Sawan Ka Mantra: सावन में शिवजी के चमत्कारी मंत्रों का जाप करें, मिलेगा चौतरफा लाभ, जानें जलाभिषेक का समय
Sawan Me Khushali Ka Mantra: सावन में खुशहाली का मंत्र, सावन का चौथा सोमवार है अगर अब तक शिव के चरणों में सिर नहीं झुकाया है तो आज भी सच्ची भक्ति और जल के साथ इन मंत्रों से भोलेनाथ को प्रसन्न कर सकते हैं, जानिए कैसे
Sawan Me Khushali Ka Mantra: सावन में खुशहाली का मंत्र, सावन मास में शिव जी ( shiva ji ) की पूजा का खास महत्व है। हर तरफ हरियाली और उल्लास से मन मस्तिष्क में प्रसन्नता रहती है। जो भी भगवान शिव की पूजा-आराधना और व्रत करते हैं या इस मास के सोमवार को ही व्रत करते हैं। सोमवार में शिव के व्रतों, पूजा और शिव जी की आरती का विशेष महत्त्व है। शिव के ये व्रत शुभदायी और फलदायी होते हैं। इन व्रतों को करने वाले पर भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं। यह व्रत भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए किये जाते हैं।व्रत में भगवान शिव का पूजन करके एक समय ही भोजन किया जाता है। व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान कर 'शिव पंचाक्षर मन्त्र' का जप करते हुए पूजन करना चाहिए।
सावन में शिव के चमत्कारी मंत्र
धन वैभव देने वाले शिव मंत्र हर प्रकार का सुख और वैभव पाने के लिए आपको शिवजी के अघोर मंत्र का नित्य 11 बार जाप करना चाहिए।
मंत्र है- ऊँ अघोरेभ्यो अथघोरेभ्यो, घोर घोर तरेभ्यः. सर्वेभ्यो सर्व शर्वेभ्यो, नमस्ते अस्तु रूद्ररूपेभ्यः..
शिक्षा में सफलता देने वाले शिव मंत्र शिक्षा के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए आपको भगवान शिव के इस मंत्र का नित्य 51 बार जप करना चाहिए।
मंत्र है- ऊँ शं शंकराय भवोद्भवाय शं ऊँ नमः.
रिश्तों में मिठास देने वाले शिव मंत्र जीवनसाथी के साथ रिश्तों में मिठास बनाए रखने के लिए आपको शिवजी के इस मंत्र का रोजाना 108 बार जप करना चाहिए।अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों से अच्छे रिश्ते बनाए रखने के लिए सावन महीने के दौरान आपको भगवान शिव के इस मंत्र का रोजाना 366 बार जप करना चाहिए.
मंत्र है- ऊँ शं शं शिवाय शं शं कुरु कुरु ऊँ.
मंत्र है- ऊँ शिवाय नमः ऊँ.
बिजनेस बढाने वाले शिव मंत्र अपने बिजनेस की गति बढ़ाने के लिए साथ ही आप चाहते हैं कि आपका बिजनेस दूसरे शहरों तक जाये तो सावन महीने के दौरान रोजाना आपको भगवान शिव के इस मंत्र का 216 बार जप करना चाहिए।
मंत्र है- ऊँ शं शिवाय शं ऊँ नमः.
पदोन्नति देने वाले शिव मंत्र नौकरी में पदोन्नति के साथ सैलरी में बढ़ोतरी पाना चाहते है तो सावन महीने के दौरान आपको भगवान शंकर के इस मंत्र का रोजाना 21 बार जप करना चाहिए।
मंत्र है- नमामिशमीशान निर्वाण रूपं. विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं..
मंत्र है- ऊँ शं विश्वरूपाय अनादि अनामय शं ऊँ.
सेहत बढ़िया रखने वाले शिव मंत्र अपने स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने के लिए या काफी पहले से चली आ रही स्वास्थ्य संबंधी समस्या से छुटकारा पाने के लिए सावन महीने के दौरान आपको शिव जी के त्र्यम्बक मंत्र का नित्य 31 बार जप करना चाहिए.
मंत्र है- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
गरीबी हटाने वाले शिव मंत्र अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने के लिए सावन महीने के दौरान आपको भगवान शिव के इस मंत्र का नित्य रूप से 51 बार जप करना चाहिए।
मंत्र है- ऊँ शं भवोद्भवाय शं ऊँ नमः..
मनचाहा साथी देने वाले शिव मंत्र मनचाहा वर या वधू पाने के लिए सावन महीने के दौरान आपको शिव जी के इस मंत्र का रोजाना 11 बार जप करना चाहिए. मंत्र है-
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं. चिदाकाश माकाश वासं भजेऽहं..
षड्यंत्र से बचाने वाले शिव मंत्र षड्यंत्र से बचने के लिए सावन महीने के दौरान आपको भगवान शंकर के इस मंत्र का 21 बार रोजाना जप करना चाहिए.
मंत्र है- ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय..
सावन के चौथे सोमवार को कैसे करें शिवजी की पूजा
इस दिन सुबह स्नान-ध्यान से निवृत हो शिवजी का स्मरण करते हुए भक्त व्रत एवं उपवास का पालन करते हुए भजन व पूजन करते हैं।शिवलिंग को सफेद या पीला कपड़ा बिछाकर लकड़ी के पाट पर रखें। मूर्ति को स्नान कराएं और यदि चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करें।पूजन में शिवजी के सामने धूप, दीप अवश्य जलाना चाहिए. जलाए गए दीपक को स्वयं कभी नहीं बुझाना चाहिए।फिर शिवजी के मस्तक पर सफेद चंदन और चावल लगाएं. फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं. फिर उनकी आरती उतारें।पूजन में अनामिका अंगुली (छोटी उंगली के पास वाली यानी रिंग फिंगर) से गंध (चंदन, हीना, अबीर, गुलाल, मोगरा आदि) लगाना चाहिए।
अंत में आरती करें। अंत में उनकी आरती करके नैवेद्य चढ़ाकर पूजा का समापन करें।घर में या मंदिर में जब भी कोई विशेष पूजा करें तो अपने इष्टदेव के साथ ही स्वास्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका, सप्त मातृका का पूजन भी किया जाता है।
सावन के चौथे सोमवार को शुभ योग में करें जलाभिषेक
- अभिजीत मुहूर्त--12:07 PM से 12:59 PM
- अमृत काल-02:41 PM से 04:07 PM
- ब्रह्म मुहूर्त- 04:33 PM से 06:11 PM
- विजय मुहूर्त-02:19 PM से 03:12 PM
- गोधूलि मुहूर्त-06:31 PM से 06:55 PM
- निशिता काल-11:43 PM से 12:24 AM,1 अगस्त
- रवि पुष्य योग--05:24 AM से 06:58 PM
- अमृत 06:00 AM 07:39 AM
- शुभ09:17 AM 10:55 AM
- लाभ (वार वेला) 15:49 PM 17:27 PM