संतान सुख व सुयोग्य वर की हो अभिलाषा तो इस सावन भगवान शिव को चढ़ाएं ये फूल..

इस बार सोमवार 6 जुलाई से सावन मास की शुरुआत हो रही है। भगवान शिव को सावन मास अतिप्रिय है। भगवान शंकर, देवों के देव और महादेव। भोलेनाथ एक ऐसे देवता है, जो अपने भक्त पर तुरंत ही प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते है। रावण ने भी भगवान शंकर की अराधना की थी।

Update: 2020-07-01 02:13 GMT

लखनऊ इस बार सोमवार 6 जुलाई से सावन मास की शुरुआत हो रही है। भगवान शिव को सावन मास अतिप्रिय है। भगवान शंकर, देवों के देव और महादेव। भोलेनाथ एक ऐसे देवता है, जो अपने भक्त पर तुरंत ही प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते है। रावण ने भी भगवान शंकर की अराधना की थी। रावण को भगवान शंकर का अति प्रिय भक्त माना जाता है, क्योंकि रावण भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के जतन करता था। वैसे भी भगवान शंकर उनकी आराधना करने वाले मनुष्यों पर तुरंत ही प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बनाते हैं। यदि आप धन के संकट से जूझ रहे हैं, धन की कमी को दूर करने के लिए सावन मास वरदान साबित होगा।

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यह माह ऐसा पवित्र मास है, जिस पर आप भगवान शंकर की आराधना करके अपनी तमाम समस्याओं का समाधान कर सकते है। भगवान शंकर की आराधना में वैसे तो कई प्रकार पुष्प और फलों का अर्पण किया जाता है। कई ऐसे पुष्प हैं, जिनसे भगवान शंकर का श्रृंगार किया जाता हैं, लेकिन यदि आप धन की कमी से जूझ रहे हैं और लगातार आर्थिक संकट आपको घेरे हुए हैं तो इस शिवरात्रि पर आप भगवान शंकर को शंखपुष्प अर्पित करके अपने आर्थिक संकट दूर कर सकते हैं। शंखपुष्प चढाने से लक्ष्मी का आगमन आपके घर पर बना रहेगा और धन की कमी दूर होगी।

जानते हैं किस पुष्प को चढाकर आप अपनी कौन सी मनोकामना को पूर्ण कर सकते हैं-

 

 

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*कुशा चढ़ाने से मुक्ति की प्राप्ति होती है।

*दूर्वा चढ़ाने से आयु में वृद्धि होती है।

*धतुरे के पुष्प शिव को अर्पित करने से संतान की प्राप्ति होती है।

*आंकड़े के फूल अर्पण करने से लंबी आयु की प्राप्ति होती है।

*एक लाख बिल्वपत्र से हर इच्छित वस्तु की प्राप्ति होती है।

*जपाकुसुम से शत्रु का नाश होता है।

*बेला से सुंदर सुयोग्य पत्नी की प्राप्ति होती है।

* हरसिंगार से सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है।

*शमी पत्र व शमी के फूल से मोक्ष की प्राप्ति होती है

*केवड़ा के पुष्प शिव पूजन में निषेध है।

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