Sawan Shiva Phool Aur Mantra 2022: सावन में इस मंत्र से मोह लेंगे महादेव को, इन फूलों से कट जायेंगे सारे पाप
Sawan Shiva Phool Aur Mantra 2022:सावन में शिव की कृपा पाने के लिए अगर पूरे माह गायत्री मंत्र की एक माला जाप करते हैं और भगवान शिव को मनपसंद फूल चढ़ाते हैं तो अपने मनोरथ पूर्ण कर सकते हैं।शिव पूजन में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप खुद का और अपने परिवार का कल्याण कर सकते है।
Sawan Shiva Phool Aur Mantra 2022
सावन में ये फूल और मंत्र है लाभकारी
आज सावन का दूसरा दिन है 14 जुलाई से सावन की शुरुआत हो चुकी है। हर तरफ हरियाली और शिवभक्ति का माहौल बनने लगा है। शिव सत्व, रज व तमो गुणधारी है। सावन में सदाशिव की पूजा से मुक्ति के द्वार खुल जाते है। जिसमें पूरी सृष्टि समाहित है वो भगवान शिव का पूजन यदि पूरी श्रद्धा से किया जाए तो वे जल्द प्रसन्न होते हैं। पहले लोग ईश्वर को पाने के लिए हजारों हजार साल तक तपस्या करते थे, तब जाकर कही ईश्वर की प्राप्ति होते है। आज भी ईश्वर प्राप्ति का मार्ग सुगम नहीं है। धर्म ग्रंथों में ईष्टदेव को खुश करने के लिए कई उपाय बताए गए है। कभी पूजा तो कभी मंत्र जप से भगवान को खुश किया जाता है। मंत्रों के जाप से ईश्वर की प्राप्ति का मार्ग आसान लगने लगता है। सावन में शिव की कृपा पाने के लिए अगर पूरे माह गायत्री मंत्र की एक माला जाप करते हैं और भगवान शिव को मनपसंद फूल चढ़ाते हैं तो अपने मनोरथ पूर्ण कर सकते हैं।शिव पूजन में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप खुद का और अपने परिवार का कल्याण कर सकते है।
सावन में गायंत्री मंत्र का जाप
हम सबने बचपन से वैदिक गायत्री मंत्र के जाप के बारे में सुना और पढ़ा है। बहुतों ने इसका जाप भी किया होगा , लेकिन क्या आप जानते है 24 अक्षर के इन मंत्रों में ईश्वर की कितनी शक्ति है। वैदिक ग्रंथों में गायत्री मंत्र में छिपे रहस्य को बताया गया है। हिंदू धर्म में वेदों का स्थान सर्वोच्च है। इन्हें ब्रह्म-ज्ञान भी कहते हैं। इन ब्रह्म विज्ञान की संख्या 24 है और गायत्री मंत्र में भी 24 अक्षर ही निहित है। ब्रह्म विज्ञान में 4 वेद, 4 उपवेद, 4 ब्राह्मण, 6 दर्शन और 6 वेदांग हैं। इनका जोड़ 24 है।
वाल्मीकि रामायण में हर एक हजार श्लोकों के बाद गायत्री के एक अक्षर का सम्पुट है। श्रीमद् भागवत के बारे में भी यही बात सत्य है। कहते गायत्री मंत्र के जाप से आत्मा शुद्ध हो जाती है। इससे मन शुद्ध रहता है। मंत्र के रोज जाप से स्मरण शक्ति तीव्र होती है। ये भी कहा गया है कि इस मंत्र का जाप कभी भी व्यर्थ नहीं होता है। कलयुग में जप,तप और भक्ति का सुगम उपाय गायत्री मंत्र में निहीत है। ये मंत्र है...
ॐ भूर्भुव: स्व:
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो न: प्रचोदयात्।
वेदों का सर्वश्रेष्ठ मंत्र गायत्री मंत्र को कहा गया है। इसका जप दिन में तीन बार करना चाहिए। गायत्री मंत्र के जप का पहला समय है सुबह सूर्योदय से थोड़ी देर पहले, दूसरा समय है दोपहर का और तीसरा समय है शाम को सूर्यास्त के कुछ देर पहले मंत्र जप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जप करना चाहिए। इन तीन समय के अतिरिक्त यदि गायत्री मंत्र का जप करना हो तो मौन रहकर या मानसिक रूप से जप करना चाहिए। मंत्र जप तेज आवाज में नहीं करना चाहिए। इस मंत्र का अर्थ है सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, वो परमात्मा का तेज हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।
गायत्री रोज सुबह करें जाप
इस मंत्र को करने की भी एक विधि होती हैं। आप जब भी गायत्री मंत्र का जप करें तो हमेशा रुद्राक्ष की माला से ही करना चाहिए। दिन में कम से कम इस मंत्र का जप ७ पर करना हैं। सुबह के समय करने से मन को शांति मिलती है।
गायत्री मंत्र के जाप से मन शांत रहता है। हर तरह की बाधा दूर होती है। बच्चों को पढ़ाई में मन लगता है । चेहरे पर गजब की चमक आती है। किसी तरह की की बीमारी नहीं होती। इस मंत्र का जाप करने वाला इंसान कभी कोई अनिष्ट नहीं करता है। पाप से दूर रहता है।
सावन में चढ़ाये भगवान शिव को ये पुष्प
ऐसी मान्यता है रोज सुबह सावन में गायत्री मंत्र का जाप और इन फूलों को भगवान शिव को चढ़ायें तो हर इच्छा पूरी होने के साथ धन-वैभव और अच्छा परिवार मिलता है।
- कहते हैं कि चमेली के फूल चढ़ाने से वाहन सुख मिलता है, जो भक्त वाहन सुख चाहता है, वह चमेली के पुष्प को शिवलिंग पर श्रद्धाभाव से अर्पित करें।
- अलसी के पुष्प से पूजन करने वाला भक्त भगवान विष्णु का भी प्रिय हो जाता है, अर्थात उसे भगवान शिव के साथ ही भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है।
- राई का फूल चढ़ाने से शत्रु परास्त होते है और बेल पत्र चढ़ाने से मनुष्य की सर्व मनोकामना की पूर्ति होती है।
- शमी पत्रों से पूजन करके मनुष्य मोक्ष प्राप्त करता है। मदार के पुष्पों से पूजन करने से नेत्र व हृदय विकार दूर होते हैं।
- धतूरा अगर भगवान शिव को अर्पित किया जाता है तो इससे विषैले जीवों से खतरा नहीं रहता है। बेला के फूल चढ़ाने से मनचाहा वर या वधु की प्राप्ति होती है। जूही के पुष्प से भगवान का पूजन अर्चन किया जाए तो भक्त के घर में अन्न की कभी कमी नहीं होती है।
अगर सावन के पहले दिन इन कामों के नही किया तो कोई बात नही, अभी आपके पास 11 अगस्त तक का समय है आप इन उपायों से अपनी किस्मत को नया आयाम दे सकते हैँ।