शनि अमावस्या पर करें ये काम, ना करें ऐसे काम जो पहुंचाएंगे नुकसान
शनिवार को पड़ रही अमावस्या को शनि या शनैश्चरी अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक दृष्टि से इसे बेहद शुभ माना जाता है। इस बार शनि अमावस्या 4 मई को पड़ रही है। सूर्य पुत्र शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है।
जयपुर : शनिवार को पड़ रही अमावस्या को शनि या शनैश्चरी अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक दृष्टि से इसे शुभ माना जाता है। इस बार शनि अमावस्या 4 मई आज है। सूर्य पुत्र शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनि अमावस्या पर कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, वरना धन हानि होने की आशंका होती है। इन कामों के बारे में जिन्हें शनैश्चरी अमावस्या के दिन नहीं करना चाहिए।
न करें ये काम अमावस्या की रात किसी भी तरह श्मशान घाट या कब्रिस्तान के आसपास ना जाएं। क्योंकि इन जगह नकारात्मक ऊर्जा हावी रहती है और अमावस्या की रात को ये ऊर्जा अपनी चरम सीमा पर रहती हैं।
शनि अमावस्या को तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए और सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। तामसिक भोजन जैसे मांस-मदिरा आदि से शनि देव प्रकोपित होते हैं और इसके नकारात्मक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
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कभी भी गरीब व असहाय लोगों को परेशान नहीं करना चाहिए। क्योंकि शनिदेव गरीब लोगों को कष्ट देने वाले लोगों को सजा देते हैं और उन्हें भी दरिद्रता भोगनी पड़ती है।
शनि अमावस्या के दिन गलती से भी अपने घर लोहा या लोहे से बनी चीजें, नमक, काली उड़द दाल, काले रंग के जूते और तेल घर में नहीं लाना चाहिए। मान्यता है कि इन चीजों को घर लाने से दरिद्रता आती है।
दान करें शनि अमावस्या के दिन काली उड़द काले जूते, काले वस्त्र, काली सरसों का दान करें। 800 ग्राम तिल तथा 800 ग्राम सरसों का तेल दान करें। काले कपड़े, नीलम का दान करें। हनुमानजी को चोला चढ़ाएं। हनुमान चालीसा का अधिक से अधिक दान करें। काले कपड़े में सवा किलोग्राम काला तिल भर कर दान करें। पीपल के वृक्ष पर सात प्रकार के अनाज चढ़ाकर बांट दें।