अमावस्या को शनि जयंती मनाकर करें शनिदेव को प्रसन्न, होगा हर कष्ट दूर

शनिदेव को काला रंग अधिक प्रिय है। शनि को प्रसन्न करने के लिए काले तिल, काली उड़द की दाल का भोग लगाया जाता है। इस दिन अपनी सामर्थ्य अनुसार दान देना चाहिए।

Update: 2019-06-03 02:42 GMT

जयपुर:ज्येष्ठ माह की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन सूर्यपुत्र शनिदेव का जन्म हुआ। इस दिन न्याय के देवता शनिदेव की पूजा करने से दोष दूर होते हैं। जो लोग किसी से धोखाधड़ी नहीं करते, किसी के साथ अन्याय नहीं करते, किसी पर अत्याचार नहीं करते उन पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है।

शनिदेव को काला रंग अधिक प्रिय है। शनि को प्रसन्न करने के लिए काले तिल, काली उड़द की दाल का भोग लगाया जाता है। इस दिन अपनी सामर्थ्य अनुसार दान देना चाहिए। शनिदेव की पूजा से मानसिक संताप दूर हो जाते हैं। घर परिवार में शांति बनी रहती है।

पूजा में बर्तनों का इस्तेमाल करते वक्त रखें कुछ महत्वपूर्ण बातों का ख्याल

शनिदेव की आराधना से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। इस दिन मंदिर में शनिदेव के साथ हनुमान जी के दर्शन अवश्य करना चाहिए। इस दिन किसी जरूरतमंद को तेल में बने खाद्य पदार्थों का सेवन कराना चाहिए। गाय और कुत्तों को भी तेल में बने पदार्थ खिलाने चाहिए। बुजुर्गों व जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए।

शनि की मूर्ति के सामने खड़े होकर पूजा नहीं करना चाहिए। शनिदेव की मूर्ति को देखते समय उनकी आंखों में नहीं देखना चाहिए। शनिदेव की पूजा करते समय मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।

शनिदेव को काले तिल और खिचड़ी का भोग लगाएं। शनिदेव की पूजा में नीले या काले रंग का प्रयोग करना चाहिए। शनि जयंती के दिन किया गया दान कष्टों को दूर कर देने में सहायक होता है।

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