृष्ण पक्ष की  शिवरात्रि  जिसमें चतुर्दशी तिथि भी होती है को व्रत रखा जाता है। पौराणिक कथा अनुसार महाशिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि में भगवान शिव लिङ्ग के रूप में प्रकट हुए थे। साथ ही इस दिन भगवान शिव का पार्वती जी के साथ विवाह हुआ था । ऎसे में शिवरात्रि का दिन शुभता एवं पवित्रता को दर्शाता है।

सावन का महीना भगवान शिव को अतिप्रिय है। इस माह का हर एक दिन खास और पवित्र है। कहते हैं कि भगवान शिव अपने भक्तों की पुकार से जल्दी प्रसन्न हो जाते है। सावन और सोमवार का दिन भोले बाबा की आराधना के लिए उत्तम है। इसके अलावा अगर शिवभक्त शिवरात्रि पर खासकर सावन की शिवारात्रि पर पूजा व्रत करें तो अतिप्रसन्न होते है। फाल्गुन की शिवरात्रि की तरह ही सावन की शिवरात्री सर्वोत्तम फलदायक है। हर माह में दो शिवरात्रि होती है। एक कृष्ण पक्ष में दूसरी शुक्ल पक्ष। लेकिन शिव को कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि या कहे तेरस त्रयोदशी बहुत प्रिय है। इस बार सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई को है।

सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन मंगलवार है आद्रा - और पुनर्वसु नक्षत्र और हर्षण योग में त्रयोदशी की पूजा होगी। साथ में चंद्रमा मिथुन राशि में रहेंगे। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त श्रावण चतुर्दशी की तिथि 26 -27 जुलाई को  त्रयोदशी 06:46 PM तक उसके बाद चतुर्दशी तक रहेगी। इसलिए सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई को ही मनाई जाएगी।

सुबह का शुभ समय 05:40 से 08:25 तक

शाम का शुभ समय 19:28 से 21:30 तक

शाम 21:30 से 23:33 तक (निशीथकाल समय)

रात्रि 23:43 से 24:10 तक (महानिशिथकाल समय)

अभिजीत मुहूर्त - 12:07 PM से 12:59 PM

अमृत काल –04:53 PM से 06:41 PM

ब्रह्म मुहूर्त – 04:22 AM से 05:10 AM

विजय मुहूर्त- 02:18 PM से 03:12 PM

गोधूलि बेला-06:33 PM से 06:57 PM

निशिता काल- 11:43 PM से 12:26 AM, July 27

शिवरात्रि व्रत पारण मुहूर्त – 27 जुलाई 2022 की सुबह 05 बजकर 41 मिनट से – दोपहर 3 बजकर 52 मिनट तक।

सावन की शिवरात्रि के दिन सुबह स्नान के पश्चात साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए।कहते हैं कि सावन की शिवरात्रि को जो भी व्यक्ति सच्चे मन से दुध, दही, फल-फूल, धतूरे से शिव की पूजा करते हैं, उनके हर कष्ट भोलेभंडारी की कृपा से दूर होती है। सुबह के समय जल्दी उठ कर अपने स्नान के जल में दो बूंद गंगाजल डालकर स्नान करें। पूजा की थाली में रोली मोली चावल धूप दीप सफेद चंदन सफेद जनेऊ कलावा रखना चाहिए। पीला फल, सफेद मिष्ठान्न गंगा जल तथा पंचामृत आदि रखना चाहिए। विधि विधान से शिव भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए।  आसन पर बैठकर शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए। शिव चालीसा का पाठ करें और शिवाष्टक के पाठ को भी पढ़ना चाहिए।सावन शिवरात्रि का व्रत करने से शांति, सुरक्षा, सौभाग्य की प्राप्ति होती है. रोग दूर होते हैं, आरोग्य की प्राप्ति होती है।

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