Sawan Me Bhagwan Shiv Ke-108 Naam : इस बार 2 माह के सावन में रोज करें 108 नामों का जाप, भूल कर भी करें ये काम, जानिए ?
Sawan Me Bhagwan Shiv Ke-108 Naam : जिसमें संपूर्ण संसार समाहित है वो शिव है। जो आकार, निराकार से परे है। आदि और अनंत है। वैसे तो शिवजी की महिमा अपरंपार है। यह महिमा सावन मास में बढ़ जाती है। इस बार शिव जी के गुणों का बखान करने के लिए 2 माह का सावन है। इसमें भगवान शिव के 108 नामों के साथ ये भी ध्यान दें कि कौन सा काम करें और कौन सा नहीं....
Sawan me Shiv Ji Ke 108 Naam: 4 जुलाई 2023 से शुरू हो रहा 59 -60 दिनों का सावन मास भगवान शिव की आराधना के लिए उत्तम मास है। यह माह भगवान शिव का समर्पित होता है। इस महीने में भक्ति भाव से भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। भगवान शिव की पूजा में बेल पत्र, धतूरा, सफेद फूल, मदार पुष्प, सफेद चंदन , समी की पत्ती, मीठा फल , भांग का काफी महत्व बताया गया है। सच्चे मन से शिव मंत्रों का जाप और शिव चालीसा जरूर पढ़ानी चाहिए। सावन महीने में भगवान् शिव के पूजन को लेकर कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरुरी है। जिससे भगवान शिव की कृपा हमेशा आपके और आपके परिवार पर बनी रहे।इसके साथ ही आज हम आपको भगवान शिव के 108 नाम बताएगें, जिसे सावन में भगवान शिव के सामने बोलने से बाबा प्रसन्न होते हैं। बाबा भोले के इन 108 नामों को जानते हैं-
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शिव के 108 नाम
108 names of Lord Shiva
1-ॐ भोलेनाथ नमः
2-ॐ कैलाश पति नमः
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3-ॐ भूतनाथ नमः
4-ॐ नंदराज नमः
5-ॐ नन्दी की सवारी नमः
6-ॐ ज्योतिलिंग नमः
7-ॐ महाकाल नमः
8-ॐ रुद्रनाथ नमः
9-ॐ भीमशंकर नमः
10-ॐ नटराज नमः
11-ॐ प्रलेयन्कार नमः
12-ॐ चंद्रमोली नमः
13-ॐ डमरूधारी नमः
14-ॐ चंद्रधारी नमः
15-ॐ मलिकार्जुन नमः
16-ॐ भीमेश्वर नमः
17-ॐ विषधारी नमः
18-ॐ बम भोले नमः
19-ॐ ओंकार स्वामी नमः
20-ॐ ओंकारेश्वर नमः
21-ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
22-ॐ विश्वनाथ नमः
23-ॐ अनादिदेव नमः
24-ॐ उमापति नमः
25-ॐ गोरापति नमः
26-ॐ गणपिता नमः
27-ॐ भोले बाबा नमः
28-ॐ शिवजी नमः
29-ॐ शम्भु नमः
30-ॐ नीलकंठ नमः
31-ॐ महाकालेश्वर नमः
32-ॐ त्रिपुरारी नमः
33-ॐ त्रिलोकनाथ नमः
34-ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
35-ॐ बर्फानी बाबा नमः
36-ॐ जगतपिता नमः
37-ॐ मृत्युन्जन नमः
38-ॐ नागधारी नमः
39-ॐ रामेश्वर नमः
40-ॐ लंकेश्वर नमः
41-ॐ अमरनाथ नमः
42-ॐ केदारनाथ नमः
43-ॐ मंगलेश्वर नमः
44-ॐ अर्धनारीश्वर नमः
45-ॐ नागार्जुन नमः
46-ॐ जटाधारी नमः
47-ॐ नीलेश्वर नमः
48-ॐ गलसर्पमाला नमः
49-ॐ दीनानाथ नमः
50-ॐ सोमनाथ नमः
51-ॐ जोगी नमः
52-ॐ भंडारी बाबा नमः
53-ॐ बमलेहरी नमः
54-ॐ गोरीशंकर नमः
55-ॐ शिवाकांत नमः
56-ॐ महेश्वराए नमः
57-ॐ महेश नमः
58-ॐ ओलोकानाथ नमः
59-ॐ आदिनाथ नमः
60-ॐ देवदेवेश्वर नमः
61-ॐ प्राणनाथ नमः
62-ॐ शिवम् नमः
63-ॐ महादानी नमः
64-ॐ शिवदानी नमः
64-ॐ संकटहारी नमः
66-ॐ महेश्वर नमः
67-ॐ रुंडमालाधारी नमः
68-ॐ जगपालनकर्ता नमः
69-ॐ पशुपति नमः
70-ॐ संगमेश्वर नमः
71-ॐ दक्षेश्वर नमः
72-ॐ घ्रेनश्वर नमः
73-ॐ मणिमहेश नमः
74-ॐ अनादी नमः
75-ॐ अमर नमः
76-ॐ आशुतोष महाराज नमः
77-ॐ विलवकेश्वर नमः
78-ॐ अचलेश्वर नमः
79-ॐ अभयंकर नमः
80-ॐ पातालेश्वर नमः
81-ॐ धूधेश्वर नमः
82-ॐ सर्पधारी नमः
83-ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
84-ॐ हठ योगी नमः
85-ॐ विश्लेश्वर नमः
86-ॐ नागाधिराज नमः
87-ॐ सर्वेश्वर नमः
88-ॐ उमाकांत नमः
89-ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
90-ॐ त्रिकालदर्शी नमः
91-ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
92-ॐ महादेव नमः
93-ॐ गढ़शंकर नमः
94-ॐ मुक्तेश्वर नमः
95-ॐ नटेषर नमः
96-ॐ गिरजापति नमः
97-ॐ भद्रेश्वर नमः
98-ॐ त्रिपुनाशक नमः
99-ॐ निर्जेश्वर नमः
100-ॐ किरातेश्वर नमः
101-ॐ जागेश्वर नमः
102-ॐ अबधूतपति नमः
103-ॐ भीलपति नमः
104-ॐ जितनाथ नमः
105-ॐ वृषेश्वर नमः
106-ॐ भूतेश्वर नमः
107-ॐ बैजूनाथ नमः
108-ॐ नागेश्वर नमः
सावन माह में भूलकर भी ना करें ये काम
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव की पूजा करते समय हल्दी का प्रयोग वर्जित माना गया है। क्योंकि हल्दी का संबंध स्त्रियों से जुड़ा माँ जाता है।
- श्रावण मास में शरीर में तेल लगाना अशुभ माना जाता है।
- सावन के माह में भगवान शिव को केतकी का भी फूल भूलकर नहीं चढ़ाना चाहिए। वार्ना अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।
- सावन माह में दूध का सेवन वर्जित है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव का दूध से अभिषेक किया जाता हैं। इसलिए इस पुरे महीने लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इस बात की पुष्टि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी होती है। बता दें कि सावन के महीनों में खेतों में कीट पतंगे होते हैं जिसका सेवन गाय, भैंस घास के साथ कर लेते है। ऐसे में यह हानिकारक बैक्टीरिया दूध के साथ व्यक्ति के शरीर में जाकर कई तरह की बिमारियों को जन्म दे सकता है।
- सावन के मौसम में मांस- मदिरा को भी वर्जित माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पुरे महीने भगवान् शिव की आराधना करते हुए एक सात्विक जीवन जीना चाहिए।
- सावन मास में पेड़ों को काटने से बचना जरुरी है । जबकि इस महीने घर के सदस्यों की संख्या के बराबर पेड़ लगाने की बात का उल्लेख धार्मिक किताबों में मिलता है। मान्यता है कि ऐस करने से घर में तरक्की के साथ सुख-समृद्धि भी आती है।
- सावन मास में बैंगन और साग का सेवन बिल्कुल ही वर्जित माना गया है।
- शास्त्रों के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस महीने में मन में किसी भी तरह के बुरे ख्याल नहीं लाकर पूरी श्रद्धा के साथ भगवान् भोलेनाथ की आराधना करता है उसकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति भगवान् शंकर अवश्य करते हैं।
- धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सावन के माह में बिस्तर में नहीं बल्कि जमीन में लेटना चाहिए।
- इतना ही नहीं सावन मास में लहसुन, प्याज जैसे तामसिक भोजन का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि कहा जाता है कि ऐसे भोजन के सेवन करने से शरीर में क्रोध, वासना आदि की चाहत बढ़ती है जो भगवान शिव की उपासना करने में बाधा उत्पन्न कर सकती है।